सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी परिवार के लिए घर उसकी अंतिम सुरक्षा होता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए और गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा दिया जाए। बुलडोजर एक्शन में पक्षपात नहीं हो सकता।
By Anurag Mishra
Publish Date: Wed, 13 Nov 2024 10:53:17 AM (IST)
Up to date Date: Wed, 13 Nov 2024 11:34:17 AM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 13 नवंबर को बुलडोजर एक्शन मामले पर सुनवाई पर बड़ा बयान सामने आया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के अपराध की सजा घरवालों की नहीं दी जा सकती है। सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। जज अभी फैसला पढ़ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राज्य और उसके अधिकारी मनमाने और अत्यधिक कदम नहीं उठा सकते। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती और जज बनकर किसी आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला नहीं कर सकती।
नागरिक अधिकारों की रक्षा जरूरी
सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि सभी दलीलों को सुनने के दौरान हमने लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर विचार किया है। न्याय के सिद्धांतों और पूर्व में आए फैसलों जैसे इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण और जस्टिस पुत्तास्वामी को ध्यान में रखकर हम फैसला करने वाले हैं। जज ने यह भी कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि समाज में कानून का शासन बना रहे, लेकिन उसके साथ यह भी समझना होगा कि नागरिक अधिकारों की रक्षा भी संवैधानिक लोकतंत्र में जरूरी है।
Supreme Court docket holds that the state and its officers cannot take arbitrary and extreme measures.
Supreme Court docket says the manager cannot declare an individual responsible and may’t change into a choose and determine to demolish the property of an accused particular person. https://t.co/ObSECsK3cv
— ANI (@ANI) November 13, 2024
बिना मुकदमे अपराधियों को नहीं ठहरा सकते दोषी
सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों को बिना कारण छीना नहीं जा सकता है। सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना मुकदमे के किसी का मकान गिराना गलत है। अगर, ऐसा होता है तो प्रशासन को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। अपराधियों को भी संविधान के तहत अधिकार मिलते हैं। उन्हें बिना मुकदमे दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
परिवार के लिए घर एक अंतिम सुरक्षा- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी परिवार के लिए घर एक सपना और अंतिम सुरक्षा होती है। कोर्ट ने आदेश दिया कि मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए और गलत तरीके से घर तोड़े जाने पर मुआवजा दिया जाए। कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को पक्षपाती और मनमानी कार्रवाई बताया, जिससे कानून का डर और मौलिक अधिकारों का हनन होता है।