<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना पर चौंकाने वाली नजर आ रही है। इस स्कीम के पायलट प्रोजेक्ट के तहत कई ज्वलनशील ने ऑफर की पेशकश के बाद इंटर्नशिप करने के लिए एक कदम पीछे हटा लिया है। जब नवंबर में कंपनी ने इस योजना के तहत पहली बार ऑफर देना शुरू किया, तो पहले सप्ताह में उद्यम दर केवल एक समकक्ष रही। लेकिन अब धीरे-धीरे और धीरे-धीरे यह दर उठा-पटक हो गई और अब इसमें सुधार हो रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार कई लोगों ने माता-पिता के दबाव के कारण अप्लाई करने की योजना बनाई, लेकिन बाद में उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया। हालांकि पायलट प्रोजेक्ट का 1,25,000 इंटर्नशिप को जोड़ने का लक्ष्य हासिल हो गया, क्योंकि 6,20,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीख
कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय योजना के विस्तार से पहले इन कंपनियों पर ध्यान दें। एक ऑब्जेक्ट ने कहा है कि पायलट प्रोजेक्ट से हमें यह महत्वपूर्ण काम मिला है कि ग़ैर-गंभीर की कमी नहीं है, लेकिन कई गैर-गंभीर स्टॉक अंतिम समय में ऑफर रद्द कर सकते हैं। ऐसे में इस चुनौती के दौरान सरकार और सोसायटी को योजना का विस्तार करना होगा।
योजना का लॉन्च जल्द
शामिल है, योजना का लॉन्च इसी महीने के अंत तक हो सकता है। सबसे पहले बच्चे के नाम ने सोमवार से अपनी इंटर्नशिप शुरू कर दी है और जल्द ही अन्य बच्चे भी इसमें हिस्सा लेंगे। इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री ने जुलाई बजट में की थी। इसका मकसद है 5 राज्यों में 10 मिलियन युवाओं को 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना, ताकि उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ावा दिया जा सके।
देश के प्रमुख उद्योगपति
रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी, कार्गो बैंक, मारुति सुजुकी, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और जुबिलेंट फूडवर्क्स जैसे प्रमुख निर्माता इस पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा बने हैं। योजना के आरंभिक चरण में आई उद्घाटन पर ध्यान दिया गया, इसके विस्तार की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली और व्यापक बनाने पर काम किया गया।
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