सरगुजा में होगी ईडी अथवा सीबीआइ की एंट्री

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : सरगुजा में भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की एंट्री होगी। यहां लगातार जमीन फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आ रही है। जमीन में कालाधन निवेश किया जा रहा है। राजस्व मंडल के आदेशों में कूटरचना की जा रही है। यही कारण है कि प्रशासन ने केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच की आवश्यकता जताई है। स्थानीय स्तर पर इतने वृहद पैमाने पर जांच के लिए अलग से कोई शाखा नहीं होने के कारण प्रशासन ने केंद्रीय एजेंसियों से जांच के लिए प्रमुख सचिव को पत्र प्रेषित किया है। इसके लिए तथ्यों से भी अवगत कराया गया है।

पुनर्वास जमीन की खरीद-बिक्री के लिए उत्तर छतीसगढ़ का सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिला चर्चित रहा है। कुछ महीने पहले आयकर की जांच के घेरे में भी कई लोग फंसे थे। पहुंच और प्रभाव के आधार पर पुनर्वास जमीन की खरीद-बिक्री में बड़ी राशि निवेश करने का मामला सार्वजनिक हुआ था।

आयकर की जांच अब भी चल रही है। आयकर विभाग ने सरगुजांचल के कई लोगों के चल और अचल संपत्ति के संबंध में भी जिला प्रशासन से जानकारी मांगी थी। उक्त जांच के साथ ही लगातार ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं जिसमें केंद्रीय एजेंसियों से जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है ताकि जांच में तेजी आ सके और इस गड़बड़ी में संलिप्त लोग सीधे तौर पर जांच के दायरे में आ सके। स्थानीय स्तर पर फर्जीवाड़े से जुड़े कई प्रकरणों की जांच पुलिस कर रही है लेकिन जांच की धीमी गति के कारण कोई ठोस नतीजा निकल कर सामने नहीं आ रहा है। जमीन फर्जीवाड़े के कई प्रकरण अभी लंबित है।

इन कारणों से केंद्रीय एजेंसियों की आवश्यकता

1- सरगुजा जिले में पुर्नवास की जमीन खरीद – बिक्री में नियम प्रक्रियाओं की अनदेखी हुई है।इसमें कालेधन का भी उपयोग किया गया है।करोड़ों की हेराफेरी की गई है।

2- राजस्व मंडल के आदेशों में भी कूटरचना की गई है। भू माफिया राजस्व मंडल के आदेशों में हेराफेरी कर अपने हिसाब से आदेश बना ले रहे हैं।

3- राजस्व मंडल के आदेशों में कूटरचना करने के 14 मामले में प्रशासन ने संबंधितों के विरुद्ध एफआइआर कराया है लेकिन एक भी मामले में पुलिस ने अब तक कार्रवाई नहीं की है।

4- पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 152 प्रतिशत के नियम के तहत बेशकीमती शासकीय भूमि को बड़े लोगों ने कब्जा बता अपने नाम कर लिया जो करोड़ों की संपत्ति है। बीच शहर में करोड़ों की एक संपत्ति की शिकायत भी हुई है जिसे राजस्व भुगतान कर अपने नाम कराया गया है।

आयकर विभाग ने शुरू की है जांच

पुनर्वास जमीन खरीद-बिक्री में गड़बड़ी तथा कालेधन के उपयोग पर एक बार आयकर विभाग की टीम ने जांच शुरू की थी। आयकर अधिकारियों ने कई लोगों के घरों में छापेमारी भी की थी।ऐसे में स्थानीय स्तर पर जांच संभव नहीं होने के कारण ही केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की अनुशंसा की गई है।

वर्जन

पुनर्वास जमीन खरीद-बिक्री को लेकर बड़ी राशि लेन-देन की शिकायत पूर्व में भी सामने आ चुकी है। बड़ी जांच एजेंसियों ने भी जांच करने के लिए कहा है लेकिन हमारे पास इतने संसाधन नहीं है कि ऐसे प्रकरणों की तय समय सीमा में जांच हो सके।निश्चित रूप से ऐसे प्रकरणों की केंद्रीय एजेंसियों से जांच होनी चाहिए।

विलास भोसकर

कलेक्टर, सरगुजा