वर्जिन लाइब्रेरी ने हासिल की ये खास उपलब्धि, जानिए क्या हैं प्रकृति और कितनी हैं जरूरतें

वर्जिन लाइब्रेरी ने हासिल की ये खास उपलब्धि, जानिए क्या हैं प्रकृति और कितनी हैं जरूरतें



<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">झाँसी की रानी की वीरगाथा से जाने-माने जिलों ने एक और इतिहास रचा है। यह इतिहास यहां विशेष पुस्तकालय का निर्माण करके बनाया गया है। यहां पुनर्निर्मित कर एशिया की पहली ऐसी सरकारी जिला लाइब्रेरी बनाई गई है, जिसमें नेट जीरो प्रमाणन मिला हुआ है। इस इमारत का पुनर्निर्माण जापानी विकास प्राधिकरण ने किया है।

प्राहिकरण ने नेट जीरो प्रमाणन के लिए जून 2024 में आवेदन किया और अक्टूबर में आईसीएफसी की टीम ने मानकों की जांच कर निरीक्षण किया। विश्व बैंक की संस्था इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (एमटीसी) ने कम कार्बन उत्पाद बनाने का प्रमाण पत्र दिया है।

स्मार्ट सिटी लिमिटेड की 10 करोड़ की लागत से मात्र 90 दिनों में यह बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। पुस्तकालय की ऊर्जा में केवल 30 मील प्रति घंटा तय किया गया है, जबकि कुल मिलाकर यह 150 किलोमीटर घंटा है। ऊर्जा की आपूर्ति सौर और पवन ऊर्जा से होगी, जिसमें सौर पीवी पैनस और पवन टरबाइन लगाए गए हैं।

वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था

पुस्तकालय में पत्थरों के पानी के संरक्षण और ग्रे वॉटर रीसाइक्लिंग सिस्टम के माध्यम से पानी के उपयोग में 29 प्रतिशत की कमी हुई है।

खास बात

  • साइट पर प्रतिशत सौ ऊर्जा उत्पन्न होती है
  • 34 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन कम होगा
  • सूर्य की लय को ध्यान में रखते हुए प्रकाश की व्यवस्था की गई है
  • बहरा का किनारा किसी के बराबर नहीं है
  • तेज धूप बहुत कम अंदर और सजावटी है
  • जल कन्सनटेशन, वेस्ट इन्वेंटरी के बेहतर उपाय हैं
  • 200 से अधिक बच्चों के पढ़ने की व्यवस्था है
  • कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था है
  • पढ़ने के लिए 40 हजार से अधिक पुस्तकें हैं
  • 12000 वर्ग फुट क्षेत्र में बनी इस लाइब्रेरी में पर्यवेक्षण के लिए सुपरमार्केट की व्यवस्था है

खास तकनीक का प्रयोग

झाँसी विकास प्राधिकरण ने पुस्तकालय की इमारत में ऊर्जा संरक्षण के लिए ग्रीन रूफ का निर्माण किया है। इसके माध्यम से वर्षा के जल का भण्डार, क्षितिज का तापमान कम करना, तट को रोक आदि में सहायता प्रदान करना।

पानी के प्रबंधन के लिए वॉटर वेस्ट निर्मित रोलर और रीसायकल सिस्टम बनाया गया है। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी स्थापित किया गया है। इससे बारिश के पानी का रीसाइक्लिंग किया जा सकता है। बिल्डिंग के स्टॉक एक्सचेंज के लिए ऑटो मर्चेंडाइज स्टॉक एक्सचेंज (एएसआई) ब्लॉक का उपयोग किया गया है। एएसआइ ब्लॉक की गर्मी को अंदर से अलग कर दिया गया है।

नए क्लेवर बिल्डिंग में

सन् 1960 में सरकारी जिला पुस्तकालय पर स्कॉलरशिप बनाई गई थी। इसके बाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 10 करोड़ से कम लागत में इस बिल्डिंग को नए रूप में तैयार किया। अगस्त 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण का उद्घाटन किया।

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