ट्रेनों में स्वदेशी ‘कवच’ तकनीक से हादसों पर लगेगा ब्रेक,614 रूट किलोमीटर लंबी है यह परियोजना

यह परियोजना यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी। इस परियोजना में हाई डेंसिटी नेटवर्क के साथ-साथ लो डेंसिटी नेटवर्क के लिए भी कवच तकनीक लागू करने की योजना है। लो डेंसिटी नेटवर्क में 1563 रूट किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। कवच प्रणाली लागू करने हेतु विस्तृत इस्टीमेट को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

By Manoj Kumar Tiwari

Publish Date: Sat, 16 Nov 2024 08:33:41 AM (IST)

Up to date Date: Sat, 16 Nov 2024 08:33:41 AM (IST)

रेलवे द्वारा प्राप्त फोटो

HighLights

  1. नागपुर-झारसुगुड़ा रेलखंड होगा अब हाई-टेक।
  2. परियोजना के लिए 292 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  3. यह पूरी तरह से एक स्वदेशी तकनीक होगी।

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर-झारसुगुड़ा रेलखंड पर स्वदेशी कवच सुरक्षा तकनीक लागू करने की तैयारी है। 614 रूट किलोमीटर लंबी इस परियोजना के लिए 292 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना से यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा को एक नई ऊंचाई मिलेगी। यह पूरी तरह से एक स्वदेशी तकनीक होगी। भारतीय रेलवे संरक्षा और कुशलता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। इसके लिए निविदा आमंत्रित किया गया है, जिसे 25 नवंबर को खोला जाएगा।

क्या है कवच तकनीक

कवच भारतीय रेलवे की स्वदेशी और उन्नत आटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन प्रणाली है। यह तकनीक ट्रेनों के संचालन को हर पल मानिटर करती है और सिग्नल व स्पीड से संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम है। इसके जरिए दो ट्रेनों के बीच आमने-सामने की टक्कर को रोका जा सकता है। इस प्रणाली में रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग और वायरलेस कम्युनिकेशन का उपयोग कर ट्रेन के इंजन, ट्रैक, सिग्नल और स्टेशन को आपस में इंटरलाक किया जाता है। लोको यूनिट में स्थित डिवाइस ट्रेन को सही गति और सुरक्षित संचालन के निर्देश देती है। इस आटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो ट्रेनों के बीच आमने-सामने की टक्कर से बचाव सुनिश्चित होगी।

सिकंदराबाद में सफल परीक्षण

रेलवे के मुताबिक मार्च 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में कवच तकनीक का सफल परीक्षण किया। इससे यह साबित हुआ कि यह तकनीक संरक्षा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह सक्षम है। कवच तकनीक का उद्देश्य भारतीय रेलवे को सुरक्षा और दक्षता के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। नागपुर-झारसुगुड़ा खंड पर इसका लागू होना न केवल संरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय रेलवे की आधुनिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

यह होंगे प्रमुख लाभ

  • ट्रेन संचालन की पूर्ण सुरक्षा।
  • सिग्नल व स्पीड से संबंधित दुर्घटनाओं पर रोक।
  • यात्रियों और कर्मचारियों की संरक्षा में सुधार।
  • स्वदेशी तकनीक के जरिए रेलवे को आत्मनिर्भर बनाना।

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अगले एक पखवाड़े तक रेल का सफर होगा कष्टप्रद,अंबिकापुर जबलपुर, इंदौर बिलासपुर सहित कई ट्रेनों की आवाजाही रहेगी प्रभावित

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दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे अंतर्गत बिलासपुर कटनी रेल खंड में अगले एक पखवाड़े तक कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित रहने से यात्रियों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। इस रेल खंड में अधोसंरचना विकास कार्य के चलते अगले एक पखवाड़े तक कई ट्रेनें स्थगित रहेगी। पहले चरण में अनूपपुर कटनी के बीच करकेली स्टेशन में तीसरी लाइन को जोड़ने का कार्य आरंभ होगा। इसके कारण 16 से 20 नवंबर तक अंबिकापुर जबलपुर, जबलपुर-अंबिकापुर सहित चिरमिरी से संचालित होने वाली अधिकांश ट्रेन का संचालन स्थगित रहेगा। जानकारी के अनुसार जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस 16 से 19 नवंबर और अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस 17 से 20 नवंबर तक रद रहेगी।

दो दिन बाद फिर से कई ट्रेन रहेंगी प्रभावित-दूसरे चरण में बिलासपुर कटनी रेल खंड अंतर्गत नौरोजाबाद स्टेशन को तीसरी लाइन से जोड़ने व यार्ड रिमाडलिंग कार्य के कारण 22 नवंबर से 1 दिसंबर तक कई ट्रेनें स्थगित रहेंगी। इसका प्रभाव अंबिकापुर, चिरमिरी-कटनी लाइन पर भी रहेगा। इस रेल खंड में संचालित ट्रेनों का आवागमन प्रभावित रहेगा।

यात्री सुविधा बढ़ाने हो रहा काम

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अनुसार बिलासपुर-कटनी रेल लाइन में परिचालन को और भी सुचारू तथा नई गाडियों के मार्ग प्रशस्त करने के लिए नई लाइनों का निर्माण कार्य किया जा रहा है ताकि यात्री सुविधाओं में वृद्धि के साथ यात्री ट्रेनों की समय बद्धता में भी वृद्धि हो। इसी कड़ी में बिलासपुर से कटनी के बीच तीसरी लाइन का कार्य किया जा रहा है । इसके अंतर्गत बिलासपुर-कटनी सेक्शन के नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन को तीसरी लाइन से जोड़ने के लिए यार्ड रिमाडलिंग का कार्य किया जाएगा । यह कार्य 24 से 30 नवंबर तक किया जाएगा।

प्रभावित होने वाली ट्रेनें

  • 22 से 30 नवंबर तक बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस।
  • 23 नवंबर से एक दिसंबर तक इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस।
  • 23 से 30 नवंबर तक जबलपुर-अम्बिकापुर एक्सप्रेस।
  • 24 नवंबर से एक दिसंबर तक अम्बिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस ।
  • 25, 27 एवं 29 नवंबर रीवा-चिरमिरी पैसेंजर।
  • 26, 28 एवं 30 नवंबर चिरमिरी-रीवा पैसेंजर स्पेशल।
  • 24 से 30 नवंबर तक चिरमिरी-चंदिया रोड पैसेंजर स्पेशल।
  • 24 से 30 नवंबर चंदिया रोड-चिरमिरी- पैसेंजर स्पेशल।
  • 26, 28 एवं 30 नवंबर को चिरमिरी-अनुपपुर पैसेंजर।
  • 26, 28 एवं 30 नवंबर अनुपपुर- चिरमिरी पैसेंजर स्पेशल।
  • 23 से 30 नवंबर तक कटनी-चिरमिरी मेमू स्पेशल।
  • 24 नवंबर से एक दिसंबर तक चिरमिरी-कटनी मेमू स्पेशल।
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