देश की कई प्राइवेट यूनिवर्सिटीज चार डिग्री नीचे रह रही हैं। यह खुलासा संसद में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से एक सवाल के जवाब में पूछा गया। इस दौरान एजुकेशन मिनिस्ट्री ने कई ऐसी यूनिवर्सिटीज के नाम की भी जानकारी दी, जिनके बारे में काफी जानकारी मिली है। इस जानकारी के सामने आने के बाद जोरदार हंगामा हुआ है।
संसद में पूछा गया ये सवाल
जानकारी के अनुसार, संसद में पूछा गया कि क्या सच है कि देश में कुछ निजी विश्वविद्यालय, डिग्रियां बेच रही हैं? अगर इसका जवाब हां है तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है? केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हां में दिया जवाब.
शिक्षा मंत्रालय ने दी यह जानकारी
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि सीवीआई के माध्यम से कुछ निजी निवेशकों को फर्जी डिग्री के खिलाफ आरोप लगाने वाली कंपनियां मिलीं। इन उद्यमियों और नियुक्तियों की जांच के लिए संबंधित राज्य सहयोगियों के निर्देश दिए गए हैं।
इन निजी विश्वविद्यालय को लेकर मिलें रिकार्ड
- यूनिवर्सिटीज यूनिवर्सिटी, राजस्थान
- प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, राजस्थान
- माधवी विश्वविद्यालय, राजस्थान
- रैफल्स विश्वविद्यालय, राजस्थान
- सिंघानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान
- श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
- मंगलायतन विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
- श्री सत्य साई सेवा एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश
- नाथ विश्वविद्यालय, झारखंड
- क्वांटम विश्वविद्यालय, उत्तराखंड
इस राज्य की यूनिवर्सिटीज़ के खिलाफ़ सबसे अधिक संख्या में लोग
इस सूची में अगर गौर किया जाए तो 50 प्रतिशत आंकड़े 10 में से पांच विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जो राजस्थान में स्थित हैं। सूची में उत्तर प्रदेश की दो, मध्य प्रदेश-झारखंड और उत्तराखंड की एक-एक यूनिवर्सिटी को लेकर शिकायत मिली है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि निवेशकों और शुल्कों की जांच के लिए संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए दस्तावेजों से जानकारी प्राप्त की जाए। पूछताछ के आधार पर उत्तराखंड सरकार ने क्वांटम यूनिवर्सिटी और मध्य प्रदेश सरकार ने श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंसेज पर आरोप तय किए हैं।
राजस्थान सरकार ने यह कदम उठाया
राजस्थान सरकार ने एंटरप्राइज़ जेएसी यूनिवर्सिटी में एंटरटेनमेंट सत्र 2024-25 से प्रवेश के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, एप्रिसिएबल ने दिसंबर 2023 से एंटरप्राइजेज यूनिवर्सिटीजको के लिए नामांकन लेने पर भी रोक लगा दी है। बता दें कि विश्वविद्यालय के प्रमाणित नियमों के अनुसार डिग्री देने की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और उनके अनुसार ही डिग्री डिग्री दे रहे हैं या नहीं, इसके पर्यवेक्षण के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया गया है।
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