कथित रिश्वत मामले में अडानी समूह के अधिकारियों को समन की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय का जवाब | अडानी ग्रुप को समान करने के लिए अमेरिका से कोई दरख्वास्त नहीं
[ad_1]
अदानी मामला: भारत के विदेश मंत्रालय ने आज अदानी समूह को अमेरिकी न्याय विभाग के आवंटन के बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर मार्शल ने बताया कि रिश्वतखोरी मामले में अडानी ग्रुप को समन करने के लिए अमेरिका से कोई दरख्वास्त नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि अडानी समूह के शीर्ष एक्जीक्यूटिव्स के खिलाफ लगाए गए आरोपों में निजी फर्म और लोगों के साथ अमेरिकी न्याय विभाग के बीच मामला है।
साप्ताहकी प्रेस ब्रीफिंग में रणधीर टीम ने बताया कि इस मामले पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए, इसके लिए प्रक्रिया और कानूनी जगह स्थापित की जानी चाहिए, यह सिफारिश की जाती है और भारत भी इस मामले के आगे के रास्ते की उम्मीद करता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भारत सरकार को इस मामले में आगे बढ़ने के लिए कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
क्या है पूरी प्रक्रिया
अगर विदेश की कोई सरकार भारत के नागरिकों के लिए समन या अपराधी वॉरेंट जारी करती है तो उसे देखने के लिए एक पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया है जो दोनों देशों के बीच स्नातक अंडरस्टैंडिंग और लीगल असिस्टेंस के तहत जारी है। ऐसी अर्ज़ियों/सिफ़ारिशों को योग्यता के आधार पर सर्व किया जाता है और हमें अमेरिका की ओर से ऐसी कोई भी दरख्वास्त नहीं मिली है।
रणधीर और खिलाड़ी ने बताया कि यह मामला प्राइवेट इंडिविज़ुअल प्राइवेट एंटिटी के बीच है और केंद्र सरकार/भारत सरकार इस समय किसी भी तरह से इसकी जांच प्रक्रिया या कार्रवाई में किसी को भी शामिल नहीं करती है। वहीं अपने ताजा जवाब में अडानी ग्रुप ने अमेरिका के टोयोटाज एंड रिजेक्शन कमीशन की ओर से रिश्वतखोरी के अलाउंस को फिर से गलत बताया है।
ये भी पढ़ें
भारत जीडीपी: तीसरी तिमाही के आंकड़ों ने निराश किया, रिपोर्ट 5.4 प्रतिशत आई आर्थिक विकास दर
[ad_2]
Source link

