पौष मास व्रत त्यौहार 2024: पौष का महीना आज से शुरू हो जाता है, ये माह सूर्य देव और पितरों को समर्पित है। सिद्धांत है इसमें आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म, जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति का खंडन किया गया है।
पूजा करने से घर में खुशहाली और जीवन में मान-सम्मान, धन की प्राप्ति होती है। इस महीने में सृष्टि में बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं. पौष माह में कौन से व्रत-त्योहार आएंगे, जानिए पूरी लिस्ट।
पौष माह 2024 व्रत-त्योहार
16 दिसंबर 2024 – पौष माह प्रारंभ
18 दिसंबर 2024 – अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
ये साल 2024 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी होगी। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इनकी पूजा से सुख-समृद्धि आती है।
22 दिसंबर 2024 – कालाष्टमी
26 दिसंबर 2024 – सफ़ल एकादशी
ये है इस साल की आखिरी एकादशी. सफल एकादशी व्रत के प्रभाव से साधक पाप कर्मों से मुक्ति पाता है, सर्व कार्य सिद्ध और सफल होते हैं।
28 दिसंबर 2024- प्रदोष व्रत
29 दिसंबर 2024 – मासिक शिवरात्रि
30 दिसंबर 2024 – पौष सब्जी, सोमवती सब्जी
इस साल पौष फार्मास्युटिकल पर सोमवती फार्मासिस्ट का संयोग बन रहा है। सिद्धांत है इस दिन व्रत करने से अनोखा सौभाग्य का आशीर्वाद है। इस पूरे माह को छोटा पितृपक्ष भी कहा जाता है। अशुभ तिथि पितरों के तर्पण के लिए खास मानी जाती है।
3 जनवरी 2025 – पौष विनायक चतुर्थी
5 जनवरी 2025 – स्कन्द षष्ठी व्रत
6 जनवरी 2025 – गुरु गोविंद सिंह जयंती
इसी दिन सिखों के अंतिम और दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। सिद्धांत ही धर्म की रक्षा के लिए कालसा पंथ की स्थापना की थी।
10 जनवरी 2025 – बाकुंठ एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी
सिद्धांत यह है कि इस व्रत को करने से संत संबंधी दोष समाप्त हो जाते हैं। निसंतान दंपत्ति को उपयुक्त संतति प्राप्त होता है।
11 जनवरी 2025- प्रदोष व्रत
12 जनवरी 2025 – स्वामी विवेकानंद जयंती
13 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा, माघ स्नान प्रारंभ
पौष माह की पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जाती है। इस दिन गंगा में स्नान करने वालों के जन्मस्थान के पापा डूब जाते हैं। पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी-नारायण की पूजा का विधान है। पूर्णिमा का व्रत जीवन में सौभाग्य लेकर आता है।
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