केतन पारेख: मार्केट मार्केट सेबी ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए उन तीन लोगों को सामने खड़ा कर दिया है, जिन पर ‘फ्रंट-रनिंग’ डॉक्यूमेंट्री का आरोप है। इसके विपरीत 65.77 करोड़ की अवैध कमाई है। हालाँकि, यह कोई पहली बार नहीं, बल्कि केतन इससे पहले भी कई शेयर बाजार घोटालों में खोये जा चुके हैं। शेयर बाजार में कमाई करना उन्हें ऐसी लता है, जो शेयर बाजार में छूट नहीं है।
केतन पर पहले भी लग चुका है बैन
सेबी ने शेयर बाजार में केतन के किसी भी तरह की भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले भी 2003-2017 तक प्रतिबंध लगाया गया था। हालाँकि, बैन के दौरान भी वह किसी भी तरह से मार्केट में बढ़त हासिल कर रही थी, फर्म और फ्रंट के जरिए काम कर रही थी, इसी वजह से साल 2009 में 26 शेयर्स के साथ उनकी ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई थी। आख़िरकार साल 2023 में एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर एक निवेशक से 2 करोड़ रुपये की कमाई करने के आरोप में उन्हें दोषी ठहराया गया।
हर्षद मेहता से केतन ने सिखाया गुर
केतन पालाइन ने शेयर मार्केट के मार्केटर्स हर्षद मेहता से सीखी थी, जिसे शेयर मार्केट का बड़ा बुल भी कहा गया था। हर्षद ने 1980-1990 के दशक में स्टॉक मार्केट को हिलाकर रख दिया था। आरबीआई के मुताबिक, अपने दांव-पेंच से हर्षद ने करीब 4025 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। उन्होंने शेयर मार्केट में इनवेस्टर्स की धारणा को बिल्कुल खत्म कर दिया था। केतन ने उसी का लाभ उठाया। उन्होंने मीट के मॉडल को बढ़ावा देने के लिए शेयर किया।
इन संस्थानों को केतन ने बनाया लाभ
90 के दशक में भारी वित्तीय संकट से गुजर रही चेन्नई की सॉफ्टवेयर कंपनी पेंटाफोर को केतन ने अपना अधिग्रहण कर लिया। उन्होंने प्रोमोटर्स के साथ मिलकर कंपनी के सारे शेयर नीचे दिए और उन्हें भी शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कंपनी का शेयर खरीददार भी शुरू कर दिया। इससे पेंटाफोर्स सॉफ्टवेयर की कीमत 175 रुपये से लेकर 2,700 रुपये तक पहुंच गई। इसे पेंटाफोर्फ़ फ़ॉर्मूले का नाम दिया गया।
एसोसिएट से चार्टर्ड अकाउंटेंट केतन ने ये पेंटाफोर फॉर्मूला 10 कंपनी के साथ एसोसिएट, जिसका नाम के-10 यानि केतन-10 रखा गया है। इनमें पेंटामीडिया स्टॉक, एचएफसीएल, जेटीएल, सिल्वरलाइन टेक्नोलॉजीज, रेनबैक्सी, जी टेलीफिल्म्स, ग्लोबल ट्रस्ट बैंक, डीएसक्यू सॉफ्टवेयर, एफटेक इन्फोसिस और एस सर्विसेज शामिल हैं। पेंटाफोर की तरह विज़ुअलसॉफ्ट जैसे स्टॉक की कीमत 625 रुपये से लेकर 8,448 रुपये प्रति शेयर और सोनाटा सॉफ्टवेयर की कीमत 90 रुपये से लेकर 2,150 रुपये तक हो गई।
इस तरह से इनवेस्टर्स को झाँसे में ले जाया गया
खुलासे से पता चला कि केतन सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से K-10 स्टॉक आर्टिफिशियल डिज़ाइन का जन्म हुआ और अपनी टीम के साथ मिलकर एक ही समय में एक ही कीमत पर एक लिमिट ऑर्डर दिया गया, जिससे ट्रेडिंग में उछाल आया।
झांसे में सीधा-सादे स्ट्रैटेजी इन्वेस्टर्स स्टॉक में पैसा कमाने के लिए फिल्में और इस तरह से जालसाजी का शिकार हो जाते हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में जब डॉट-कॉम का दौर शुरू हुआ, तो उद्यम के पसंदीदा स्टॉक को नुकसान पहुंचा। स्टॉक में तेजी से गिरावट आई, जिससे गिरवी के रूप में शेयरों में उछाल आया। बैंक वापस लोन काजोल लागे या अधिक निकोलस गिरवीं रिके की डिजायन करने लगे।
केतन को हुई थी जेल
शेयर बाजार में आई इस बड़ी गिरावट की सेबी और आरबीआई ने जांच की तो केतन का नाम सामने आया। पता चला कि केतन ने शेल कंपनी और बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लिया. शेयर बाजार में आई ये खबर, डूब गया लोगों का पैसा. उस वक़्त केतन को तीन साल की सज़ा हुई थी, लेकिन बाद में उसे ज़मानत से छूट दे दी गई थी।
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