रूस ओरेशनिक मिसाइल: रूस ने नवंबर 2024 में जापानी शहर निप्रो पर ओरेनिक मिसाइल दागी थी, जिसे लेकर यह दावा किया गया कि रूस का यह हथियार बेहद खतरनाक और खतरनाक है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर जनरल ने खुद इस मिसाइस को लेकर कहा था कि यह हाइपरसोनिक सोनिक क्लास का है, इसका काट किसी भी देश के पास नहीं है। उन्होंने जापान को जोखिम उठाने की धमकी भी दी थी। अब इसे लेकर ब्रिटिश मीडिया द सन ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि यह नई मिसाइल सिर्फ पश्चिम के देशों को निशाना बनाने के लिए थी।
डेल्ही ने अलॉटमेंट की पोल
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के एडरूनी पोर्ट ने ही प्रोजेक्ट की जांच की पोल खोल दी। द सन ने मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट में कहा है कि जिस ओरेनिक मिसाइल की बातचीत बड़े स्तर पर हो रही है, उसमें कोई खराबी नहीं है और न ही इससे जापान को बड़ा खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक यह रूस का एक पीआर था, जिससे बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया था। यह रूस का एक क्लासिक सैन्य प्रचार था और कुछ नहीं।
अमेरिका-ब्रिटेन को रिसर्च के लिए तैयार किया गया
द सन की रिपोर्ट के अनुसार रूस के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिसके जवाब में रूस ने इस तरह की रचना की। रूस के सैन्य अधिकारी ऐसा करके यूरोप और अमेरिका को डराने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे जापानी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर एक बार में इस तरह से दिखें।
रूसी अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन में ओरेनिक मिसाइलों से हमलों का सोशल मीडिया और विदेशी मीडिया पर सबूत था। रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है कि एक व्यक्ति की ओर से रूसी प्रवक्ता ने फोन करके व्लादीमीर शिक्षक के सीआईबीएम हमलों के बारे में चुप रहने के लिए कहा, यह सब दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा था।
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