नाना पाटेकर जन्मदिन: नाना पाटेकर (नाना पाटेकर) केवल अभिनय ही नहीं बल्कि अपने-अपने मिज़ाज कलाकारों के लिए भी जाते हैं। नाना पाटेकर एक उम्दा एक्टर के साथ-साथ भावुक इंसान भी हैं। आज के दौर में हेल्थी लाइफस्टाइल और सोशल साइट्स के लिए पहचान बना चुके नाना एक वक्ता में हैवी स्मोकिंग की आदत से सीख रहे थे। एक्टर्स 1 जनवरी को अपना 74वां जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगे। ऐसे में हम नाना पाटेकर की जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुने अनकहे किस्से आपको बताते हैं।
स्मोकिंग के आदी थे नाना पाटेकर
नाना पाटेकर अपने जीवन में धूम्रपान की लत से पीड़ित हैं। एक दौर भी ऐसा था जब वो एक दिन में 60 से भी ज्यादा बड़े सितारे थे। लल्लनटॉप से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बेटे की मौत के बाद सदमा को छोड़ दिया गया और वो सिगरेट पीने के आदी हो गए थे.
अपने बेटे से नफरत क्यों करते थे नाना ?
नाना ने कहा था, ‘एक वक्त के बाद जब उन्होंने कोई खास बात कही तो उन्होंने यह आदत छोड़ दी थी।’ नाना ने बताया कि जब मेरा बेटा पैदा हुआ तो मैंने उसका नाम दुर्वासा रखा। जन्म से ही उसकी एक आंख में परेशानी थी और उसे दिखाई नहीं दिया। मुझे नफरत होने लगी कि लोग क्या सोचेंगे कि मेरा बेटा कैसा है। मैंने कभी नहीं सोचा कि वो बच्चा क्या सोचेगा।’
बेटे की मौत से लेकर फिल्म में रहे थे एक्टर्स
नाना कहते हैं कि, ‘ढाई साल के बाद वो हमें ठीक कर गया। कुछ नहीं किया जा सकता कुछ चीजें पहले से तय होती हैं। इसके बाद मुझे सदमा लगा और मैं सिद्धार्थ की तरफ खानदान चला गया। ‘मैं नहाते वक्त भी सिगरेट पीता था।’
एक दिन में 60 सीता पी निकले थे नाना
नाना ने कहा, ‘हालत बहुत खराब थी कि मुझे दिन में 60 बार सिगरेट पीनी पड़ी। मेरी गाड़ी में भी कोई ख़राब प्लास्टिक का कारण नहीं मिला। हालाँकि मैंने कभी शराब नहीं पी लेकिन मुझे सीता सबसे ज्यादा पीने लगी थी।’
ये स्टार्स बने स्टार्स अलगाव की वजह
नाना ने बताया कि, ‘मेरी बहन की एक कहानी ने मुझे सीताफल से निकालने के लिए मजबूर कर दिया था। मेरी बहन ने अपने बेटे को खोया था और एक दिन उसने मुझे खांसते देखा तो बोली कि तुम और क्या देखना चाहते हो। ये सुनकर मुझे दुख हुआ और मैंने सीता छोड़ दी।’
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