बांग्लादेश हिंसा: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ़ हिंसा और सुरक्षा को लेकर विवाद तेज़ हो गया है। मोहम्मद यूनुस सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने दावा किया कि शेख हसीना के शासन की तुलना में अब हिंदू अधिक सुरक्षित हैं। हालाँकि, इस दावे में जो चित्र और वीडियो दिखाए गए हैं, उनमें कट्टर पंथियों पर हमला करने वाले हिंदू समुदाय भी शामिल हैं।
शफीकुल आलम ने भारतीय मीडिया में एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि वह “गलत सूचना अभियान” चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय सुरक्षित है। उनके अनुसार, शेख़ ख़ुशना की समकालीन स्थिति तुलना में बेहतर है। उन्होंने दावा किया कि भारत से शुरू हुई “गलत आज़ादी” मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। हालाँकि, आलम यह है कि अगर हिंदू सुरक्षित हैं तो यह स्पष्ट नहीं है कि हाल के दिनों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।
आस्था पर अथाह की आवृत्ति
शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद हिंदू समुदाय पर हमले में तेजी आई है। पौराणिक और धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं। इस दौरान चटगांव में एक मंदिर का निर्माण हुआ। वहीं इस्कॉन के तीन कलाकारों पर हमला करने की कोशिश की गई। हाल के दिनों में तीन हिंदू पुजारियों के विनाश में वृद्धि हुई है। इस दौरान पिज्जा पर मराठा और सुरक्षा की मांग को लेकर हिंदू समुदाय ने सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शेख़ हसीना सरकार पर आरोप
शफीकुल आलम ने हिंदू समुदाय की हिंसा के खिलाफ ठीकरा शेख हसीना सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि शेख़ ख़ुशना के शासनकाल में बड़े पैमाने पर विद्रोह हुए थे। उस समय भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने इन स्मृतियों को ख़त्म कर दिया। उन्होंने ब्रिटिश संसद और विदेश नीति द्वारा इस मुद्दे पर कोई सवाल नहीं उठाया।
सरकार की ओर से सुरक्षा का दावा
शफीकुल आलम ने कहा कि सरकार ने पुजारियों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हम लिंग, जातीयता, नस्ल और रंग से परे हर नागरिक के दावों को सुनिश्चित करने के लिए हैं।”
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