आपके हाथ की रेखा भी खोलती है सेहत का राज, हस्तरेखा शास्त्र से कैसे पता लगाएं गुप्त रोग एसटीडी का पता!

आपके हाथ की रेखा भी खोलती है सेहत का राज, हस्तरेखा शास्त्र से कैसे पता लगाएं गुप्त रोग एसटीडी का पता!


हस्तरेखा शास्त्र: हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार यदि चंद्र पर्वत पर नक्षत्र है तो यह पेट रोग का संकेत है। इस तरह के लोग जीवन भर उदर रोग से पीड़ित रहते हैं। हृदय रेखा द्वीप गोल पर, शनि पर्वत के नीचे मस्तिष्क रेखा का पीला पड़ना, आयु रेखा के पास मंगल क्षेत्र पर काला निशान, हृदय रेखा पर काला तिल या द्वीप व्यक्ति के जीवन को अप्रत्याशित आक्षेप और हृदयघात का संकेत देता है। हाथ और नाक का पीला पड़ना, दुकान पर दुकान के आभूषण और बुध रेखा कटि-फटी होना आंत्र रोग का संकेत है।

हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार शनि पर्वत के नीचे द्वीप में व्यक्ति विशेष की हड्डियों से संबंधित बीमारी का संकेत देते हैं। शनि टूटा हुआ और अधिक पत्थरों से भरा हो, शनि रेखा लहरदार और लम्बी हो, साथ ही साथ ही तूफ़ान के बीच का हिस्सा भी गहरा रहा तो दंत रोग होने के आसार हैं। मंगल पर्वत के पास मस्तिष्क रेखा का होना और दोनों हाथों में हृदय रेखा का खंडित होना गुर्दा रोग का संकेत है। बुध रेखा पर काले निशान, नक्षत्र एवं द्वीप की स्थापना पीलिया होने का संकेत है। शनि क्षेत्र पर मस्तिष्क रेखा के नीचे के हिस्से पर जंजीर जैसा निशान होना और गले के निशान का संकेत मिलता है।

स्वास्थ्य के राज़ खोलती हैं रेखाएं
हृदय रेखा गोल द्वीप पर बनी हो या शनि पर्वत के नीचे मस्तिष्क रेखा खंडित हो तो उसे अचानक आश्चर्यजनक स्थिति का सामना करना पड़ता है। वहीं मंगल क्षेत्र पर काला तिल या द्वीप पर हृदय रेखा का होना हृदयघात होने का संकेत देता है। जिन जातकों के चंद्र पर्वत पर नक्षत्रों का निशान होता है वे लोग जीवन भर पेट से जुड़े किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहते हैं। जिन लोगों के हाथ और नाखून पीलें हों, साथ ही सैकड़ों की संख्या में सैकड़ों की संख्या में लोगों के साथ संबंध होने की समस्या बनी रहती है। यदि इसके साथ बुध रेखा भी कटी-फटी हो तो इसे ठीक नहीं कहा जा सकता।

पथरी में सुख-समृद्धि ही नहीं स्वास्थ्य भी
पत्थरों में सुख-समृद्धि ही नहीं बल्कि सेहत का भी राज छिपा होता है। जी हाँ इसकी भी एक रेखा है जिसे स्वास्थ्य रेखा के नाम से जानते हैं। यह रेखा किसी भी स्थान से निकल सकती है लेकिन इसका अंत बुध पर्वत पर होता है। सिद्धांत यह है कि रेखा जितनी अधिक सुस्पष्ट होगी, व्यक्ति का स्वास्थ्य उतना ही उत्तम होगा। लेकिन रेखा अगर कटी-फटी या लहरदार हो तो स्वास्थ्य संतुलन हो सकता है।

पेट की परेशानी
स्वास्थ्य लाइन अगर जंजीरदार तो यह शुभ संकेत नहीं है। ऐसी रेखा का अर्थ यह होता है कि व्यक्ति पूरी जिंदगी पेट से संबंधित रहता है। इसके अलावा यदि स्वास्थ्य रेखा पर यदि बिंदु हो तो बिंदु बिंदु पर उनसे प्रत्येक बिंदु पर पांच वर्ष की अवधि का पता लगाना चाहिए। इसी तरह के व्यक्तिपरक मरीज़ वर्ष रहते हैं।

अन्य रोग की सूचक
यदि स्वास्थ्य रेखा द्वीप के रूप में समाप्त हो जाती है तो नेत्र संबंधी रोग होता है। इसके अलावा अगर यह रेखा अधिक लाल रंग की हो जाए तो हृदय संबंधी रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यदि यह रेखा अंत में लाल रंग की हो तो सिरदर्द संबंधी रोग होता है। वहीं यह रेखा यदि बुध पर्वत पर ग्यान कट जाए तो पित्त संबंधी रोग होता है।

गुप्त रोग की जानकारी
यदि स्वास्थ्य रेखा के अंतिम भाग पर चतुर्भुज हो तो दम का रोग होता है। यह रेखा यदि पीले रंग की हो तो गुप्त रोग की संभावना दिखती है। लेकिन अगर यह रेखा हाथ में कई रंगों की हो जाए तो यह लकवा रोग की सूचक है। साथ ही यदि यह रेखा हृदय रेखा को काट दे तो मिर्गी का रोग हो सकता है।

अच्छे स्वास्थ्य का सुझाव
यदि स्वास्थ्य रेखा एवं जीवन रेखा अलग-अलग हो तो अलग-अलग होती है। साथ ही अगर कभी कोई बीमारी भी हो तो वह जल्दी ही सही भी हो जाता है। इसके अलावा अगर यह रेखा रेखाचित्र और बिल्कुल स्पष्ट हो। साथ ही मस्तिष्क रेखा भी अच्छी होती है तो स्मरण शक्ति और विचार-समझने की क्षमता अच्छी होती है।

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