थाना परिसर में मंदिर निर्माण पर दो सप्ताह में जवाब दें…अन्यथा 25 हजार जुर्माना लगाया गया, हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए

आंध्र प्रदेश के जबलपुर में सिविल लाइन, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज थाना परिसरों में बने मंदिरों के गले के कंटक बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टेम्पल हटवाने का स्पष्ट निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक किसी ने जवाब नहीं दिया है।

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द्वारा धीरज कुमार बाजपेयी

प्रकाशित तिथि: मंगल, 19 नवंबर 2024 02:58:42 अपराह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: मंगल, 19 नवंबर 2024 02:58:42 अपराह्न (IST)

थाना परिसर में मंदिर निर्माण पर दो सप्ताह में जवाब दें...अन्यथा 25 हजार जुर्माना लगाया गया, हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए
अंतरिम आदेश के तहत सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की रोशनी में परिसरों में मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी गई थी: नईदुनिया।

पर प्रकाश डाला गया

  1. इस तरह का निर्माण स्वयं पुलिस करा रही है।
  2. कोई भी सामान लीक नहीं हुआ और न ही दिया जा सकता है।
  3. सिविल सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

नईदुनिया, जबलपुर (एमपी हाई कोर्ट)। उत्तराखंड के पुलिस विभाग के अंदर अवैध रजिस्ट्री के मामले में सरकार जवाब पेश नहीं कर पाई। उससे तीन सप्ताह का समय मांगा गया। हाई कोर्ट ने दो हफ्ते की आखिरी मोहलत दी और कहा कि दो हफ्ते में जवाब पेश नहीं हुआ तो 25 हजार की रकम के साथ ही जमा होगा।

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जापान के चार शोरूम उदाहरण हैं

सुपरमार्केट की ओर से शरारती प्रशांत वर्मा ने बताया कि जापानी के चार स्टोर उदाहरण हैं। वास्तिवकता ये है कि पूरे प्रदेश में इस तरह के निर्माण स्वयं पुलिस द्वारा किये जा रहे हैं। इनमें से कोई भी जारी नहीं किया गया है और न ही दिया जा सकता है।

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केस की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को पोस्ट की गई है

उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की है। फाइल में ऐसे निर्माण का विमोचन और दोषी अधिकारियों पर सिविल सेवा नियमों के तहत मुकदमा की मांग की गई है।

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न्यायालय के निर्देशों पर …

  • केस की अगली सुनवाई 19 नवंबर को सेट की गई थी।
  • आकृति, पेंटिंग का कार्य निषेध का आदेश दिया गया है।
  • राज्य के विभिन्न थाना परिसरों में मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है।
  • अवैध मंदिर हटवाए जाने का भी निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
  • मनही के बाद भी थाना परिसरों में मंदिर निर्माण का काम चल रहा है।

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मदन महल पुलिस आर्किटेक्चर में निर्मित मंदिर

अद्वितीय के परिसरों में मंदिर निर्माण पर रोक लगाई गई थी

रिले, हाई कार्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैट और गणतंत्र विवेक जैन की पीठ ने पिछले सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश के माध्यम से जबलपुर सहित प्रदेश के सभी विश्राम के मैदानों में मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी।

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विजय नगर पुलिस प्रशासन में निर्मित मंदिर

निगमों को नोटिस जारी कर उत्तर-तलब कर लिया गया था

राज्य शासन, मुख्य सचिव, मुख्य सचिव गृह, अत्याधिक प्रशासन, पुलिस कारखाना, जबलपुर के रजिस्ट्रार-एसपी और सिविल लाइन, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज थाने के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया था।

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सिविल लाइन पुलिस प्रशासन में निर्मित मंदिर

सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों का फिर भी निर्माण

एसएम ग्रिय जैन और अमित पटेल ने पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं। फिर भी जापान सहित राज्य भर में निर्माण जारी है।

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लार्डगंजपुलिस प्रशासन में निर्मित मंदिर

राज्य शासन समेत अन्य से जवाब मांगा गया था

सिविल सेवा नियमों के विरूद्ध सम्बंधित थानेदारों पर भी कार्रवाई की व्यवस्था दी जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने प्रारंभिक तर्क सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की रोशनी में अंतरिम आदेश के तहत थाना परिसरों में मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी। साथ ही राज्य शासन सहित अन्य से उत्तर माँगा गया था।