कितना घातक है एचएमपीवी वायरस चाइना सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन बताता है मृत्यु दर पर


एचएमपीवी वायरस: चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। ये वायरस अब धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसारने लगा है. भारत में अब तक इस वायरस के पांच मामले सामने आ चुके हैं. इन सबके बीच चीन के रोग एवं नियंत्रण रोकथाम केंद्र ने वायरस के कारण वाली मृत्यु दर के बारे में बताया है।

चीन के सीडीसी ने कहा, “बच्चे, उपकरण क्षमता कम वाली आबादी और बुजुर्ग मछुआरे होते हैं और उनके अन्य सांस संबंधी वायरस से दौरे पड़ने की संभावना अधिक होती है। एमपीवी में अक्सर सामान्य रक्तचाप के लक्षण पैदा होते हैं जिनमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना शामिल है।” होना और घरघराहट होना शामिल है, लेकिन कभी-कभी गंभीर मामलों में ये ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है।”

इस वायरस से लोगों की हो सकती है मौत?

सीडीसी ने आगे कहा, “अगर कोई भी मेडिकल मेडिकल कंडीशन में है तो एचएमपीवी के संक्रमण से मृत्यु हो सकती है। 2021 में लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित एक लेख के आंकड़ों के आधार पर अगर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में श्वसन संक्रमण होता है तो एक प्रतिशत संभावना है कि एचएमपीवी के कारण मृत्यु हो सकती है। वर्तमान समय में एचएमपीवी के खिलाफ कोई टीका या प्रभावी दवा नहीं है और ज्यादातर दवाओं को कम करने के लिए उपचार होता है।

इस वायरस का भारत पर कितना असर होगा?

चीन में एचएमपीवी का प्रकोप रिया के बीच, स्वास्थ्य सेवा अस्पताल डॉ. अतुल गोयल ने देश की जनता का आकलन करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने लोगों से सामान्य सावधानी बरतने का आग्रह किया। मीडिया से बात करते हुए बोले डॉ. गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल सांस संबंधी संक्रमण के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।

उन्होंने कहा, ”एचएमपीवी किसी भी और संबंधित सांस संबंधी वायरस की तरह है जो सामान्य बुखार का कारण बनता है। ये बहुत से नवजात शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों में फ्लू के लक्षण पैदा हो सकते हैं। का विश्लेषण किया गया है। 2024 के आंकड़ों में किसी भी मामले में श्वसन संक्रमण का प्रकोप होता है और हमारे अस्पताल इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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