लोगों की जिंदगी की वजह से अब क्विक लाइफस्टाइल की वजह से क्विक सोसाइटी सोसायटी पर आपत्ति जताई जा रही है। खाना बनाने के लिए नमक और मसाला मंगानी हो या घर की साफ-सफाई करने के लिए क्लीनिंग किट मंगानी हो, 10 मिनट में सामान पहुंचाने वाली कई दुकानें अब बाजार में मौजूद हैं। लोगों के खाने-पीने का सामान और गैर-खाद्य पदार्थ भी वितरित कर रहे हैं। अब क्विक एंटरप्राइज़ ऐसा नहीं कर पाएगी। इस संबंध में एफएसएस कोचिंग ने हेल्थ एडवाइजरी जारी की है।
ये है पूरा मामला
गौर करने वाली बात है कि ज्यादातर लोग व्यापारियों का सामान क्विक कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदते हैं। इसमें देखा गया है कि अगर कोई भी सब्जी और मच्छर मारने वाला स्पाइडर ऑर्डर करता है तो क्विक एसएमई एंटरप्राइजेज दोनों चीजें आपको एक ही किट या बैग में डिलिवर कर बेचती हैं, लेकिन अब क्विक कॉमर्स एंटरप्राइजेज या ई-कॉमर्स कंपनियां ऐसा नहीं कर पाएंगी।
एफएसएसएआई ने जारी किया यह डेटाबेस
जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले फर्म फर्म फर्म एंड स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया यानी एफएसएस आश्रम ने कंपनी की मार्केटप्लेस कंपनी की स्थापना की है। कहा गया है कि ऑफ़लाइन प्लेटफ़ॉर्म खाद्य पदार्थ और गैर-मौजूदा खाद्य पदार्थों को अलग-अलग टुकड़ों में पैक करके डिलीवर किया जाएगा। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर गलत असर न पड़े और खाने की चीजें भी न हो।
एफएसएस आर्किटेक्चर ने दिया यह आदेश
एफएसएसएआई ने एड स्टॉकिंग में यह भी आदेश दिया कि फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (एफबीओ) जिन खाद्य पदार्थों को भी वितरित करेगा, उनकी एक्सपायरी डेट की दुकान से कम से कम 45 दिन पहले की जानी चाहिए। साथ ही, उन्हें सभी FBIO मेट्रिक्स ग्रेजुएट्स को प्रशिक्षण भी देना होगा, जिससे वे सुरक्षित तरीकों से खाद्य पदार्थ वितरित कर सकें।
विवरण को लेकर भी निर्देश जारी
एफएसएसएआई ने अपने एड शेयरों में यह भी कहा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपनी वेबसाइट या ऐप पर किसी भी खाद्य पदार्थ की ऑनलाइन जानकारी लिखेंगे, जो खाद्य पदार्थों के लेबल पर जानकारी लिखेगा। लेबल पर लिखे गए अंश के अलावा कोई अलग दावा नहीं, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपनी वेबसाइट या ऐप पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
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