स्कूल परिसर में शव को दफनाने खोद रहे थे कब्र, पुलिस ने रुकवाई सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया

शासकीय स्कूल परिसर में शव लेकर पहुंचे लोगों का कहना था कि वे सालों से वहीं दफनाते आ रहे हैं। ग्रामीणों की आपत्ति पर पुलिस व राजस्व विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और समुदाय विशेष के लोगों को समझाइश दी कि पहले स्कूल परिसर में बाउंड्रीवाल नहीं थी, लेकिन अब परिसर के अंदर किसी को सुपुर्द-ए-खाक करना उचित नहीं।

By Sanjay Pandey

Publish Date: Sat, 16 Nov 2024 11:00:17 AM (IST)

Up to date Date: Sat, 16 Nov 2024 11:00:17 AM (IST)

स्कूल परिसर में यहां खोदी जा रही थी कब्र।

HighLights

  1. गिरवर में स्थित शासकीय विद्यालय परिसर में हुई घटना।
  2. परिसर को पारंपरिक कब्रिस्तान बता रहा था विशेष समुदाय।
  3. समझाइश के बाद सड़क के दूसरी ओर दफनाने को राजी हुए।

नवदुनिया प्रतिनिधि, सागर। जिले के गिरवर में स्थित शासकीय स्कूल परिसर में शुक्रवार को एक समुदाय विशेष द्वारा शव दफनाने की कोशिश में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। आपत्ति कर रहे आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि स्कूल परिसर में शव दफनाकर ये लोग इसे कब्रिस्तान घोषित कर देंगे। सूचना पर पहुंचे पुलिस व राजस्व विभाग के अमले ने मृतक पक्ष के लोगों को ऐसा करने से रोका। काफी समझाने के बाद वे लोग दूसरी जगह शव दफनाने को राजी हुए।

जानकारी के अनुसार गिरवर निवासी 62 वर्षीय अहमद खान का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। उनके परिवार और समाज के लोगों ने गांव के सरकारी स्कूल परिसर में ही उनकी कब्र बनाने की तैयारी शुरू कर दी। अंतिम संस्कार के लिए समाज द्वारा जब स्कूल की बाउंड्री के भीतर कब्र खोदी जाने लगी, तो गामीणों ने इस पर आपत्ति जताई। विवाद बढ़ता, इससे पहले किसी ने जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी। दोपहर करीब 12 बजे नायब तहसीलदार, एसडीओपी सहित सानौधा, बहेरिया, रहली, शाहपुर सहित आसपास के थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई।

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अन्य समुदाय के लोगों का कहना था कि स्कूल परिसर में अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए। वहीं समुदाय विशेष के लोगों का कहना था कि वह लंबे समय से इसी स्थान पर अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि पहले स्कूल परिसर में बाउंड्रीवाल नहीं थी, लेकिन अब परिसर के अंदर अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए, यहां पर सभी समाज के बच्चे पढ़ते हैं।

ऐसे निकला समाधान

अधिकारियों ने स्कूल के सामने ही निकली सड़क के दूसरी ओर अंतिम संस्कार करने का सुझाव दिया। वहां पर पहले से भी कई कब्रें बनी हुई थीं। काफी समझाइश के बाद मृतक के स्वजन और समाज के लोग दूसरे स्थान पर शव दफनाने पर राजी हुए। प्रशासन ने स्कूल के सामने वाली सड़क पर जेसीबी बुलवाकर सफाई करवाई, जिसके बाद मृतक के स्वजन ने शाम तक शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

स्कूल में पहले भी दफना चुके शव

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह का कहना था कि इससे पहले भी स्कूल परिसर के अंदर ही एक शव को दफनाया जा चुका है। ग्रामीणों की मानें तो 15 अगस्त 2024 को स्कूल प्रांगण में एक शव को दफनाया गया था। उस समय कार्रवाई नहीं हुई तो वे लोग फिर शव दफनाने यहीं आ गए।

स्कूल परिसर में एक समुदाय द्वारा अंतिम संस्कार करने की सूचना आई थी, जिसके बाद मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश के बाद मृतक पक्ष को मनाकर कर परिसर से अन्यत्र स्थान पर अंतिम संस्कार करवाया गया। अब किसी को कोई आपत्ति नहीं है।

– भरत सिंह ठाकुर, थाना प्रभारी, सानौधा

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