कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के लिए अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट में 2025 परीक्षाओं में कई बदलाव जल्द ही किए जा सकते हैं। बदलावों पर एक पाठ्यपुस्तक पर चर्चा की जा रही है। इसकी जानकारी खुद यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने दी है।
संस्थापक अध्यक्ष ने यह भी बताया कि आयोग जल्द ही CUET UG और CUET PG 2025 का आयोजन करने जा रहा है, जिसका नया ड्राफ्ट जारी किया जाएगा, जिसमें छात्र, समुदाय, समुदाय और छात्र शामिल होंगे और इसके लिए सुझाव देंगे। फाइनल ब्लूप्रिंट तैयार होने के बाद इन सुझावों पर विचार करें।
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सीयूईटी की इंजीनियरी कंपनी (यूजी) और यूनिवर्सिटी (पीजी) स्टार पर कई सफल और क्रांतिकारी साबित हो रही हैं। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
क्या बोले अध्यक्ष?
यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार का कहना है कि पिछले वर्षों में जो छात्र अपने आधार पर सीयूईटी की परीक्षा में शामिल हुए हैं, उनके लिए सकारात्मक माहौल दिया जाए, इसलिए सुधार जारी रहना चाहिए। इस समिति में सकारात्मक सुधार की नियुक्ति का गठन किया गया है। समिति ने परीक्षण के कई मानदंडों और सिद्धांतों पर ध्यान दिया है। जैसे कि परीक्षा का पेपर कैसा होना चाहिए, इसमें क्या सुधार किया जा सकता है, कितने पेपर होने चाहिए, टेस्ट पेपर की अवधि क्या होनी चाहिए, छात्रों के एग्जाम सेंटर कैसे सेट किए जाने चाहिए।
हाइब्रिड मॉड में हुआ था एग्जॉम
वर्ष 2024 में यह परीक्षा पहली बार हाइब्रिड मोड़ में आयोजित की गई थी, हालांकि दिल्ली में आयोजित परीक्षा कुछ घंटों पहले ही रद्द कर दी गई थी, साथ ही जो छात्र परीक्षा देने भी गए थे, उनमें से कई छात्रों की परीक्षा केंद्र पर पहुंच गई थी। पेशी आई थी. व्लाद्या लॉजिस्टिक्स पर भी सोलो में चर्चा की गई।
किसके लिए होता है आयोजन?
दरअसल, 12वीं का बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद ग्रेजुएशन करने के लिए अगर आप देश की टॉप यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना चाहते हैं तो CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा के जरिए दाखिला लिया जाता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आयोजित करती है।
सीयूईटी परीक्षा यूजी प्रवेश के बाद पीजी में दाखिला लेने के लिए भी सीयूईटी पीजी का आयोजन किया जाता है। बड़े पैमाने पर फर्मों के लिए कोचिंग का रास्ता आसान हो जाता है। 2024 तक एक सीयूईटी परीक्षा देने से देश के 200 से अधिक बैचलर में प्रवेश आसान हो गया था, जबकि 2025 तक एक सीयूईटी परीक्षा देने से अन्य देशों के लिए नामांकन प्राप्त करने में भी वृद्धि हो सकती है।
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