मनमोहन सिंह की मृत्यु: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) की रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्होंने रात्रि 9.51 बजे अंतिम सांस ली। वह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे। साल 1991 में मनमोहन सिंह की राजनीति में शुरूआत हुई जब 21 जून को पी.वी. नरसिम्हा राव को सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया। उस समय देश को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था।
पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी निवेश का रास्ता साफ किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने देश में आर्थिक उदारता की भावना को लागू किया, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिले और भारत को विश्व बाजार से जोड़ा जा सके। आइये जानते हैं डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए 5 निर्णय बड़े।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार सचिवालय अधिनियम (नरेगा)
भारत सरकार ने 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार सचिवालय अधिनियम (नरेगा) लागू किया। बाद में इसका नाम मठ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार सचिवालय अधिनियम (मनरेगा) रखा गया। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार प्रदान करना है, ताकि गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सुधार हो सके। इसके तहत ग्रामीण लोगों को साल में 100 दिन का रोजगार मिलता है।
सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई)
2005 में मनमोहन सरकार ने एक अधिनियम पारित किया था, जिसके बाद जनता को सार्वजनिक अधिकारियों से बुनियादी ज्ञान का अधिकार मिल गया। इस अधिनियम को सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) नाम दिया गया है। इस अधिनियम से सरकार में बैठे लोगों के काम में पिपिट्री आई और उनका दायरा भी तय हो गया।
आधार की सुविधा
फिर भी पीएम बने रहे डॉ. मानवता ने आधार की शुरुआत की थी. इसे बनाने के लिए 2009 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का गठन हुआ था। इसका उद्देश्य भारत के नागरिकों को एक ऐसी पहचान प्रमाण पत्र की सुविधा देना था, जिसे आसानी से हर जगह इस्तेमाल किया जा सके।
भारत-अमेरिकन परमाणु सौदा
भारत- अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता डॉ. अर्थशास्त्र की सबसे बड़ी सुविधा में से एक हैं। इस एक्ट के बाद भारत को परमाणु आपूर्ति समूह (NSG) से छूट मिली थी. इसके अलावा देश को अपने नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रम को अलग करने की मात्रा मिली। इस एक्ट के बाद ही भारत को संयुक्त राष्ट्र से यूरेनियम आयात करने की अनुमति मिली, जहां के पास यह तकनीक है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर)
डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सिस्टम लागू किया था। इस योजना के कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को उनके लिंक किए गए बैंक खातों के माध्यम से सीधे सामान्य लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करना है। देश में आज लाखों लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।