छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: संपत्ति खरीद पर मध्यम वर्ग को मिली राहत, अब 15 लाख के सौदे में रजिस्ट्री शुल्क 40 हजार

0
1
छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: संपत्ति खरीद पर मध्यम वर्ग को मिली राहत, अब 15 लाख के सौदे में रजिस्ट्री शुल्क 40 हजार

छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदने वाले मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। अब संपत्ति की खरीदी-बिक्री पर रजिस्ट्री शुल्क गाइडलाइन दर के आधार पर लिया जाएगा, न कि वास्तविक सौदे की राशि पर। इससे यदि आप 15 लाख रुपये की संपत्ति खरीदते हैं, तो रजिस्ट्री शुल्क 40 हजार रुपये ही लगेगा, जबकि पहले यह शुल्क 60 हजार रुपये होता था।

By Parag Mishra

Publish Date: Solar, 17 Nov 2024 08:27:20 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 17 Nov 2024 08:27:20 AM (IST)

संपत्ति रजिस्ट्री शुल्क में राहत। फाइल फोटो

HighLights

  1. छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री शुल्क में राहत दी।
  2. ब रजिस्ट्री शुल्क गाइडलाइन दर के अनुसार लिया जाएगा।
  3. सौदा महंगा फिर भी अब गाइडलाइन दर पर ही लगेगा रजिस्ट्री शुल्क।

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया रायपुर। छत्‍तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदी में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब किसी भी प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री गाइड लाइन दर के अनुसार ही होगी। अगर आप 15 लाख की प्रापर्टी खरीदते है तो भी रजिस्ट्री शुल्क 10 लाख के अनुसार चार प्रतिशत यानि 40 हजार रुपये लगेगा। यानि प्रापर्टी खरीद-बिक्री की सौदे की राशि अधिक भी है तो भी रजिस्ट्री शुल्क गाइडलाइन दर के अनुसार होगी। इससे बैंक लोन पर निर्भर मध्यम वर्गीय परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर ऋण मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से उन नागरिकों को लाभ होगा, जो बैंक लोन लेकर संपत्ति खरीदते हैं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस संशोधन से मध्यम वर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक लोन लेने में सहूलियत होगी। साथ ही यह निर्णय संपत्ति बाजार में पारदर्शिता व स्पष्टता को बढ़ाने में भी सहायक होगा और इससे वास्तविक मूल्य दर्शाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश में भी है छूट

देश के अन्य राज्यों में जमीन की गाइडलाइन कीमत या सौदा मूल्य दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर पंजीयन शुल्क लगता है। मध्य प्रदेश में गाइडलाइन कीमत से अधिक सौदा मूल्य दर्शाने पर उसमें पंजीयन शुल्क में छूट दी गई है। इसके कारण वहां लोगों में वास्तविक सौदा मूल्य को रजिस्ट्री पेपर में लिखने की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी हुई है।

अब तक ऐसा था

वर्तमान में किसी संपत्ति का गाइड लाइन मूल्य 10 लाख रुपये है और उसका सौदा 15 लाख रुपये में हुआ। इस पर रजिस्ट्री शुल्क 15 लाख का चार प्रतिशत यानि 60 हजार रुपये लगते थे। अब राज्य सरकार के इस फैसले के बाद 20 हजार रुपये की बचत होगी।

यह होगा फायदा,अब नहीं डालेंगे गलत कीमत

वर्तमान में किसी संपत्ति का सौदा मूल्य गाइडलाइन मूल्य से बहुत ज्यादा होता है। लेकिन लोग गाइडलाइन मूल्य या इसके आसपास का ही सौदा मूल्य अंकित करते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अगर वास्तविक सौदा राशि अंकित कर देंगे, तो पंजीयन शुल्क गाइडलाइन मूल्य या वास्तविक सौदा राशि दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर लगेगा।

अधिक पंजीयन शुल्क से बचने के लिए लोग गाइडलाइन कीमत या इसके आसपास पूर्णांकित करते हुए सौदा मूल्य डाल देते हैं।अब नियम बदलने के बाद ऐसा नहीं होगा।कम सौदा कीमत दिखाएं जाने से बैंक लोन भी कम मिलता है। इस नीति से आमजनों को न्यायिक प्रकरणों में भी संपत्ति का वास्तविक मूल्य प्राप्त होगा। यदि कभी संपत्ति में कुछ धोखाधड़ी पाई गई तो व्यक्ति विक्रेता से वही मुआवजा पाने का हकदार होता है, जो रजिस्ट्री पेपर में लिखा हुआ।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here