सैन्य अभ्यास: अपाहिजों में हर साल आयोजित होने वाला कोबरा गोल्ड सैन्य अभ्यास अमेरिकी मैरीन सैनिकों के लिए सबसे कठिन प्रशिक्षण में से एक माना जाता है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सैनिकों को जंगली द्वीप में जीवित रहने का कौशल सिखाना है। इनमें कीड़े-मकोड़े, बिच्छू, छिपकलियाँ, और साँप जैसे जीव जीवित कलाकार हैं।
यह अभ्यास कर्मियों को फ्लोरिडा के लिए तैयार किया जाता है, जहां जंगल में फंसने पर उनके पास-पने का कोई पद नहीं होता है। उन्हें सिखाया जाता है कि सांप और बिच्छू की पहचान कैसे करें और उन्हें अपनी जान बचाएं। यह प्रक्रिया अत्यंत शक्तिशाली और डरावनी गुड़िया है।
पानी की जगह पर साँप का खून सैनिक हैं
अभ्यास के दौरान पानी न की स्थिति में सैनिक को कोबरा सांप का खून पीने की ट्रेनिंग दी गई थी। यह न केवल उनका पासपोर्ट सब्सट्रेट का तरीका था, बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक अभ्यास का परीक्षण भी था। हालाँकि इस प्रक्रिया को लेकर कई सैनिक सैनिक महसूस कर रहे थे।
पेटा की सिद्धांतों के बाद नए बदलाव
पिछले कुछ वर्षों में पशु अधिकार संगठन पेटा और अन्य उद्यमियों ने इस अभ्यास का विरोध किया है। उन्होंने इसे निषेधाज्ञा के लिए ले जाया गया। इसके परिणामस्वरूप अब कोबरा गोल्ड प्रैक्टिस में सांप के खून पीने की प्रथा समाप्त हो गई है।
ऐसा होता है सांप के खून का स्वाद
जिन स्ट्रॉस ने इस अभ्यास में भाग लिया उनका कहना था कि सांप के खून का स्वाद मीठा होता है। हालाँकि कई सैनिक इसे पीने से हिचकते थे और इसे अपने जीवन का सबसे कठिन अनुभव अनुभव था।
कोबरा गोल्ड प्रैक्टिस का नया स्वरूप
अब यह अभ्यास मुख्यतः आधुनिक और मानवीय अर्थशास्त्र पर आधारित हो गया है। इसमें प्रौद्योगिकी और वंशानुगत कौशल को बढ़ावा दिया जाता है ताकि सैनिकों को बिना किसी जीव को नुकसान पहुंचे, साथ ही कठिन मालदीव का सामना कर सके।
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