IND VS SA: कलाई के सामने क्यों खुल जाती है दक्षिण अफ्रीका की कलई? गेंद को हवा में पढ़ने में फेल हो रहे हैं अफ्रीकी बल्लेबाज

IND VS SA: कलाई के सामने क्यों खुल जाती है दक्षिण अफ्रीका की कलई? गेंद को हवा में पढ़ने में फेल हो रहे हैं अफ्रीकी बल्लेबाज

नई दिल्ली. मैच जीतने के बाद भी अगर किसी  खेमें में अगर खौफ नजर आए तो आप समझ  जाइए कि कोई बड़ी परेशानी उस टीम का पीछा कर रही है. दूसरा टी 20 जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज में बराबरी हासिल कर लिया पर वो उस सवाल का जवाब नहीं ढूढ़ पाए जो पिछले 6 सालों से लगातार टीम को परेशान कर रहा है. हालात ये कि कि पहले डरबन और फिर गकेबरहा के मैदान पर लगातार दोनों मैच में पूरी टीम उसी पहेली में उलझती नजर आई. इस पहेली का नाम है कलाई के कलाकार.

दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों की कलाई के स्पिनर्स के सामने ढेर होना कोई नई बात नहीं है. अभी तक इस सीरीज के दो मैचों में वरुण चक्रवर्ती और रवि बिशनोई 12 विकेट ले चुके है. सफेद बॉल की क्रिकेट में अफ्रीकी बल्लेबाजों की कमजोरी एक बार फिर सामने आ गई जब 124 रन के लक्ष्य को हासिल करने में 7 बल्लेबाज आउट हो गए जिनमें 6 विकेट कलाई के स्पिन गेंदबाजों के नाम रहे.

कलाई के सामने खुल जाती है अफ्रीका की कलई 

कलाई के कलाकारों के सामने पहली बार अफ्रीकी बल्लेबाजों का सेरेंडर 2018 में देखने को मिला था जब यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव यानि कुलचा की जोड़ी ने अफ्रीकी बल्लेबाजी को तहस नहस कर दिया था . 6 मैचों की वनडे सीरीज में कुलचा की जोड़ी ने 33 विकेट लिए . जिसमें कुलदीप ने 17 और चहल को 16 विकेट मिले. 2024 मे टी 20 सीरीज के पहले दोनों मैचों में कलाई के स्पिनर ही छाए रहे. वरुण चक्रवर्ती ने दो मैच में 8 और बिशनोई ने 4 विकेट लिए है . जिस तरह से दोनों गेंदबाजों ने प्रोटियाज बल्लेबाजों को परेशान किया उससे मेजबान टीम मैनेजमेंट खासी चिंतित है.

क्यों  रिस्ट स्पिनर लगते हैं रिस्की 

वरुण चक्रवर्ती और रवि बिशनोई लगभग एक तरीके के गेंदबाज है यानि लेग स्पिन के एक्शन या ग्रिप .े लगातार गेंदों को दांए हाथ के बल्लेबाज के लिए अंदर लाते है. लेग ब्रेक एक्शन से फेंकी जाने वाली यह गेंद पिच पर गिरने के बाद बल्लेबाज़ के सामने ऑफ़ ब्रेक की तरह से आती है. अक्सर बल्लेबाज़ इस गेंद से चकमा खा जाता है क्योंकि इसमें बॉलर को अपना एक्शन बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती. हालांकि, इसमें लेग ब्रेक की तुलना में कलाई तेज़ी से घूमती है. इस दौरान कलाई मैदान से 180 डिग्री के कोण पर होती है.
गुगली में स्पिनर के हाथ की तीसरी उंगली गेंद को दूसरी दिशा में मुड़ने में मदद करती है. गेंद पर गेंदबाज़ की पकड़ वही रहती है बस दिशा बदल जाती है. वैसे दोनों गेंदबाजों के पास बहुत वैरिएशन है जैसे वो बिना एक्शन बदले, फ्लिपर, टॉप स्पिन फेंक सकते है. वरुण को तो कैरम बॉल फेंकने में भी महारत है. कुल मिलाकर साफ है कि अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए कलाई के ये कलाकार किसी करिशमे से कम नहीं और इसीलिए लगातार वो इन गेंदबाजों का शिकार हो रहे है.

Tags: India vs South Africa, Ravi Bishnoi, Suryakumar Yadav, Varun Chakraborty