छत्तीसगढ़ में 11वीं कक्षा की छात्रा ने भगवान शिव की भक्ति में अपनी जीभ काट ली

छत्तीसगढ़ में 11वीं कक्षा की छात्रा ने भगवान शिव की भक्ति में अपनी जीभ काट ली


ट्रेंडिंग वीडियो: श्रद्धा और अंधविश्वास दोनों में ज़मीन आसमान का फर्क होता है। श्रद्धा से न तो कभी-कभी मानवीय परेशानियां और दर्द सामने आते हैं और न ही उन्हें ऐसे अनुभव का सामना करना पड़ता है। लेकिन अंधविश्वास या अंधश्रद्धा ऐसी चीज है जिससे परिवार का परिवार टूट जाता है। सोशल मीडिया पर आपने अंधविश्वास के ऐसे कई मामले देखे होंगे, जिसमें कोई अपना हाथ काटता है तो कोई सिर झुकाता है। देश में कई साडी एग्रीकल्चर केवल नाइट्रोजन के होते हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया है, जहां 11वीं सदी में पढ़ी गई एक आकाशगंगा ने अपनी कब्र पर भगवान शिव को समर्पित कर दी थी। जैसे ही घर वालों और पार्टनर्स को इसकी खबर लगी, हर तरफ तनाव और तकलीफ मच गई।

11वीं सदी के स्तम्भ ने खुद की जीभ को काट डाला

बता दें कि छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के देवघराचा के अचरीपाली में एक 16 साल की लड़की ने भगवान शिव की साधना करते हुए अपनी जीभ से बाली को तबाह कर दिया। इसके बाद ऑर्केस्ट्रा ने खुद को मंदिर के अंदर कैद कर लिया और भगवान की साधना में लीन हो गए। जैसे ही इस मामले का पता लोगों को चला, पुलिस को सूचित किया गया, लेकिन रिवाल्वर ने पुलिस को मंदिर में प्रवेश से रोक दिया। परिवार और गांव वालों का कहना है कि लड़की मंदिर में भक्ति में लीन है, इसके बाद जब आला अधिकारी आए तो उन्होंने मंदिर को चारों ओर से घेर लिया और लड़की को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया।

इससे पहले पुजारी ने कट ली थी अपनी ही गर्दन

ये पहला मौका नहीं है जब किसी ने अंधविश्वास के खिलाफ ऐसा कदम उठाया हो, इससे पहले भी वाराणसी के गायघाट नोएडा इलाके में एक हैरान करने वाली घटना घटी थी, जिसने पूरे जिले को चौंका कर रख दिया था। माँ काली के प्रति अपार आस्था को बनाए रखने वाले पुजारी ने दर्शन न मिलने से लेकर अपने आप की गर्दन को ही काटा था। इसके बाद पुजारी को लहुलुहान में शामिल कर लिया गया, उन्हें ले जाकर बीएचयू के ट्रामा सेंटर में ले जाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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उपभोक्ता ने दिए ये आर्टिकल

वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, देखते ही देखते ये वायरल हो गया, बाद में उपभोक्ता ने वीडियो को लेकर तरह-तरह की रायशुमारी की। एक अविश्वासी ने लिखा…अंधविश्वास ने पूरे देश का बंटाधार कर रखा है। एक और संगीतकार ने लिखा…किस तरह के लोग हैं, भक्ति में अपनी जान दे का राज कहाँ से आ गया। तो वहीं एक और राक्षस ने लिखा….ये किस तरह के लोग हैं, कहां से आते हैं ये लोग.





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