छह वर्षीय मासूम से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले आरोपित की फांसी की सजा को सुप्रिम कोर्ट ने बीस साल की कैद में बदल दिया है। आरोपित काे ग्वालियर की ट्रायल कोर्ट ने 13 दिन में सुनवाई कर फांसी की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद आरोपित ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
By Vikram Singh Tomar
Publish Date: Solar, 17 Nov 2024 10:18:56 AM (IST)
Up to date Date: Solar, 17 Nov 2024 10:18:56 AM (IST)
HighLights
- मासूम बच्ची को जंगल में ले लाकर दुष्कर्म कर हत्या की थी
- कोर्ट ने इस मामले में 13 दिन में फांसी की सजा सुनाई थी
- पुलिस ने भी की थी इस मामले में त्वरित कार्रवाई
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर मे छह साल पहले हुए छह वर्षीय मासूम को अगवा कर दुष्कर्म और फिर हत्या के मामले में अपराधी की सजा में सुप्रीम कोर्ट ने बदलाव किया है। ग्वालियर की ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में 13 दिन की सुनवाई के बाद फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट से सजा पर मुहर लग जाने के बाद हत्यारे ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हत्या की सजा के स्थान पर दोषी को 20 साल की कैद की सजा देने का निर्णय दिया है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोषी का इस सजा के खिलाफ किसी अन्य प्रकार की छूट देने का आवेदन करने का अधिकार भी समाप्त कर दिया है। ऐसे जाने पूरी घटना: 14 जुलाई 2018 को कैंसर पहाड़िया क्षेत्र में यह वारदात हुई थी। जहां एक शादी समारोह में अपने परिवार के साथ शामिल होने आई छह वर्ष की मासूम को जितेंद्र कुशवाह बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया।
शादी समारोह से बाहर ले जाकर उसे कैंसर पहाड़ी के जंगल में ले गया। जहां उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद बच्ची के शव को जंगल में फेंककर भाग गया। स्वजन ने अपनी बच्ची को आसपास ढूंढा, जब वह नहीं मिली तो सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। इसमें दोषी उस बच्ची को जंगल की तरफ ले जाते हुए नजर आया। पुलिस की सर्चिंग शुरू की तो झाड़ियाें में बच्ची का शव मिला। पुलिस ने इस मामले की जांच पड़ताल के बाद शीघ्रता से ही चालान पेश कर दिया।
महंत गौरव महाराज का परलोकगमन
- बालाजी दरबार मैना वाली गली के महंत व अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री गौरव महाराज शनिवार को दोपहर दो बजे आकस्मिक निधन हो गया। गौरव महाराज की शुक्रवार से रात से ही अस्वस्थ थे। आशंका जताई जा रही है कि उन्हें हृदयघात हुआ था। शनिवार को बालाजी दरबार में अन्नकूट की तैयारी की जा रही थी। गौरव महाराज के परलोकगमन से उनके अनुयायी स्तब्ध थे।
- उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था कि गौरव महाराज अब उनके बीच नहीं रहे है। इंटरनेट मीडिया पर शोक संदेश शुरू हो गए। दोपहर से ही अनुयायियों का अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। रविवार की सुबह 10 बजे तक महाराज की पार्थिवदेह को अंतिम दर्शनों के लिए उनके बालाजी दरबार के प्रागंण में रखा जाएगा।