देश के कई और हवाई अड्डों को लीज पर देने जा रही है केंद्र सरकार! लिस्ट देखकर आप भी हो जायेंगे हैरान
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय: देश के कई और हवाई अड्डों को सरकार लीज पर देने की तैयारी कर रही है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एक सवाल के जवाब में संसद में कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए आश्रम) के तहत राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन) के 25 हवाई अड्डे को लीज पर देने का निर्णय लिया गया है।
इनमें ब्यावर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयम्बटूर, नागपुर, पटना, मदुरै, सूरत, रांची, जोधपुर, चेन्नई, विजय वेदर, वडोदरा, भोपाल, तिरूपति, हुबली, इम्फाल, ताला, शोरूम, शोरूम और शामिल हैं। राजमुंदरी हवाई अड्डा शामिल हैं। इन हवाई किले को साल 2022 से 2025 तक लीज पर ले जाने का फैसला किया गया है।
सिविल एविएशन कॉर्पोरेशन ने अपने जवाब में कहा कि 2019 के बाद भारतीय एयरक्राफ्टपट्टन अथॉरिटी (ए होटल) ने 6 हवाई जहाजों को बेहतर संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत लीज पर दिया है। ये 6 हवाई अड्डे हैं: लखनऊ, पाइथन, मंगलुरु, जयपुर, त्रिपुरा और तिरुवनन्तपुर। मंत्रालय ने बताया कि इन 6 हवाई अड्डों को 50 सार्जेंट की लीज जरूर दी गई है, लेकिन इन हवाई अड्डों का स्वामित्व भारत के स्वामित्व वाली एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास है।
लीज पर देने से सरकार को हुआ इतना फायदा
इन 6 हवाई अड्डे को लीज पर देने से सरकार को क्या फायदा हुआ है, इसकी जानकारी भी सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने संसद को दी है। मंत्रालय ने बताया कि इन 6 हवाई अड्डे से पब्लिक प्राइवेट बेंगलुरुशिप के तहत अक्टूबर 2024 तक प्रति यात्री शुल्क (पीआईएफ) के रूप में एक महल को लगभग 2310 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। इसके अलावा इन छह हवाई अड्डों पर एक महल का ओर से दिए गए प्लॉटगेट खर्च के लिए इन छह हवाई अड्डों के निजी बंगले से 5260 करोड़ रुपये भी मिले हैं।
अडानी ग्रुप ने भी लीज पर दिए गए कई एयरपोर्ट
भारत सरकार के सिविल एसोसिएशन मंत्रालय ने देश में हवाई अड्डों के संचालन, अभ्यास और विकास को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई प्रमुख हवाई अड्डों को निजी कंपनियों को सौंप दिया है। यह फर्स्ट पब्लिक-प्राइवेट ग्रेटर शिप (पीपीपी) मॉडल शुरू किया गया है। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में कई हवाई स्मारकों को एडानी समूह और अन्य कंपनियों को पट्टे पर दिया है।
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