हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने कहा कि साक्षात्कार में 20 अंकों की अनिवार्यता समाप्त की जाए। यही नहीं हाई कोर्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली समस्त भर्तियों को लोकसेवा आयोग व कर्मचारी चयन मंडल से कराई जाए। भर्तियों में हो रही परेशानी को लेकर दायर याचिका की सुनवाई हुई।
By Surendra Dubey
Publish Date: Thu, 21 Nov 2024 09:14:18 AM (IST)
Up to date Date: Thu, 21 Nov 2024 09:14:18 AM (IST)
HighLights
- जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने दिया है महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश।
- रजिस्ट्रार जनरल- विधि व विधायी कार्यविभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस।
- भर्ती परीक्षाओं मे लागू किए जा रहे कम्यूनल आरक्षण को चुनौती दी है।
नईदुनिया, जबलपुर (MP Excessive Court docket)। हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने एक जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश पारित किया। इसके अंतर्गत सिविल जज भर्ती परीक्षा-2022 सहित अन्य सभी चयन परीक्षाओं को विचाराधीन जनहित याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया।
प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और विधि एवं विधायी कार्यविभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
भर्ती परीक्षाओं मे लागू किए जा रहे कम्यूनल आरक्षण को चुनौती
जनहित याचिका में हाई कोर्ट द्वारा आयोजित समस्त भर्ती परीक्षाओं में लागू किए जा रहे कम्यूनल आरक्षण को चुनौती दी गई है। जनहित याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, पुष्पेंद्र कुमार शाह व रूप सिंह मरवी ने पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को दी गई जानकारी …
- सिविल जज भर्ती परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा के रिजल्ट में अनारक्षित वर्ग का कट-आफ 113 अंक तथा ओबीसी का 109 अंक है।
- परीक्षा सेल ने 113 से 129 तक अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के एक भी मेरिटोरियस को अनारक्षित वर्ग में चयनित नहीं किया।
- हाई कोर्ट में कहा- स्टेनोग्राफर तथा सहायक ग्रेड की भर्तियों में अनारक्षित वर्ग का कट-आफ अंक 74 तथा आरक्षित वर्ग का 88 अंक है।
- सैकड़ों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी जिन्होंने 75 से 87 अंक हासिल किए थे उनको परीक्षा सेल ने मुख्य परीक्षा के लिए आयोग्य घोषित कर दिया।
- सामान्य वर्ग के 563 अभ्यर्थी जिन्होंने 74 अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीण कर मुख्य परीक्षा मे शामिल कर नियुक्ति दी।
हाई कोर्ट ने राज्य शासन को पत्र लिखकर अनापत्ति मांगी
अधिवक्ता ने दलील दी कि कम्यूनल आरक्षण लागू करके हाई कोर्ट की परीक्षा सेल ने सिविल जज भर्ती परीक्षा-2022 (Civil Judge Recruitment Examination-2022) में एससी व एसटी का एक भी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया है। वहीं, आरक्षित वर्ग के रिक्त पदों को सामान्य वर्ग से भरने के लिए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को पत्र लिखकर अनापत्ति मांगी है।
पीएससी या कर्मचारी चयन मंडल से हों भर्तियां
जनहित याचिका में मांग की गई है कि अभ्यर्थियों को आरक्षण नियमों के अनुरूप चयनित किया जाए। आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को परीक्षा के प्रत्येक चरण में (प्रारम्भिक तथा मुख्य परीक्षा) अनारक्षित वर्ग में चयनित किए जाए।