महाकुंभ 2025 के लिए विशेष ट्रेनें: महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए भारतीय रेलवे, विशेष रूप से उत्तर मध्य रेलवे ने अपनी टीम पूरी कर ली है। इस आयोजन के दौरान, रेलवे का उद्देश्य लाखों पर्यटकों को सुगम, सुरक्षित और कुशल यात्रा की सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुँच सकें। यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बन गया है। इसे देखते हुए महाकुंभ के दौरान उत्तर मध्य रेलवे पर 13,000 से अधिक स्टेशनों का ऑपरेशन शुरू हुआ।
इन नोट्स में 10,000 से अधिक नियमित यात्रियों की सेवा शामिल है। इसके अलावा, 3,000 से अधिक विशेष योजनाएं शामिल हैं। स्पेशल टेक्सटाइल में 2,000 इनवर्ड जुड़ाव शामिल (जिन्हें इवेंट से बाहर जाने के लिए संचालित किया जाएगा), जबकि 800 इनवर्ड जुड़ाव (वापसी की यात्रा के लिए) शामिल हैं। महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा पर ध्यान देते हुए रिंग रेल मेमू सेवा शुरू की जाएगी।
2013 के महानगर 2025 के महाकुंभ के लिए बेरोजगारी की संख्या
यह सेवा अयोध्या, काशी और पुरातत्व जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा को सहज और सुगम बनाती है। तीर्थयात्रियों को इस सेवा के माध्यम से बिना किसी परेशानी के मध्यम यात्रा का अनुभव होगा। महाकुंभ 2013 में भारतीय रेलवे ने कुल 1,122 विशेष ट्रेनों का संचालन किया था। वहीं, महाकुंभ 2025 के लिए खास गाड़ियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, इससे यात्रियों को और बेहतर कहानियां सुनाई गईं।
10 करोड़ लोगों की ट्रेन से आने का अनुमान
अगले साल जा रहे महाकुंभ के दौरान भीड़भाड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए 23 जोड़े (कुल 46 टोटके) को और नैनी जंक्शन पर अतिरिक्त स्थिरता दी जाएगी। यह प्रथम तीर्थयात्रियों की यात्रा आरामदायक और आरामदायक बनाएगी। वहीं, महाकुंभ में करीब 10 करोड़ लोगों की ट्रेन आने का अनुमान है. इसे लेकर रेलवे सुरक्षा और व्यवस्था की सारी व्यवस्था कर रही है।
रेलवे एवेन्यू पर लगे एफआर कैमरा, जानें इसके अनोखे स्थान
रेलवे की ओर से महाकुंभ के दौरान रेलवे की ओर से रेलवे सुरक्षा के लिए पहली बार कोलंबो बार ट्रेनों के साथ एफआर कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। एफआर कैमरे की मदद से संग्रहालय और मूर्तिकला पर नजर रखी जाती है। एफआर कैमरा होटल तकनीक से काम करते हैं। फेस रिकॉग्निशन या इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी की मदद से चेहरे की पहचान करना संभव हो पाता है।
ये आसानी से सत्यों को भीड़ में भी पहचान कर तलाश किया जाता है, जिससे भीड़ में होने वाली बीमारी या भगदड़ जैसी स्थिति को बनने से पहले भौतिक जा सकता है। एफआर कैमरों से किसी भी असामान्य घटना को आसानी से पकड़ा जा सकता है, उन पर सक्रिय बैकबैक कर लिया जा सकता है।
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