बांग्लादेश इस्कॉन चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया

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बांग्लादेश हिंसा: भारत के पड़ोसी मुज़ाकिस्तान में स्थिति दिन- प्रतिदिन जारी रहती है। वहां लगातार सिंथेटिक को बनाया जा रहा है, जिसके कारण अल्पसंख्यकों के बीच भय का माहौल बना हुआ है। इस बीच इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के अवैध अपराधी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। अविश्वास प्रस्ताव पर बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्थिर सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की रिहाई की मांग की है और आरोप लगाया है कि जो कुछ भी उनके देश में हो रहा है उसके लिए मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार जिम्मेदार है।

अवामी लीग के अध्यक्ष ने कहा, सनातन धर्म के एक शीर्ष नेता को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया। इससे पहले अहमदिया समुदाय के मस्जिदों, अमीरों, चर्चों, मठों और कारीगरों पर हमला किया गया, कब्रिस्तानों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक आजादी और जन-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

कार्यकारी सरकार पर प्रयोग
ईस्ट ऑफिस ने बांग्लादेश की कार्यकारी सरकार पर शेयर बाजार में कहा, वर्तमान स्थायी दल सभी जिलों में नाकाम दिख रही है। वो लोगों की जीवन सुरक्षा को नियंत्रित करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अत्याचारों की कड़ी निंदा की जाती है।

शेख हसीना ने कहा, ‘चटगांव में एक वकील की हत्या कर दी गई।’ इस अपराध में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए। इस घटना से अपराधियों का घोर उल्लंघन हुआ है। एक वकील अपने-अपने संगठन का पालन-पोषण कर रहा था और उसे पीट-पीटकर मारडोड वाले ‘आतंकवादी’ की सजा मिलनी चाहिए।’

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी
चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार शाम 4:30 बजे चौधरी शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की निगरानी (डीबी) द्वारा लिया गया। यह ऐसे समय हुआ जब मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोप लगे। मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी सरफराजुल को इस्लाम के सामने पेश किया गया। उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।

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रूस यूक्रेन युद्ध मॉस्को में ड्रोन और मिसाइल से हमले के कारण यूक्रेन में ब्लैकआउट हो गया, 10 लाख से अधिक लोग बिना बिजली के रह रहे हैं

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रूस यूक्रेन युद्ध: रूसी सेना ने रात गुरुवार (28 नवंबर) को जापान पर बड़ा हमला किया, जिसके कारण पूरे देश को अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान रूस ने 91 मिसाइलें दागीं और 97 मिसाइलें दागीं। हमलों पर यूक्रेन ने कहा कि उनमें से 12 ने ऐसे अवशेषों को बनाया, जिनमें से ज्यादातर ऊर्जा और ईंधन केंद्र थे। इस कारण से लगभग 1 मिलियन लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए। बता दें कि रूस ने ये आक्रमण यूक्रेन द्वारा रूसी क्षेत्र पर ATACMS मिसाइलों का प्रयोग किया जाता है, जिस पर अमेरिका ने आक्रमण किया है। ATACMS एक बैलिस्टिक मिसाइल है, जो लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट चिंता व्यक्त की है। इससे पहले उन्होंने नाटो चांसलर मार्क रुटे, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारर और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सहित पश्चिमी नेताओं की मदद की है। बता दें कि जापान के साथ युद्ध की आग में जलते हुए 2 साल से ज्यादा वक्त के सपने सामने आए हैं। इस दौरान उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा। हालाँकि, अपने सहयोगी देशों की मदद से वो रूस जैसे देश के सामने आ गया है।

रूस का जापानी पर हमला जारी
पहले रात किये गये हमलों से पहले रूस ने 25 नवंबर को भी जापान पर रात भर में 188 आतंकवादी हमले किये थे। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष इस रूस के सबसे बड़े तूफ़ान हमले के बाद शुरू हुआ था। यूक्रेनी वायु सेना ने एक बयान में दी थी जानकारी दी गई थी कि जापान के अलावा, रूस ने चार इस्कंदर-एम बैलिस्टिक मिसाइलों को भी दागी थी। यूक्रेनी वायु सेना ने 17 क्षेत्रों में 76 देशों के साथ मिलकर गिराए थे, जबकि 96 अन्य से संपर्क टूट गया था।

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विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह का कहना है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों ने बताया कि उनकी ऑडियो और वीडियो निगरानी की जा रही है

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भारत-कनाडा संबंध: केंद्र सरकार ने कहा कि वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को हाल ही में कनाडाई अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि उनके ऑडियो और वीडियो निगरानी की जा रही है। विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने साझीदारी में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, “हाल ही में, वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को कनाडा के राजदूतों द्वारा सूचित किया गया था कि उनके ऑडियो और वीडियो पर निगरानी रखी जा रही है और उनके निजी सहयोगियों पर भी निगरानी रखी जा रही है।”

विदेशी दिग्गज कीर्तिवर्धन सिंह ने कही ये बात

विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने इस मुद्दे पर नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के समसामयिक दो नवंबर 2024 को कड़ा विरोध दर्ज कराया क्योंकि ये सभी कार्यकर्ता नेता का घोर अपमान थे।

उन्होंने कहा, “विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में यह भी कहा था कि कनाडा सरकार के तकनीकी परामर्श का यह तथ्य अस्वीकार्य है कि वह प्रमोशन कर रही है और धमाका कर रही है। कर्मचारी पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। कनाडा सरकार की कार्रवाई यह स्थिति को और खराब करती है और यह मूल्यवान और धार्मिक सिद्धांतों की स्थापना नहीं करती है।”

कनाडा के साथ संपर्क भारत सरकार में है

विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि कनाडा में भारतीय लोकतंत्रों की सुरक्षा के प्रश्न पर, भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा के साथ लगातार संपर्क करती है कि हमारे उपकरण और उपकरणों को हर समय समतामूलक सुरक्षा प्रदान की जाए। के उत्तर में कहा गया है कि कनाडा के साथ भारत के संबंध संबंध चल रहे हैं और आज भी हैं क्योंकि वहां की सरकार द्वारा ऐसे चरमपंथी और समसामयिक विचारधारा को राजनीतिक शरण प्रदान की जाती है जो भारत विरोधी विचारधारा का समर्थन करते हैं।

अब्दुल वहाब ने पूछा था सवाल

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयू गुट) के अब्दुल वहाब ने विदेश मंत्रालय से सवाल किया कि क्या यह सच है कि अतीत में कनाडा के साथ भारत के संबंध खराब हुए थे। इसके जवाब में सिंह ने कहा, ”कनाडा के साथ भारत के संबंध संबंध रहे हैं आज भी हैं। क्योंकि कनाडा सरकार द्वारा मुख्य रूप से ऐसे चरमपंथी एवं अंतर्पंथी तत्वों और ऐसे लोगों को राजनीतिक आश्रय प्रदान किया जाता है, जो भारत विरोधी विचारधारा का समर्थन करते हैं और भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय एकता को खतरे में डाले गए हैं परिणाम देने के कनाडा की आज़ादी के लिए तानाशाही जारी है।”

(इनपुट भाषा के साथ)

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इजराइल ने सीरिया को चेतावनी दी कि उसने हिजबुल्लाह को हथियार तस्करी का आरोप लगाते हुए हमले की धमकी दी है

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इज़राइल ने सीरिया को चेतावनी दी: इजराइल और हिज्ब के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में रविवार को युद्ध विराम लागू हुआ। लेकिन इस संघर्ष से ठीक पहले इजरायली रक्षा सेना (आईडीएफ) ने लेबनान-सीरिया सीमा पर हिजाब के स्मगलिंग रूट पर हवाई हमला किया था। यह कार्रवाई ईरान द्वारा हिजबुल्लाह को सीरिया के मार्ग पर शरणार्थियों की आपूर्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई है। इसी तरह इस हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “असद को डांटना चाहिए कि वह हिजाब को ईरानी समर्थन से आग से खेल रहे हैं।”

इजराइल ने लेबनान-सीरिया सीमा के खिलाफ हिजबाबाद के स्मगलिंग रूट पर हमले कर हथियार रोकने की कोशिश की है, जिसका इस्तेमाल हिजबाबाद इजराइल के जारी संघर्ष में कर रहा है। इजराइल का मुख्य उद्देश्य हिजाब की ताकत को कमजोर करना है। लेबनान और सीरिया के बीच के माध्यम से हिजबआ तक ईरानी हथियार पहुंचाए जा रहे हैं।

सीरिया को इजराइल के लिए खतरा
इज़रायल ने उत्तरी लेबनान और सीरिया के बीच की तीन मुख्य सीमाओं को पार करते हुए बुधवार (27 नवंबर) को समापन कर दिया। इजराइल का मकसद है कि वो हिजबआद को सीरिया से मिलने वाली यात्रियों की मदद से रोक सके, ताकि हिजाब के मिशन का निर्माण और दोस्तों को पकड़ा जा सके। सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद को लेकर इजराइली सेना ने स्पष्ट संदेश दिया कि हिज्ब अब्दुल्ला को समर्थन देने की स्थिति में उनकी सरकार को गंभीर दर्जा दिया जाएगा।

उग्र का युद्ध
हिजाब को सैन्य और सहायता वित्तीय संस्था ईरान से रवाना हुई। इसके अलावा उसे सीरिया से भी मदद मिलती है। जहां से वो हथियार और अन्य सैन्य सामग्री एकत्र होती है। ये अंदेशा दावा किया जा रहा है कि हिज्बिस्तान की बहुसंख्यक आबादी से इजरायल और सीरिया-लेबनान सीमा पर फिर से टकराव हो सकता है और ईरान हिज्बिस्तान की बहाली के लिए सीरिया का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र में बढ़ोतरी हो सकती है।

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बांग्लादेश सरकार को आश्रम संस्था से या फिर इस्कॉन से, माजरा क्या है?

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बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय प्रभु के अनुयायियों के मुद्दे ने इतनी तूल पकड़ ली है कि भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी दांव लग गए हैं। भारत ने मलेशिया पर मलेशियाई कम्युनिस्ट पार्टी का आरोप लगाया और उसने कहा कि इस मुद्दे पर भारत को कोई काम नहीं करना चाहिए। सवाल ये है कि आखिर बांग्लादेश में इस्कॉन ऐसा क्या करता है कि बांग्लादेश सरकार उसे प्रतिबंधित करना चाहती है. बांग्लादेश में जो बंधक के खिलाफ है, उसके लिए इस्कॉन का काम जिम्मेदार है या फिर बांग्लादेश की ये नई सरकार ही बांग्लादेश के खिलाफ है। आखिर क्या है बांग्लादेश में रहने वाले बांग्लादेश के खिलाफ हो रही जुल्म-ओ-सितम की हकीकत? तो आज की तारीख में बांग्लादेश में करीब 1 करोड़ 35 लाख हिंदू रहते हैं। इस खाते से भारत और नेपाल के बाद बांग्लादेश पूरी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू आबादी वाला देश है, लेकिन बांग्लादेश की जनसंख्या के हिसाब से देखें तो ये संख्या 7.95 प्रतिशत के आस-पास ही है। इस्लाम के बाद हिंदू धर्म ही बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, इसके अलावा बांग्लादेश में हिंदू आबादी कभी सुरक्षित नहीं रही और उनकी आबादी साल दर साल कायम रही। बांग्लादेश के बनने के तुरंत बाद जब अस्थिरता हुई तो 1974 में बांग्लादेश में हिंदू आबादी करीब 13.50 फीसदी थी, जो अब 8 फीसदी से भी कम हो गई है।
 
बांग्लादेश के आदिवासियों के सामने सबसे बड़ा संकट तब आया, जब 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख़ हसीना का तख्तापलट हो गया। शेख़ ख़ुशना को अपना ही मुआवज़ा चुकाना पड़ा। शेख़ ख़ुशना भारत आ गईं और उनके पीछे रह गईं बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू वासी ऊपर नई सरकार ने जुल्म-ओ-सितम की इंतहा कर दी। अगस्त से लेकर नवंबर तक चार महीने के अंदर-अंदर कम से कम 500 ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें जंगल के घर जलाए गए थे, उनके मंदिर दिखाए गए थे और उनके ऊपर हर वोजुल्म दिया गया था, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं की जा सकी थी।

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अस्थायी सरकार का गठन भी हुआ। मोहम्मद यूनुस ने हिंदुत्व पर हमलों की निंदा भी की. उन्हें सुरक्षा का भरोसा भी दिया गया था, लेकिन अब यही मोहम्मद यूनुस और उनकी पूरी सरकार बांग्लादेश में इस्कॉन के पीछे पड़ गई है और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत तक पहुंच गई है। हालाँकि, कोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन बांग्लादेश में इस्कॉन के सबसे बड़े चेहरे चिन्मय प्रभु अब भी जेल में हैं और अपनी रिहाई के लिए बांग्लादेश के हिंदू आंदोलनरत हैं।

सवाल है कि मोहम्मद यूनुस ने ऐसा क्यों किया। वो तो प्रधानमंत्री बनने के बाद अगस्त महीने में ही बांग्लादेश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिर ढाककेश्वरी मंदिर में व्यापारी शामिल हो गए थे, फिर ये नौबत क्यों आई? क्या मोहम्मद यूनुस महासभा के खिलाफ हैं, लेकिन इस्कॉन के हैं। अज़ान ज़रा भी इशारा करने की कोशिश कर रहे हैं। बांग्लादेश में जो हिंदू हैं, वो बंगाली हिंदू हैं और बंगाल में या तो देवी दुर्गा की पूजा होती है या फिर मां काली की और भगवान शिव की। अविभाजित बंगाल में तो भागवत के यही सबसे बड़े देवता थे। तो बंगाल के विभाजन के बाद भी जो हिंदू पहले पूर्वी पाकिस्तान में थे और फिर 1971 में बांग्लादेश में बने थे, उनके भी आराध्या यही देवी-देवता थे, लेकिन फिर बांग्लादेश में इस्कॉन आ गए।

इस्कॉन का पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस। अन्य हिंदी में कहते हैं अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ। 11 जुलाई 1966 को स्वामी श्रीलप्रभुपाद ने इस्कॉन की स्थापना की थी। करीब 58 साल में इस्कॉन ने पूरी दुनिया में 100 से ज्यादा मंदिर बनवाए हैं, जहां 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। भारत के अलावा अमेरिका, रूस और ब्रिटेन में भी इस्कॉन के मंदिर हैं, इस्लामिक देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी इस्कॉन के मंदिर हैं। अगर सिर्फ बांग्लादेश की बात करें तो वहां कुल चित्रों की संख्या 40 हजार से भी ज्यादा है, जिनमें से कम से कम 10 मंदिर इस्कॉन के हैं। सरकार को भी अन्य मूर्तियाँ और उनके प्रमुखों से नहीं लगता, बल्कि इस्कॉन से लगता है। इसका कारण यह है कि इस्कॉन एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसके लिए आपके समर्थन और अन्य हिंदू चित्रकला की तुलना करना आसान है। इसके अलावा अभी इस्कॉन के ही बड़े संत चिन्मय प्रभु के अवगाहन में बांग्लादेश में एक नई संस्था बनी है, जिसका नाम है आतंकवादी सनातन महासभा जोत। यह ग्रुप बांग्लादेश में हिंदुओं की बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहा है और कह रहा है कि शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हिंदू हताश हो गए हैं और नए अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस भी हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर काम नहीं कर रहे हैं।< br />
ऐसे में बांग्लादेश की सरकार ने हिंदुओं की आवाज को फिर से संगठित करने के लिए चिन्मय प्रभु पर दबाव बनाया और जब नहीं माने तो उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। इसका इकलौता मकसद सिर्फ यही है कि चिन्मय प्रभु के अपराधियों से बांग्लादेश के हिंदू अपनी आवाज न उठाएं, लेकिन मोहम्मद यूनुस की सरकार ने जिसे आवाज दी, उसे हासिल करने की कोशिश की, वो आवाज अब भारत ने ही ली है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने इस मुद्दे को पास किया है और कहा है कि बांग्लादेश गलत हो रहा है। वहीं, बांग्लादेश में भी मोहम्मद यूनुस गिरफ़्तार हो गए हैं, क्योंकि ढेका कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि वो इस्कॉन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। तो अब तय मोहम्मद यूनुस और उनकी सरकार ऐसा करना चाहती है कि वो अपने देश में फिर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करके भारत के साथ संबंध बेहतर बनाए रखना चाहते हैं या फिर वो भी चीन के दबाव में भारत से संबंध खराब करना चाहते हैं। अगर संबंध ख़राब होते हैं, तो बांग्लादेश को नुकसान होगा, शायद मोहम्मद यूनुस को इस बात का इल्म भी नहीं होगा।

 

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ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के लोगों के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिक-टोक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया है

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ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया: ऑस्ट्रेलिया ने “सोशल मीडिया मिनिमम एज बिल” को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी कर 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लोगों को इन पर सख्ती से रोक लगा दी है। इस कानून के तहत, शतरंज, फेसबुक, और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग इन करने वाले ग्रैंडों पर भारी कटौती की जाएगी।

ऑस्ट्रेलिया में कानून लागू करने का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव से बच्चों की मानसिक सेहत को सुरक्षित रखना है। अगर किसी भी संगीत में संगीत का उल्लंघन होता है तो उस पर 32 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹270 करोड़) का जुर्माना लगाया जाता है। वहीं इस कानून में यूट्यूब को छूट दे दी गई है क्योंकि यह स्कूच में स्टार्टअप के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।

जनवरी 2024 में लागू होगा कानून
ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया से फ़्लोरिडा लॉ जनवरी 2024 में लागू होगा। इसके एक साल बाद यह कानून पूरी तरह से प्रभावशाली हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के अलावा फ्रांस और कुछ अमेरिकी राज्यों ने माता-पिता की संपत्ति के बिना नाबालिगों की सोशल मीडिया तक पहुंच पर प्रतिबंध लगाने का कानून पारित किया है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इन देशों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। हालाँकि, इस कानून से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच के बाजारों में तनाव उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि यह मेटा, टिकटॉक, और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैस अमेरिकी कंपनियों को सीधे प्रभावित करता है। इस प्रतिबंध पर कुछ लोगों की अभिव्यक्ति और बच्चों पर प्रतिबंध है। ऑफ़लाइन शिक्षा और मनोरंजन के विरुद्ध अधिकारों को माना जाता है। सोशल मीडिया सोसाइटी का कहना है कि यह प्रतिबंधित है और इसे लागू करना कठिन होगा।

सोशल मीडिया और बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य
1. सोशल मीडिया का प्रभाव
सोशल मीडिया पर बढ़ते समय की चर्चा करने से बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं, जैसे कि अवसाद और चिंता।
साइबर बुलिंग और अलौकिक तुलना के कारण सामान की कमी।
2. पैतृक नियंत्रण की कमी
माता-पिता की देखरेख के बावजूद बच्चे मंच पर समय बिताने के नए तरीके ढूंढते हैं।

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ईशान किशन ने शेयर की इमोशनल पोस्ट, कहा अलविदा मुंबई इंडियंस ईशान किशन को मेरी श्रद्धांजलि, आईपीएल 2025

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इशान किशन मुंबई इंडियंस अलविदा संदेश: दीपक चाहर से लेकर मोहम्मद सिराज सहित कई क्रिकेटर इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी-अपनी पुरानी मान्यताओं से दूर जाने को लेकर इमोशनल हो गए हैं। अब इस फेहरिस्त में भारतीय स्टॉकहोम के दिग्गज बल्लेबाज ईशान किशन का नाम भी जुड़ गया है। किशन एपीएल में साल 2018 से ही मुंबई इंडियंस (एमआई) के लिए खेल रहे थे, लेकिन आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन में उन्हें सनराइजर्स रेजिडेंट ने 11.25 करोड़ रुपये में खरीदा है। मुंबई फ्रेंचाइजी से दूर होने पर ईशान किशन ने एमआई के साथ मिलकर खास लम्हों का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

ईशान किशन साल 2019 और 2020 में दो बार मुंबई इंडियंस की चैंपियन बनने वाली टीम का हिस्सा रहे। मुंबई टीम की खास यादों में वह लम्हा भी शामिल हैं जब एमआई के चैंपियन बनने के बाद उन्होंने ट्रॉफी हासिल की थी। उन्होंने इमोशनल अंदाज में लिखा, “आप सभी के साथ आनंद और खुशी के बहुत सारे पल बांटे गए। एमआई, मुंबई और पलटन की हमेशा मेरे दिल में खास जगह बनी रहेगी। आप सबके साथ से मैं एक बेहतरीन इंसान और खिलाड़ी बन गया हूं।” .इन अमर यादों में दिल में मैं आपको लेकर आया हूं. इब्राहिम, कोच, सभी खिलाड़ी और हमेशा साथ देने वाले शौकीनों का मैं साथी हूं.”


ईशान किशन ने मेगा नीलामी में अपना बेस 2 करोड़ रुपये कमाया था। रियल एस्टेट की सबसे पहली बोली वाली टीम मुंबई इंडियंस ही थी, लेकिन कुछ देर बाद ही एमआई ने अपने हाथ खींच लिए। सुपरमार्केट में दुकानदारों की मांग काफी ज्यादा थी, इसलिए पंजाब किंग्स से लेकर दिल्ली कैपिटल्स और सनरबिजर्स रेजिडेंट ने भी किशन पर दिग्गज बल्लेबाजों की बोली लगाई। अंत में SRH ने 11.25 करोड़ रुपये में किशन को अपने स्कवाड में शामिल किया था.

मुंबई इंडियंस के लिए ईशान किशन ने अपने आईपीएल करियर में कुल 89 मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 2,325 रन हैं। मुंबई फ्रैंचाइज़ी के लिए उन्होंने 15 15 होटल कंपनियां भी अश्लील फिल्में कीं। मगर वो अब सनराइजर्स हैदराबाद में हेनरिक क्लासेन, ट्रेविस हेड्स और अभिषेक शर्मा जैसे स्टॉर्मी बैंक के साथ नजर आएंगे।

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पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने टीम इंडिया को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान नहीं भेजने पर बीसीसीआई की आलोचना की।

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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पर शाहिद अफरीदी: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर बीसीसीआई और पीसीबी के आधिकारिक बयान जारी किए गए हैं, अब पूर्व खिलाड़ियों ने इसे राजनीति से प्रेरित किया है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि राजनीति का कारण विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को लेकर था। अफरीदी ने ऐसे समय में यह सोशल मीडिया पोस्ट में 29 नवंबर को ICC की मीटिंग होने वाली है। इस नमूने में भारतीय टीम के पाकिस्तान जाने और हाइब्रिड मॉडल के विषय पर चर्चा हो सकती है।

पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, ”बीसीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को जो स्थिति दी है, उसमें से किसी को भी राजनीति से बाहर नहीं किया जा सकता है।” क्योंकि बिना सुरक्षा बोर्ड के स्वामित्व वाली कंपनी ने 5 बार भारत का दौरा किया है। इसमें 26/11 के दावे के बाद व्हाइट बॉल बास्केटबॉल सीरीज भी शामिल है। अब समय आ गया है कि आईसीसी और उसकी ऑफ फर्म्स लिमिटेड ने अपना अधिकार बना लिया है “

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पहले ही टीम इंडिया के मैच को लेकर या किसी अन्य देश में शामिल होने का विरोध कर चुका है। मगर भारत के रुख से आईसीसी भी संकट में है क्योंकि योजना में देरी के कारण ब्रॉडकास्टर्स इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल पर दबाव बना हुआ है। हाइब्रिड मॉडल का ही सबसे अच्छा विकल्प नजर आता है, लेकिन पीसीबी का रुख भी आईसीसी के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।

यहां तक ​​कहा जा रहा है कि अगर किसी भी तरह से हाइब्रिड मॉडल को लागू करने का प्रयास किया गया तो पाकिस्तान टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया जाएगा। दूसरी ओर टीम इंडिया के चैंपियंस ट्रॉफी में ना होने से आईसीसी, ब्रॉडकास्टर्स और यहां तक ​​कि खुद पीसीबी को भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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न्यूजीलैंड के नवोदित नाथन स्मिथ ने पहली बार जो रूट डक को क्लीन बोल्ड किया 2024 न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड पहला टेस्ट लाइव

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जो रूट ने इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड को क्लीन बोल्ड किया: इंग्लैंड क्रिकेट टीम इस समय न्यूजीलैंड दौरे पर है और तीन मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट 28 नवंबर से क्राइस्टचर्च में खेला जा रहा है। इस मॉडल में इंग्लिश फ़्लोरिडा के मार्क्स कहे जाने वाले जो रूट ज़ीरो के स्कोर पर आउट हो गए हैं। रूट का यह विकेट मेमोरियल इसलिए भी है क्योंकि एमवी की टीम के लिए शुरुआत करने वाले नाथन स्मिथ ने आउट किया है। बेस्टेंट नाथन के लिए एक और मजेदार बात यह रही कि जिस ओवर में उन्होंने रूट को आउट किया, उसी ओवर में उन्होंने पहली बार जैकब बैथेल को 10 रन के स्कोर पर आउट किया।

बता दें कि न्यूजीलैंड ने इस मैच में खराब शुरुआत करते हुए पहली पारी में 348 रनों का स्कोर खड़ा किया और सफलता पाई। जवाब में इंग्लैंड ने जैक क्रॉली की विकेट जल्दी गंवा दी, जिसका खाता भी नहीं खुला। पारी के 15वें ओवर की पहली गेंद पर हैंथ के तेज गेंदबाज नाथन स्मिथ ने जैकब स्मिथ को 10 रन के स्कोर पर टॉम ब्लंडेल के हैंड्स कैच खींचे। उनकी 2 गेंदें बाद में ही रूट बाउंस को नहीं मिलीं और उनकी गेंदें उनके बल्ले से लगकर सैम्स से जा टकराईं।

साल 2024 में पहली बार हुआ ऐसा

जो रूट साल 2024 में अभी तक टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। वो अब तक 15 मैचों की 26 पारियों में 1,338 रन बना चुके हैं। इस साल वे अब तक 53.52 के शानदार औसत से रन बनाकर पांच शतक और चार रेस्तरां भी बना चुके हैं। मगर न्यूजीलैंड ऐसी करने वाली पहली टीम बनी है, जो रूट के खिलाफ साल 2024 में जीरो के स्कोर पर आउट हुए हैं। 2024 में अब तक के खिलाफ सबसे कम स्कोर 2 रन बनाया था, जो उन्होंने इसी साल भारत के लिए बनाए रखा था।

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दूसरे टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम, ब्यू वेबस्टर ने मिशेल मार्श बॉर्डर की जगह ली, गावस्कर ट्रॉफी 2024 भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया दूसरा टेस्ट एडिलेड

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ऑस्ट्रेलिया टीम दूसरा टेस्ट बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 में भारतीय टीम 1-0 से आगे चल रही है। अब 6 दिसंबर से एडिलेड में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अपनी स्क्वाड की घोषणा कर दी है। टीम में एक अहम बदलाव हुआ है क्योंकि इन दिनों घटिया मिशेल मार्श के खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे हैं। उनकी जगह ब्यू वेबस्टर को ऑफर का चांस मिल सकता है। उनके अलावा कंगारू टीम ने जीरो सब प्लेयर्स पर भरोसा किया है, जो कि पर्थ टेस्ट में प्रतिस्पर्धी नजर आए थे।

भारत के 295 बल्लेबाजों की पहली जीत के बाद पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने बताया कि मिशेल मार्श इंग्लैंड दौरे से ही फिटनेस से जुड़ी एक अहम भूमिका आ रही थीं। अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं था, लेकिन अब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने पुष्टि कर दी है कि एडिलेड में खेलने वाले पिंक-बॉल टेस्ट मेन ब्यू वेबस्टर अपनी जगह ले रहे होंगे। वेबस्टर के प्रथम-क्लासिक वैज्ञानिकों में दस्तावेज़ लाजवाब। उन्होंने अब तक 93 फर्स्ट-क्लास मैचों में 5,297 रन के अलावा 148 विकेट भी लिए हैं।

ब्यू वेबस्टर बारपेगे जोखिम

नवंबर महीने की शुरुआत में भारत ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए दो ग्रुप खेले गए थे। इन दोनों मैचों में चार पारियों में वेबस्टर ने एक फिफ्टी लगाई जिसमें 145 रन बनाए और 7 विकेट भी लिए। मिशेल मार्श ने पहला टेस्ट खेला था, ऐसे में उनके सहयोगी विशेष रूप से वेबस्टर को प्लेइंग इलेवन में भी मौका मिल सकता है।

प्रथम टेस्ट मैच में भारतीय टीम की पहली पारी 150 रनों पर सिमट गई। इसके बाद टीम इंडिया ने दमदार गेंदबाजी के बलबूते मैच में वापसी की और अंत में 295 बल्लेबाजों के विशाल अंतर से जीत दर्ज की। भारत के लिए उस पल में दोनों पारियों ने कुल 8 विकेट लिए थे, वहीं विराट कोहली और यशस्वी स्मिथ ने शतक जड़े थे।

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