आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम: भारत सहित अमेरिका में आर्टिफिशियल साइंटिफिक जेन्स (एआई) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। अब देश-दुनिया के बड़े-बल्लेबाजों में AI से संबंधित कोर्स की पढ़ाई हो रही है। भारत में एआई की पढ़ाई का ढांचा तेजी से बढ़ा है। वास्तविक दस्तावेज हैं कि 2024-25 में 8 लाख मिलियन बच्चों ने सेकेन्ड्री लेवल पर एआई कोर्स के लिए नामांकन कराया है। जिसमें 9वीं और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या सबसे अधिक है। सोमवार को इस बात की जानकारी शिक्षा शेखावाइन जयंत ने नोमा में दी।
लोकसभा में अज्ञात चौधरी ने क्या-क्या कहा?
जयन्त चौधरी ने कहा कि 4,538 स्कॉल के 7,90,999 स्किल्ड छात्रों ने सेकेन्ड्री लेवल एआई कोर्स के लिए दाखिला लिया है। जिसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के 50,343 छात्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के बाद शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इसके बाद स्टूडेंट्स के शोरूम्स को बेहकर बनाने पर लगातार काम किया जा रहा है। एआई कोर्स के लिए बच्चों के एनरोल्ड में भारी रचनात्मकता साबित हुई है। इससे पहले गुजरात के सांसद राजेशभाई चुडासामा ने आर्टिफिशियल साइंटिस्ट जेन्स से कोर्स के बारे में सवाल पूछा था।
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बिजनेस बोर्ड ने 5 साल पहले की थी शुरुआत…
भाई चुडासमा के सवाल के जवाब में जयन्त चौधरी ने कहा कि 4,538 स्केलेन के 7,90,999 स्केलेटन छात्रों ने एआई कोर्स के लिए सेकेन्ड्री लेवल पर दाखिला लिया है। जिसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के 50,343 छात्र शामिल हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 2019 की शुरुआत में बिजनेस बोर्ड ने आर्टिफिशियल जर्नलिस्ट कोर्स से संबंधित रिसर्च की थी, ताकि इसे समझने और समझने के लिए टैप्टरटा विकसित किया जा सके।
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एसोसिएट्स कि इस कोर्स का सिलेबस 8वीं के बच्चों को 15 घंटे का पाठ्यक्रम और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को पाठ्यक्रम विषय के रूप में पेश किया जाता है।
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