एमआईटी ने भारतीय छात्र को निलंबित किया: अमेरिका के कैम्ब्रिज में स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) को दुनिया में सबसे लोकप्रिय में से एक माना जाता है। अब दुनिया के इसी शीर्ष संस्थान में एक भारतीय मूल के छात्रों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। असल में, भारतीय मूल के एक छात्र प्रह्लाद अयंगर ने एमआईटी में फिलिस्तीन के समर्थन में एक निबंध लिखा था, जिसकी वजह से विश्वविद्यालय ने प्रह्लाद अयंगर को अपार्टमेंट कर दिया है।
एमआईटी में प्रहलाद कर रहा था
उल्लेखनीय है कि प्रह्लाद अयंगर एमआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) और कंप्यूटर विज्ञान विभाग में शुरुआत कर रहे थे। लेकिन फिलीस्तीन के समर्थन में निबंध के कारण अब प्रह्लाद अयंगर की पांच साल की नेशनल साइंस फाउंडेशन की रिसर्च फेलोशिप को खत्म कर दिया गया है। एमआईटी ने पिछले महीने यूनिवर्सिटी की पत्रिका में लिखित निबंध को लेकर भारतीय मूल के छात्र प्रह्लाद अयंगर की यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।
‘पेसिफ़िज़म पर‘ प्रह्लाद के निबंध का श्लोक है
एमआईटी में प्रह्लाद अयंगर के लिखे निबंध का शीर्षक ‘ऑनलाइन पैसिफिकिज्म’ है। खास बात यह है कि इस निबंध में कट्टरपंथी फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन का लोगो भी दिखाया गया है। जिसे अमेरिकी विदेश विभाग ने एक अपराधी संगठन के रूप में माना है।
अयंगर पर प्लांट लगाए गए गेहूँ के आरोप
एमआईटी ने फिलीस्तीन के समर्थन में भारतीय मूल के छात्रों के लिए एसोसिएट्स पर एसोसिएट कर दिया है और यूनिवर्सिटी में उनकी इंट्री पर भी रोक लगा दी गई है। इस बारे में भारतीय मूल के छात्र प्रह्लाद अयंगर का कहना है कि उन पर उग्रवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं, ये गलत है। उन्होंने कहा कि यह आरोप सिर्फ तथ्यों के आधार पर दिए गए निबंध में पाया जा रहा है।
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