सोशल मीडिया से डरता है पाकिस्तान पाकिस्तान की सेना यूँ तो हर किसी को आँख मारती है कि उसे किसी का डर नहीं है। लेकिन अब विदेशी सेना प्रमुखों को ही डर लग गया है. जी हां.. विदेशी सेना के प्रमुख जनरल कोटा मुनीर को ही पाकिस्तान के आवाम की सोशल मीडिया पर सेना की ताकत का खतरा सताने लगा है। सेना प्रमुखों में ये ख़तरा पिछले हफ्ते सेना के गठन के कमांडरों की बैठक में सामने आया है.
मित्र सेना की इस बैठक के दौरान कई सैन्य सलाहकारों पर चर्चा की गई, जिसमें सोशल मीडिया और उनकी खबरों में एक बड़े लक्ष्य की चर्चा की गई। आईएसपीआर की ओर से विदेशी मीडिया में प्रकाशित जानकारी में यह बात सामने आई है। इस जानकारी में खास बात यह है कि विदेशी सेना प्रमुखों को सोशल मीडिया पर डर लग रहा है।
पूर्ण सरकार से असैनिक कानून लागू करने की अपील
मीटिंग के दौरान फ़ेसबुक न्यूज़ को लेकर जो उदाहरण दिए गए वो बड़ा ही दिलचस्प था। यह खबर थी कि इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन के लिए विदेशी दूतावासों की यात्रा के दौरान जब सुरक्षा के लिए सेना को बुलाया गया था, जिसमें पाकिस्तान की प्रमुख सरकारी इमारतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शामिल थी। इसे लेकर सोशल मीडिया में जो प्रचार हुआ वो सेना प्रमुखों को पसंद नहीं आया. उन्होंने इस बात पर न सिर्फ चिंता की बल्कि इसे फेसबुक न्यूज प्रोपेगेंडा तक जारी किया।
जबकि खुद विक्रमादित्य के संचालकों ने बाकायदा सेना को पट्टे पर दी गई सेना के अवशेषों की मांग की थी। उन्हें ही विदेशी सेना के प्रमुख फ़्रांसीसी समाचारों की शुरूआत में प्रशिक्षित किया जाता है। हीं नहीं, सेना प्रमुखों अब शाहबाज सरकार की ओर से पेश न्यूज को प्रतिबंध और लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भावना पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून और नियम लागू करने की अपील की गई है। साथ ही जो न्यूज चैनल उनके खिलाफ प्रचारित करते हैं, उनके एपिसोड एक्शन की मांग की जाती है। इसका साफ पता यह है कि विदेशी सेना प्रमुखों को सोशल मीडिया पर लोगों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
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