महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की कोचिंग रही पूजा खेदकर को कौन नहीं जानता। ऑब्ज़ॉल के कारण जाना जाता है। अकाउंट चयन के बाद उन्हें प्रशिक्षण के दौरान ही सेवा से हटा दिया गया। साथ ही आयोग की ओर से आयोजित सभी भावी मंदिरों में होने वाले कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई है।
उस समय खेदकर का विवाद सामने आया था, जब कथित तौर पर उन्हें अपनी निजी कार पर लाल और टिकाऊ रबर का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था। बाद में उन्हें फर्म मेडिकल और एसोसिएट्स के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया। पूजा खेदकर की फेस्टिवल से लेकर पैक्सगी को देखते हुए सरकारी नौकरी में इंटरव्यू की प्रक्रिया में भी बड़े बदलाव आए हैं।
यूपीएससी, एसएससी और आरआरबी ने आधार वेअर सप्लायर को अनिवार्य कर दिया है
साल 2024 की शुरुआत होनी है. साल 2024 में महाराष्ट्र कैडर की प्रयोगशाला पूजा खेडकर की खूब चर्चा हुई। नौकरी हासिल करने के मामले में फर्जी मेडिकल और जाति प्रमाण पत्र के आधार पर संघ लोक सेवा आयोग (संघ लोक सेवा आयोग) ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। इसी तरह का एक मामला सामने आया, एक केंद्रीय सरकारी वकील की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया।
यूपीएससी आवश्यक आधार कार्ड
पूजा खेदकर मामले से सीखिए यूपी एससी ने अपनी सभी भर्तियों को बच्चों के आधार पर भर्ती करना अनिवार्य कर दिया। अब बिना आधार वाले किसी भी छात्र के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पहले आयोग की भर्तियों में आधार वेर अस्वीकरण की अनिवार्यता नहीं थी।
एसएससी और रेलवे बोर्ड भर्ती के लिए भी लागू नियम
यूपीएससी के बाद कई राज्य आयोगों ने भी भर्ती प्रक्रिया में कई बदलाव किए हैं। कर्मचारी चयन आयोग और रेलवे भर्ती बोर्ड ने सभी भर्तियों में भर्ती के लिए एक भी नोटिस जारी किया है।
ऐसे में सबसे पहले आई पूजा
नवंबर 2021 से पहले खेड़कर रीयाच बनने से पहले स्पोर्ट्स ऑटोमोबाइल्स ऑफ इंडिया का एक अभिन्न अंग था। फिर उन्होंने यूपी सीएसी सिविल सेवा परीक्षा पास की और तकनीशियनों के लिए आवेदन किया। अभी उनकी मुद्रा का प्रशिक्षण काल ही था कि वह अपनी हरकतों की वजह से फ्रांसिस्को में छाने लगीं। उन्होंने अपनी निजी गाड़ी पर लाल प्लास्टर लगाए। इतना ही नहीं जब उनका सर्किट महाराष्ट्र के पुणे जिले में था तो उन्होंने बिना किसी अतिरिक्त अधिनायक अजय मोरे के चैंबर पर भी कब्जा कर लिया।
आरती कार्यकर्ता ने पूजा की दावत को बताया था संदिग्ध
आर्टिस्ट एक्टिविस्ट विजय कुंभार ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि पूजा खेडकर की ‘तिब्बत’ ही बेकार है, वह आर्टिस्ट-क्रीमी लेयर की श्रेणी में नहीं आती हैं। इन्हें दुकान द्वारा भी बनाया गया है। यहां तक कि खेड़कर ने प्राइवेट लिमिटेड बैनामा भी कर दिया है। जब जांच की गई तो दोनों प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।
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