बांग्लादेश में हिंदू मंदिर पर हमला: बांग्लादेश में कट्टर पंथियों का गद्दारों और हिंदू पोस्टरों पर हमला जारी है। शुक्रवार की रात (6 दिसंबर 2024) ढाका में एक और हिंदू मंदिर के निर्माण की खबर है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कट्टरपंथी पंथियों ने इस्कॉन नामहट्टा मंदिर ढाका पर शुक्रवार रात हमला किया।
बताया जा रहा है कि सबसे पहले देवताओं की मूर्तियों में आग लगी थी। बांग्लादेश में स्थित इस मंदिर का प्रबंधन इस्कॉन कर रहा था। इसके अलावा इस हमले के बाद एक बार फिर हिंदू धर्मगुरुओं ने आरोप लगाया है कि कट्टर कट्टरपंथी किशोर विचारधारा वाले लोग बने हुए हैं और मोहम्मद यूनुस मूकदर्शक बने हुए हैं।
कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष ने की पुष्टि
कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने भी इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मंदिर की टिन की छत को हटा दिया गया और अवशेषों को नष्ट कर दिया गया, जिस पर पहले पेट्रोल डाला गया था। एक सप्ताह पहले, इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुस्लिम भीड़ ने बंद करा दिया था। चिन्मय कृष्ण दास प्रभु और उनके सहयोगियों की हाल ही में हुई है गद्दार, हिंदू संगठन इस्कॉन पर प्रतिबंध के प्रयास और हिंदू विरोध के माध्यम से देशद्रोह का आरोप जारी है।
बांग्लादेश में एक और इस्कॉन नामहट्टा केंद्र जला दिया गया। श्री श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्तियाँ और मंदिर के अंदर की सभी वस्तुएँ पूरी तरह से जलकर खाक हो गईं। केंद्र ढाका में स्थित है. आज तड़के करीब 2 से 3 बजे के बीच शरारती तत्वों ने श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर में आग लगा दी… pic.twitter.com/kDPilLBWHK
– राधारमण दास राधारमण दास (@RadharamnDas) 7 दिसंबर 2024
चिन्मय कृष्ण दास की अपराधियों के बाद से और भद्दे हमले
बता दें कि शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही हिंदुत्व पर हमलों के मामले भड़के हुए थे, लेकिन 25 नवंबर को ढ़ाका में गद्दारों के हमले के बाद से ही एकता सनातनी भगत जोत से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास पर लगे आरोपों में तेजी आई है। कट्टर हिंदू पेंटिंग को कॉन्स्टेंटिनोपल बनाए जा रहे हैं। 31 अक्टूबर को चिन्मय दास की गिरफ़्तारी के बाद एक स्थानीय राजनेता की याचिका दायर की गई थी, जिसमें चिन्मय दास और अन्य हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
ये भी पढ़ें