बिना इंटरनेट के यूट्यूब वीडियो कैसे देखें, जानिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस, टेक टिप्स हिंदी

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यूट्यूब: यूट्यूब मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। यहां पर फिल्में, फिल्म और वेब सीरीज समेत हर तरह की फिल्में उपलब्ध हैं। हालाँकि, कभी-कभी इंटरनेट की कमी या स्लो नेटवर्क की वजह से वीडियो देखने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में यूट्यूब का नेशनल डाउनलोड फीचर बहुत मददगार साबित होता है। यह सुविधा आपको अपनी पसंदीदा फिल्में और वीडियो बिना इंटरनेट के देखने की सुविधा देती है। आइए जानते हैं यूट्यूब पर मूवीज को ऑनलाइन डाउनलोड करने का सही तरीका क्या है।

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यूट्यूब ऐप डाउनलोड करें

सबसे पहले अपने स्मार्टफोन पर यूट्यूब का नवीनतम संस्करण डाउनलोड करें। यह सुविधा केवल मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है, इसलिए कंप्यूटर या स्टोर से यह संभव नहीं है।

मूवी या वीडियो सर्च करें

YouTube ऐप सर्च करें और वह मूवी या वीडियो देखें जिसे आप डाउनलोड करना चाहते हैं।

डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें

जब आपकी मूवी या वीडियो स्क्रीन पर आ जाए, तो नीचे दिए गए साइड डाउनलोड बटन पर क्लिक करें। यह बटन केवल नीरस वीडियो के लिए उपलब्ध है जिसमें डाउनलोड करने की अनुमति दी गई है।

वीडियो क्वालिटी चुनें

डाउनलोड बटन पर क्लिक करें और बाद में आपको वीडियो क्वालिटी मॉडल का स्थान मिलेगा। आप लो, डोमेन या उच्च गुणवत्ता में से अपनी पसंद के अनुसार चयन कर सकते हैं।

डाउनलोड की पुष्टि करें

गुणवत्तापूर्ण संस्करण डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें। वीडियो डाउनलोड होना शुरू हो जाएगा और आपकी लाइब्रेरी या ऑफलाइन सेक्शन में वीडियो की सेवा शुरू हो जाएगी।

बिना इंटरनेट कैसे देखें?

एक बार डाउनलोड करने के बाद आप इसे कभी भी बिना इंटरनेट के भी देख सकते हैं। बस YouTube ऐप डाउनलोड करें, लाइब्रेरी में जाएं और डाउनलोड करने पर क्लिक करें। यहां आपके सभी ऑनलाइन वीडियो उपलब्ध हैं। इस प्रकार, YouTube का यह फीचर आपको बिना इंटरनेट की पसंदीदा फिल्में देखने की सुविधा देता है।

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मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इन सेक्टर पर 13 अरब डॉलर का निवेश किया है

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रिलायंस इंडस्ट्रीज: मुकेश अंबानी के रिलायस इंडस्ट्रीज ने पिछले पांच सागरों में तेल और पेट्रोकेमिकल कारोबार से हटकर कई अन्य क्षेत्रों में बड़ा निवेश किया है। RIL ने रिन्यूएबल एनर्जी, स्पेक्ट्रम, स्ट्रेटेमा और मीडिया सेक्टर में कुल 1.13 लाख करोड़ का निवेश किया है। ताकि न केवल ग्रीन एनर्जी का उत्पादन किया जा सके, बल्कि इन सेक्टरों में स्टार्स की पार्टिकल्स को भी पूरा किया जा सके।

आरआईएल ने कार्किनोस स्टैटिस्टिक्स को 375 करोड़ रुपये में खरीदा

मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑन्कोलॉजी प्लेटफॉर्म कार्सिनोस स्कॉफ़ ने 375 करोड़ रुपये की खरीदारी की और 100 प्रतिशत प्रतिशत हासिल किया। इससे HAGI, नेटमेड्स और स्ट्रैंड लाइफ साइंसेज में निवेश के बाद डायग्नोस्टिक और डिजिटल ऑक्सफोर्ड इकोसिस्टम में RIL ने एक और बड़ा योगदान दिया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले पांच सालो में रिलांयस ने कई सेक्टरों में 13 अरब डॉलर खर्च किए। इनमें से ऊर्जा के क्षेत्र में 14 प्रतिशत (1.7 अरब डॉलर) खर्च हुआ, जबकि प्रौद्योगिकी, मीडिया और विचारधारा के क्षेत्र में 48 प्रतिशत (8.6 अरब डॉलर) खर्च हुआ। इसी के साथ 9 प्रतिशत स्ट्रेटेसिटी सेक्टर में खर्च किया गया, जबकि स्वास्थ्य में निवेश जारी है।

इन सेक्टर में भी कंपनी ने खर्च किया

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, इनमें से 6 अरब डॉलर मीडिया और शिक्षा क्षेत्र के कार्यालयों में और 2.6 अमेरिकी डॉलर स्टार्टअप और इंटरनेट वर्टिकल में खर्च किए गए। रिलाएंस ने हैथवे केबल एंड डेटाकॉम लिमिटेड को 981 मिलियन डॉलर में खरीदा, जो डीएसेस फाइव सीलेंट कंपनी की सबसे बड़ी संपत्ति थी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरआईएल ने नॉर्वे में स्थित एसोसिएट फर्म जस्टडायल कोलाइक्स में 771 मिलियन डॉलर और सर्च एंड स्ट्रक्चर्स फर्म जस्टडायल कोलाभ में 767 मिलियन डॉलर का खर्च उठाया है।

मॉर्गन स्टेन के अनुसार, कैंसर कैंसर का जल्द से जल्द पता लगाया जाता है और इसके लिए प्रभावशाली तकनीक का समाधान किया जाता है। कार्किनोस के अन्य उद्यमियों में टाटा ग्रुप, राकुटेन, मेयोक्लिन और हीरो उद्यम शामिल हैं।

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मुफासा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन 12 हॉलीवुड फिल्म 2024 में भारत में दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई

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मुफासा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन 12: बैरी जेनिकिंस की फिल्म मुफासा द लॉयन किंग के लिए इंडियन ऑडियंस की शुरुआत ही दिलचस्प दिख रही थी। यही वजह रही कि 20 दिसंबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर किंग अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्परा 2 और क्रिसमस को रिलीज हुई वरुण धवन की फिल्म बेबी जॉन के बीच शानदार कमाई की।

फिल्म ने 9 दिन में ही 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था, जो किसी भी विदेशी फिल्म के लिए भारत में एक महान चरित्र कहा जा सकता है। फिल्म ने अब 12वें दिन एक और कमाल कर दिया है। भारत में 2024 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली रियलिटी फिल्म हॉलीवुड फिल्मों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है।

मुफ़ासा का बॉक्स ऑफिस ऑफ़लाइन

मुफासा की कमाई से जुड़ी 12वें दिन के शुरुआती आंकड़े में शामिल फिल्म ने अभी तक भारत में हर दिन कितनी कमाई की है और फिल्म का कुल बॉक्स ऑफिस कितना हो गया है, ये सब आपको नीचे वाली टेबल पर देखना होगा।

बता दें कि ये डेटा सैकनिलक पर उपलब्ध डेटा के अनुसार हैं और शाम 5:25 बजे तक के हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं.

















दिन कमाई (करोड़ रुपए में)
पहला दिन 8.3
दूसरा दिन 13.25
तीसरा दिन 17.3
चौथा दिन 6.25
पांचवां दिन 8.5
छठवां दिन 13.65
सातवां दिन 7
आठवां दिन 6.25
नौवां दिन 9.6
दसवां दिन 11.6
बारहवें दिन 5
बारहवें दिन 3.23
टोटल 109.93

मुफासा ने इलेक्ट्रॉनिक्स गॉडजिला एक्स कांग्रेस का रिकॉर्ड

मुफासा ने साल 2024 में ही रिलीज हुई गॉडजिल एक्स कांग्रेस के बॉक्स ऑफिस का रीकॉर्ड तोड़ दिया है। फिल्म ने भारत में 106.99 करोड़ रुपये कमाए थे। मुफ़ासा आज इससे आगे निकल गया है।

इसी के साथ मुफासा साल 2024 में भारत में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की लिस्ट में अब दूसरे नंबर पर है। इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर अब भी मार्वल के नटखट सुपरहीरो डेडपूल और गुसेल सुपरहीरो वुल्विन की जोड़ी है। दोनों की फिल्म डेडपूल एंड वुल्वरीन भारत में आई 136.15 करोड़ रुपये कमाए हैं.

शाहरुख खान, महेश बाबू और आर्यन की आवाज का जादू

फिल्म के हिंदी डब संस्करण में शाहरुख खान मुफ़ासा की आवाज़ बनी हैं, तो उनके बेटे आर्यन खान सिंबा की। शाहरुख के सबसे छोटे बेटे अबराम ने शावक मुफासा को आवाज दी है। इसके अलावा, संस्करण संस्करण में महेश बाबू ने मुफासा को अपनी आवाज दी है।

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टैरो कार्ड रीडिंग ऑनलाइन राशिफल नया साल मुबारक 01 जनवरी 2025 टैरो राशिफल

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टैरो राशिफल 01 जनवरी 2025: नया साल 2025 (नया साल 2025) आपके जीवन में क्या बदलाव वाला है जाने टैरो कार्ड की गणना से। टैरो कार्ड से भी दैनिक जीवन में खोई हुई अच्छी बुरी घटनाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। रविवार, 01 जनवरी 2025 का दिन बिजनेस, बिजनेस, शिक्षा, लव लाइफ और जॉब आदि को लेकर कैसा रहने वाला है, आइए जानते हैं सभी बिजनेस टैरो राशिफल-

मेष टैरो राशिफल (मेष टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना बता रही है कि मेष राशि के विद्यार्थियों को कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आप अपनी बुद्धि से स्थिति मित्र बनें। पुत्र स्तुति भविष्य की ओर ब्रह्माण्ड होगा।

वृषभ टैरो राशिफल (वृषभ टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना बता रही है कि वृषभ राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य का परीक्षण आज तक रखना है। मौसम बदलने से स्वास्थ्य खराब हो सकता है, माता-पिता से अनबन की संभावना है, अलौकिक क्रोध नहीं हो सकता। मानसिक सिद्धांत निर्णय लेकर काम करें।

मिथुन टैरो राशिफल (मिथुन टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना बता रही है कि मिथुन राशि के जातकों को देखना, सोचना-समझना जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें आपकी वाणी से कोई आहत न हो यदि आप अपनी बातों पर नियंत्रण नहीं रख पाते तो आप अच्छा अवसर खो सकते हैं।

कर्क टैरो राशिफल (कर्क टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड बता रहे हैं कि कर्क राशि वाले अपना रुका हुआ धन वापस पा सकते हैं। यद्यपि संत पक्ष की ओर से कुछ नमूनों का सामना किया जा सकता है, कुल मिलाकर यह एक मिश्रित समय है।

सिंह टैरो राशिफल (लियो टैरो राशिफल)-

सिंह राशि के जातकों के लिए आज का दिन आय के नए स्रोत खुलेंगे। आपका शांत चित्त आपको आज कई पोर्टफोलियो से बचाएगा। साथ ही आपके यश मान प्रतिष्ठा में वृद्धि देखने को मिले।

कन्या टैरो राशिफल (कन्या टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना बता रही है कि कन्या राशि वालों के लिए आज व्यावसायिक स्थिति आशा जनित रहेगी, किसी नए उत्पाद या सेवा को शुरू करने में सफलता मिल सकती है, व्यवसाय का विस्तार करने के लिए समय अनुकूल है।

तुला टैरो राशिफल (तुला टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना के अनुसार, राशि वालों के लिए समय बहुत ही शानदार रहने वाला है। व्यापार असमानता और नौकरी पेशा दोनों के लिए धन लाभ का समय है, इस अवधि में आप अपने प्रतिनिधियों पर हावी रहेंगे।

वृश्चिक टैरो राशिफल (वृश्चिक टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड्स की गणना से पता चलता है कि वृश्चिक राशि वालों को पारिवारिक सुख और धन की प्राप्ति होगी, इस समय आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा और काफी समय से चली आ रही है और स्वास्थ्य संबंधी संबद्धता से मुक्ति मिलेगी।

धनु टैरो राशिफल (धनु टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड के अनुसार, धनु राशि के लोगों के लिए आज नया कार्य जारी होगा। साथ ही आज आपको जटिल समस्याओं का समाधान मिलेगा, नई हुई धन की स्थिति अब राहत राहत वाली होगी।

मकर टैरो राशिफल (मकर टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड बताते हैं कि मकर राशि वालों का घर, गृहस्थी, दांपत्य से संबंधित मामलों का तनाव भी ठीक होगा। नवीन उद्यम में मित्र वर्ग से चौथा सहयोग आवश्यक।

कुंभ टैरो राशिफल (कुंभ टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना बता रही है कि कुंभ राशि के जातकों का मानसिक तनाव भी कुछ कम होगा। संत से जुड़ा मामला भी काफी कम हो जरूरी. सरकारी नौकरी में लाभ होगा.

मीन टैरो राशिफल (मीन टैरो राशिफल)-

टैरो कार्ड की गणना बता रही है कि मीन राशि वालों का आज भाग्य और धर्म आदि बातों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। अनाज के क्षेत्र में एक बदलाव बड़ा भी देखने को मिलेगा। रिज़र्व में पुनः आरंभ स्टार्टअप्स पर होगी।

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‘पीएम मोदी वहां मौजूद हैं तो सौरी क्यों नहीं बोलेंगे’, सीएम बीरेन सिंह पर भड़के विपक्षियों ने कांग्रेस को दी आजादी की छूट

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मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस: देश के ऑटोमोबाइल राज्य उद्यमों में पिछले वर्ष से जातीय संघर्ष जारी है। विरोधाभास लेकर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को आजाद कहा तो वहीं कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार कटाक्ष करते हुए कहा कि वो देश और दुनिया की यात्रा कर रहे हैं लेकिन वो नेता वहां के लोगों से आजाद क्यों नहीं मांगते?

कट्टरपंथियों के समर्थक राकेश ने सोशल प्लेटफॉर्म मीडिया एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से विचारधारा के लोग उनकी समझ को समझ नहीं पा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कार्टूनिस्ट टूर से भागने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, ”वहाँ के प्रधान मंत्री भी यही बात क्यों नहीं कह सकते? उन्होंने 4 मई, 2023 को राज्य का दौरा करने का कार्यभार संभाला है, जबकि वह देश और दुनिया भर में यात्रा कर रहे हैं।

बीरेन सिंह ने जनता से पिछली प्रतिक्रिया को भूलने की अपील की

स्टॉकहोम के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य में जातीय संघर्ष के लिए मंगलवार को नरम और समृद्ध राज्य में एक साथ रहने की अपील की। प्रदेश में हुए जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए।

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अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष: बंधकों की वजह से पाकिस्तान से भिड़ गया तालिबान!

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<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">अफगानिस्तान की सत्ता पर आतंकी संगठन तालिबान ने अब पाकिस्तान पर कब्ज़ा करने का मन बना लिया है। पाकिस्तान के एक सैन्य गुट पर तालिबानी आतंकियों का कब्ज़ा भी हो चुका है. अब धीरे-धीरे वो-दारा लेकर पाकिस्तान में पैसिफिक हो रहे हैं, लेकिन जो पाकिस्तान इंस्टीट्यूट का सबसे बड़ा ईसा मसीहा है और जो अफगानिस्तान बिजनेसमैन का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर है, उनके बीच ऐसी नौबत खत्म क्यों हुई। जिन दो देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता बना हुआ है, गोला-बारूद-हथियार-आटंकी, जब जिनको जरूरत पड़ी, दूसरे देशों ने उन्हें पूरा कर दिया, उनके बीच ऐसा क्या हुआ कि दोनों एक दूसरे का रिश्ता ही खत्म हो गया चाहते हैं. मारे गए अफगानिस्तान के गठबंधन तालिबान के प्रति पाकिस्तान से इतनी नफरत क्यों हो गई और इस नफरत के लिए वो जिम्मेदार हैं, करीब 130 साल पहले ही इस दुश्मनी की नींव रखी गई थी। आज बात विस्तार से. इसे डूरंड लाइन कहा जाता है. 2670 किमी लंबी यह सीमा एक सिरा चीन और दूसरे ईरान से मिलती है। यही डूरंड लाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई की असल वजह है, जिसका इतिहास करीब 130 साल पुराना है। तब भारत पर अंग्रेजों का शासन था और शासन का विस्तार करने के क्रम में अंग्रेजों ने वर्ष 1839 में अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था। तब कहा गया था कि अंग्रेजी राज में कभी सूरज नहीं डूबता था, लेकिन अफगानिस्तान में ब्रिटिश का डूबता था। जंग में शुरुआती किताब के करीब दो साल बाद बांग्लादेशी सेना ने अंग्रेजी सेना को मात दे दी और बांग्लादेश को अफगानिस्तान से खाली हाथ लौटा दिया।

अंग्रेजों ने हार नहीं मानी। सबसे पहले अंग्रेजी-अफगान युद्ध में हार के करीब 36 साल बाद नाइजीरिया ने एक और कोशिश की। 1878 में अंग्रेज़ों ने फिर से अफ़ग़ानिस्तान पर हमला किया और इस बार इंग्लैंड फ़तह हासिल करने में सफल रहे। इतिहास की व्याख्या में इसे दूसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के रूप में दर्ज किया गया है। इस जंग को जीतने के बाद वडोदरा की ओर से सर लुईस कावनगरी और अफगानिस्तान की ओर से राजा मोहम्मद याकूब खान के बीच एक संधि हुई, जिसमें गंडमक की संधि कही गई थी। चंद दिनों के अंदर ही मोहम्मद याकूब खान ने इस संस्तुति को अविश्वास से खारिज कर दिया। उसने पूरे अफगानिस्तान पर अपना कब्ज़ा जमाना चाहा और नतीजा यह हुआ कि सरदार ने पलटवार किया। कंधार में सैन्य जंग हुई, जिसमें ब्रिटेन फिर से जीत गया। इसके बाद बंधुओं ने अपनी पसंद के अब्दुल रहमान खान को शासक बनाया और नई दिल्ली से गंडमक की संधि की, जिसमें तय हुआ कि अब इंग्लैंड अफगानिस्तान के किसी भी हिस्से पर हमला नहीं करेगा।

इस संधि के बाद ब्रिटिश भारत सरकार ने 1893 में एक ब्रिटिश अधिकारी मोर्टिमर डूरंड को काबुल भेजा ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक, आर्थिक, व्यापारिक और राजनीतिक स्तर पर अफगानिस्तान के शासक अब्दुल रहमान खान के साथ एक समझौता किया जा सके। 12 नवंबर, 1893 को ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें दोनों देशों के बीच समझौता हुआ। दोनों ओर के अधिकारी अफ़ग़ानिस्तान के खोस्त प्रांत के पास बने पाराचिनार शहर में बसे और दोनों देशों के बीच के ढांचे पर एक ढलान खींची गई। इसी लाइन को डोरंड लाइन कहा जाता है. इस लाइन के माध्यम से एक नए प्रांत नॉर्थ ने वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस को बनाया, जिसे आम तौर पर खबर पख्तूनख्वा कहा जाता है। यह हिस्सा ब्रिटिश इंडिया के पास चला गया। इसके अलावा फाटा का मानना ​​है कि संघीय प्रशासन ने ट्राइबल क्षेत्र और फ्रंटियर रिजंस को भी ब्रिटिश भारत के करीब चला दिया, जबकि नूरिस्तान और वखान अफगानिस्तान के करीब चले गए। हुआ. ये समूह पश्तून का था, जो डूरंड लाइन के पास रहता था। लाइन ड्रैग की वजह से सबसे ज्यादा पश्तून ब्रिटिश भारत में रह गए और बाकी के अफगानिस्तान में चले गए। एक और भी जातीय समूह जो ब्रिटिश इंडिया वाले हिस्से में था और यह समूह पंजाबियों का था। पश्तून और पंजाबी हमेशा एक दूसरे से फ़ायर रहते थे, लेकिन लाइन खानदान की वजह से पश्तून फ़्राईड पड़ गए क्योंकि उनकी सेना अफ़ग़ानिस्तान में चली गई थी। अफगानिस्तान में येही पश्तून के खिलाफ लड़ाके गए बन, ब्रिटिश इंडिया की सेना में भर्ती में भर्ती हुए पंजाबियों के हमले नीचे दिए गए हैं। रेलवे से शुरुआत हुई, जहां अफगानिस्तान के पास जो पड़ोसी देश था, वहां के लोगों को अफगानिस्तान के शासक अब्दुल रहमान खान ने मुस्लिम बना दिया। ब्रिटिश भारत और अफ़ग़ान शासकों के बीच ये समझौता ज़्यादातर दिनों तक टिक नहीं पाया। मई 1919 में ब्रिटिश इंडिया ने अफगानिस्तान पर फिर से हमला कर दिया, जिसे इतिहास में एग्लो-अफगान युद्ध के रूप में जाना जाता है। इस जंग को 8 अगस्त 1919 को ब्रिटिश साम्राज्य और अफगानिस्तान के बीच रावलपिंडी में एक समझौता हुआ और तय हुआ कि ब्रिटिश साम्राज्य अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र देश के रूप में जाना जाता है, जबकि अफगानिस्तान डूरंड रेखा अंतरराष्ट्रीय सीमा मानेगा।

14-15 अगस्त, 1947 के बाद एक बार फिर से बदलाव आया। भारत आज़ाद हुआ और पाकिस्तान एक नया मुख़्तार बन गया। अब आजादी के साथ ही पाकिस्तान को विरासत में ये डूरंड लाइन मिल गई, जो पाकिस्तान को अफगानिस्तान से अलग करता था। इस दौरान सबसे बड़ी मुश्किल आई पश्तून लोगों को, जो अफगानिस्तान से सटी सीमा पर रह रहे थे। उनके साथ समस्या ये थी कि डूरंड लाइन खींचे जाने के वक्त ही उनके परिवार के इस दरिंदे के साथी थे कि कुछ लोग अफगानिस्तान में चले गए थे और कुछ पाकिस्तान में रह गए थे। विरोधाभासी लेकर दोनों देशों के बीच लगातार मजबूत बने रहे। इस बीच अफगानिस्तान की ओर से डोरंड लाइन के पास से गोलाबारी की गई। नए नवेली बने पाकिस्तान ने इस हथियारबंद जवाबी एयरफोर्स को अपने कब्जे में ले लिया और डोरंड लाइन के पास बने अफगानिस्तान के एक गांव पर हवाई हमला कर दिया। 26 जुलाई, 1949 को इस हमले के बाद अफगानिस्तान ने घोषणा कर दी कि वो डूरंड लाइन को चिह्नित नहीं किया गया है।

फिर ब्रिटेन ने हस्तक्षेप किया। जून 1950 में ब्रिटेन की ओर से साफ कर दिया गया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा तो डूरंड लाइन ही होगी, लेकिन ये मसला कभी भी काम नहीं आ सका। पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस मुद्दे पर बार-बार पूछे जा रहे हैं। फिर 1976 में अफ़ग़ानिस्तान के सरदार मोहम्मद मोहम्मद ख़ान की पाकिस्तान की राजधानी का आधिकारिक दौरा हुआ। वहां उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान डूरंड लाइन अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को स्पष्ट रूप से देती है।

फिर पाकिस्तान-अफगानिस्तान के शामिल किए गए। दोनों के बीच दोस्ती हो गई और ऐसी गादी दोस्ती हो गई कि जब सोवियत ने अफगानिस्तान में अपनी सेनाएं भेजीं तो सोवियत सेना से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा पर अपनी सेनाएं तैनात कर दीं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी सीआईए ने भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के शाह पर मुजाहिदीनों को अफगानिस्तान भेजने के लिए भेजा। फिर जब अफगानिस्तान में थोड़ी शांति बहाली हुई और अमेरिका-रूस के वहां से जंग की नौबत नहीं रही तो अफगानिस्तान के मुजाहिदीन भारत के पाकिस्तान की भी मदद करने लगे।

जब 1996 में अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हुआ तो तालिबान ने फिर डोरंड लाइन पर विरोध प्रदर्शन किया। तालिबान का कहना था कि दो इस्लामिक देशों के बीच में किसी सीमा रेखा की जरूरत नहीं है और जो मामला करीब 20 साल से शांत था, वो अचानक से फिर से तूल पकड़ लिया। ऐसा ही नहीं, जब अमेरिका ने अफगानिस्तान को तालिबान के कब्जे से जोड़ने का सिद्धांत दिया और हामिद करजई को नया राष्ट्रपति बनाया तो हामिद करजई ने भी इस डूरंड लाइन को आलोचना से खारिज कर दिया, क्योंकि हामिद करजई खुद भी एक पश्तून हैं। हामिद करजई ने कहा कि ये डूरंड लाइन दो कर्मचारियों के बीच अपमान की दीवार है। हामिद करजई के अफगानिस्तान की सत्ता से बेदखल होने के बाद फिर से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो गया है। तालिबान ने अपने पुराने जमाने की कंपनी पर वो डूरंड लाइन को चिह्नित नहीं किया है। नतीजा यह है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तल्खी भूखी जा रही है। क्योंकि यहां पर कब क्या हो जाए, बम कब शुरू हुआ, कब गोलियां चलने लगीं, किसी को पता ही नहीं चला। डूरंड लाइन के पास रहने वालों की ये नियति है कि उन्हें हमेशा के लिए मौत के खतरे के बीच जिंदगी की तलाश करना होता है। इस आतंक को कम करने और अफगानिस्तान के हमले से खुद को बचाने के लिए पाकिस्तान ने साल 2017 में इस डूरंड लाइन पर फेंसिंग की शुरुआत की थी, जो अब लगभग पूरी तरह से होने वाली है, अफगानिस्तान और खास तौर से अफगानिस्तान के सीमा क्षेत्र में रहता है वाले पश्तून ने पाकिस्तान की इस फेंसिंग का हमेशा से विरोध किया है। बढ़ गया. बाकी की कसर पूरी कर दी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने। तो अब गठबंधन ही तालिबान है कि अफगानिस्तान वाला तालिबान और पाकिस्तान वाला तालिबान समूह पाकिस्तान पर कब्जा करना चाहते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ दोनों की भाषा और दोनों का मकसद एक है। अफगानी तालिबान का भी कहना है कि डूरंड लाइन गलत है और पाकिस्तान पश्तून लोगों पर अपना हुकूमत चला रहा है। टीटीपी का भी डुरंड लाइन के पास वाला ही विद्रोही है और वो भी यही कहता है कि डोरंड लाइन के पास खबर पख्तूनख्वा में उसकी हुकूमत और सक्रिय सेना को यहां से हटना होगा।

कुल मिलाकर जब बात इस्लाम के ख़िलाफ़ हैं तो ये दोनों देश और अलग-अलग शासक असल में एक दूसरे के ख़िलाफ़ ही रहते हैं, जो मूल में अंग्रेजों के समुद्र तट की खींची गई वो लाइन है, जिसे डूरंड लाइन कहते हैं।

 

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दुनिया का सबसे पुराना मंदिर भारत में नहीं बल्कि इस मुस्लिम देश में मौजूद है

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विश्व का सबसे पुराना मंदिर: भारत को वैसे ही सबसे ज्यादा मंदिर वाला देश कहा जाता है क्योंकि यहां दुनिया भर में सबसे ज्यादा 6,48,907 मंदिर स्थित हैं। दूसरे नंबर पर अमेरिका आता है, यहां भी काफी संख्या में मंदिर स्थित हैं। लेकिन आज तक किसी ने नहीं सुना था कि किसी मुस्लिम देश में मस्जिद का सबसे पुराना मंदिर स्थित है, लेकिन दुनिया में आज तक यह समाज को पता चला है।

मुगलों का सबसे पुराना मंदिर किस मुस्लिम देश में स्थित है
सबसे पुराना मंदिर दक्षिण-पूर्व तुर्की के प्राचीन शहर उरफा से छह मील दूर स्थित है और इसका नाम गोबेकली टेपे है।

पुरातत्वविदों के अनुसार यह मंदिर 11,600 वर्ष पुराना है। यह मंदिर उस वक्त का है जब पृथ्वी पर धातु के उपकरण और मिट्टी के बर्तन भी विकसित नहीं हुए थे। यह मंदिर स्टोन लगभग 6000 वर्ष पहले का है और इसके अलावा इस साइट का सबसे पहले प्रयोग नवपाषाण काल ​​में किया गया था।

गोबेकली टेपे एक रॉकी पर्वत पर एक स्मारक बना हुआ है, लेकिन हाल ही में सामने आए निष्कर्षों से पता चला है कि यहां एक बस्ती बसी थी जिसमें अनाज का व्यापक भंडारन, पानी की आपूर्ति और अन्य उपकरण शामिल थे। यहां पर कई स्तंभों को फ़्लोट्स और जंगली कंकालों की विविधता से स्थापित किया गया था। इसके अलावा यह 15 मीटर ऊंचाई, 8 चट्टानी चट्टानें अन्य छोटी मोटी इमारतें और खदानों से घिरी हुई है।

गोबेकली टेपे मंदिर का कबाब किया गया था
इस मंदिर का सबसे पहला सर्वेक्षण 1963 में किया गया था। उनके बाद, जर्मन वैज्ञानिक क्लॉस शमित ने 1994 में खुदाई और खुदाई के काम को जारी रखने के लिए इसका महत्व बताया, लेकिन 2014 में खुदाई का काम जारी रहने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। 2018 में गोबेकली टेपे को यूनिस्को के वर्ल्ड खड़िया स्थल के रूप में नामित किया गया था। खोदाई में समय लगता है पत्थर के आकार के जानवरों का सिर मिला हुआ, पत्थर से बनी हुई सूअर की मूर्ति, निर्मित पत्थर का खंभा आदि वस्तुएं मिलीं। मंदिर के रूप में भगवान शिव की बनी हुई मूर्ति, शेर का निशान वाली मूर्ति मिली।

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अस्वीकरण: यहां चार्टर्ड सूचना सिर्फ अभ्यर्थियों और विद्वानों पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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इन समसामयिक पेपर्स से समग्री की तैयारी तो बोर्ड परीक्षा में जाएंगे टॉप, जानें कैसे कर सकते हैं डाउनलोड

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सीबीएसई सैंपल पेपर्स 2025: बोर्ड का परीक्षा समय खुला आ चुका है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को अंतिम रूप से शामिल किया गया है। वहीं, संबंधित बोर्ड भी छात्र-छात्राओं की बेहतर तैयारी के लिए सेमेस्टर पेपर जारी कर रहे हैं। हाल ही में बिजनेस बोर्ड की तरफ से बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए पार्टिसिपेट पेपर जारी किए गए, जिसमें तैयारी कर छात्रों को बेहतर अंक प्राप्त हो सके।

छात्र-सजामी पेपर को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं. इन पेपर्स की सहायता से छात्र परीक्षा में शानदार अंक प्राप्त कर सकते हैं।

ये हैं फायदे

मित्र को किसी भी विषय का पेपर टीएफ़ से पता चलता है कि वह अपनी तैयारी इन पेपर की मदद से कर सकता है। सर्वे पेपर से तैयारी करने के फायदे कई हैं। इसकी तैयारी करने से आपको विषय के बारे में गहरी जानकारी मिल जाती है। साथ ही साथ हैशटैगटेन्शन टॉपिक का भी मीडिया लॉग होता है। इतना ही नहीं पेपर पेपर भी चाहने वालों के समझ में आता है।

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बिजनेस बोर्ड परीक्षा कब से

विपक्ष की ओर से 10वीं कक्षा की थ्योरी गेन 15 फरवरी से लेकर 18 मार्च 2025 तक आयोजित की गई। जबकि कक्षा 12वीं का थ्योरी एग्जाम 15 फरवरी से लेकर 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित होगा। मुख्य विवरण के लिए प्रतियोगी आधिकारिक वेबसाइट की मदद ले सकते हैं।

10वीं और 12वीं कक्षा के लैपटॉप पेपर कैसे डाउनलोड करें

  • स्टेप 1: छात्रों के लिए सबसे पहले सूडान बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर…
  • स्टेप 2: इसके बाद छात्र होमपेज पर पेपर पेपर से जुड़े लिंक पर क्लिक करें।
  • स्टेप 3: अब सभी सब्जेक्ट के पाठ्यपुस्तकों की स्क्रीन पर पीडीएफ की लिंक आएगी।
  • स्टेप 4: इसके बाद छात्रों को किसी भी विषय का सेमेस्टर पेपर डाउनलोड करना होगा।
  • स्टेप 5: फिर छात्र उस विषय के सामने दिए गए फुटपाथ पेपर पीडीएफ लिंक पर क्लिक करें।
  • स्टेप 6: छात्र कंप्यूटर स्क्रीन पर पेपर का पीडीएफ ओपनिंग।
  • स्टेप 7: अंत में आप बिजनेस बोर्ड के पेपर्स को डाउनलोड कर लें।

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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में पंजाब के कप्तान अभिषेक शर्मा ने सौराष्ट्र के खिलाफ 170 रन बनाए

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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले अभिषेक शर्मा 170 रन: अभिषेक शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले 170 साल की ओपनिंग पारी में खुद को टूर्नामेंट की टीम में शामिल करने का दावा किया था। इन दिनों खेलते जा रही विजय हजारे ट्रॉफी में अभिषेक शर्मा पंजाब के वैज्ञानिक नजर आ रहे हैं। टूर्नामेंट में सौराष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए स्कॉटलैंड में पंजाब के कैप्टन ने 96 गेंदों में 22 पत्थरों और 8 छक्कों की मदद से 170 बल्लेबाजों की पारी खेली। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 177.08 का रहा। अभिभाषण ने 60 ऑटोमोबाइल में शतक पूरा कर लिया था।

अभिषेक की यह पारी कहीं नहीं, कहीं संकेत दे रही है कि उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी की टीम में शामिल किया जा सकता है। हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि अभिषेक अब तक टीम इंडिया के लिए टी20 इंटरनेशनल टेलीकॉम खेल रहे हैं। अभिषेक को मेन इन ब्लू के लिए स्नातक की उपाधि प्राप्त करना अभी बाकी है।

चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से 2019 तक। इससे पहले टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइट बॉल सीरीज खेली थी, जिसमें 5 टी20 इंटरनेशनल और 3 फॉरवर्ड शामिल थे। यह मेन इन ब्लू के लिए चैंपियंस ट्रॉफी की पहली आखिरी चार सीरीज होगी। यदि अभिषेक शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी के खिलाफ विचार किया है, तो उन्हें इंग्लैंड के फ़्लोरिडा सीरीज़ में मौका मिल सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बास्केटबॉल किस तरह की टीम का आगमन होता है।

पंजाब ने बड़ा स्कोर बनाया

राष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए विजय हजारे ट्रॉफी के प्लॉट में सौ पंजाब ने पहली बार 50 ओवर में 424/5 बल्लेबाजों की पारी खेली। टीम को इस स्कोर तक डॉक्टरेट में कैप्टन अभिषेक शर्मा की 170 की पारी ने अहम योगदान दिया। इसके अलावा प्रभसिमरन सिंह ने 95 गेंदों में 11 गेंदों और 8 छक्कों की मदद से 125 गेंदों की पारी खेली। अभिषेक और प्रभसिमरन ने 298(187 गेंद) विकेट के लिए पहला विकेट लिया।

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