एस जयशंकर ने दोहा फोरम में डॉलरीकरण और वैश्विक कूटनीति पर विचार साझा किए और ब्रिक्स मुद्रा पर स्पष्टीकरण दिया


डॉलरीकरण पर एस जयशंकर: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार (7 दिसंबर 2024) को दोहा फ़ोर्ट्स में ‘डी-डॉलर स्माइक’ और ग्लोबल डेमोक्रेसी पर अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी अमेरिकी डॉलर का लाभ लेने के पक्ष में नहीं है। यह टिप्पणी ब्रिक्स देश की ओर से एक साझा मुद्रा पर विचार करने और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड वालक की सलाह के संदर्भ में दी गई है। जयशंकर ने साफ किया कि अवलोकन ब्रिक्स मुद्रा पर कोई प्रस्ताव नहीं है और इस मुद्दे पर ब्रिक्स देश का रुख समान नहीं है।

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने वामपंथ की टिप्पणी के पीछे के संकेतों को स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन भारत ने हमेशा यही रुख अपनाया है कि वह ‘डी डॉलर स्टार्टअप’ का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश के बीच इस मुद्दे पर बहस चल रही है और यह कोई नया प्रस्ताव नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हर देश को अपना हित हो सकता है और वे कई सिद्धांतों पर सहमत हो सकते हैं और असहमत हो सकते हैं।

जयशंकर ने आगे कहा कि भारत का दृष्टिकोण अधिक नवोन्मेषी और भागीदारी पूर्ण नामांकन की दिशा में है। उन्होंने यह भी कहा कि अब एशिया को पश्चिमी शक्तियों को विकसित करने का साहस दिखाना चाहिए। उनके अनुसार, दुनिया में चल रहे संघर्षों को देखते हुए वैज्ञानिकों के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है और भारत इस दिशा में अपना नेतृत्व दिखा रहा है।

दुनिया की असलियत काफी जटिल- एस जयशंकर

दोहा पर्यटन में अपने विचार साझा करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह दुनिया की वास्तविकता बहुत जटिल और औद्योगिक है। उन्होंने कहा कि हर देश अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी रणनीति अपनाता है और कभी-कभी एक ही देश कई सिद्धांतों पर कई घटकों में काम करता है।

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