Supreme Court docket On Bulldozer Motion: बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने खीचीं लक्ष्मण रेखा, कहा- अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी परिवार के लिए घर उसकी अंतिम सुरक्षा होता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए और गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा दिया जाए। बुलडोजर एक्शन में पक्षपात नहीं हो सकता।

By Anurag Mishra

Publish Date: Wed, 13 Nov 2024 10:53:17 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 13 Nov 2024 11:34:17 AM (IST)

Supreme Court On Bulldozer Action: बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने खीचीं लक्ष्मण रेखा, कहा- अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं
बुल्डोजर एक्शन पर सख्त सुप्रीम कोर्ट।

एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 13 नवंबर को बुलडोजर एक्शन मामले पर सुनवाई पर बड़ा बयान सामने आया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के अपराध की सजा घरवालों की नहीं दी जा सकती है। सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। जज अभी फैसला पढ़ रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का मानना ​​है कि राज्य और उसके अधिकारी मनमाने और अत्यधिक कदम नहीं उठा सकते। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती और जज बनकर किसी आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला नहीं कर सकती।

नागरिक अधिकारों की रक्षा जरूरी

सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि सभी दलीलों को सुनने के दौरान हमने लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर विचार किया है। न्याय के सिद्धांतों और पूर्व में आए फैसलों जैसे इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण और जस्टिस पुत्तास्वामी को ध्यान में रखकर हम फैसला करने वाले हैं। जज ने यह भी कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि समाज में कानून का शासन बना रहे, लेकिन उसके साथ यह भी समझना होगा कि नागरिक अधिकारों की रक्षा भी संवैधानिक लोकतंत्र में जरूरी है।

Supreme Court docket says the manager cannot declare an individual responsible and may’t change into a choose and determine to demolish the property of an accused particular person. https://t.co/ObSECsK3cv

— ANI (@ANI) November 13, 2024

बिना मुकदमे अपराधियों को नहीं ठहरा सकते दोषी

सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों को बिना कारण छीना नहीं जा सकता है। सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना मुकदमे के किसी का मकान गिराना गलत है। अगर, ऐसा होता है तो प्रशासन को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। अपराधियों को भी संविधान के तहत अधिकार मिलते हैं। उन्हें बिना मुकदमे दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

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परिवार के लिए घर एक अंतिम सुरक्षा- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी परिवार के लिए घर एक सपना और अंतिम सुरक्षा होती है। कोर्ट ने आदेश दिया कि मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए और गलत तरीके से घर तोड़े जाने पर मुआवजा दिया जाए। कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को पक्षपाती और मनमानी कार्रवाई बताया, जिससे कानून का डर और मौलिक अधिकारों का हनन होता है।

Filmmaking Course of; Producer Function Duties Defined | प्रोड्यूसर होते हैं फिल्म के असल हीरो: शाहरुख खान ने डिस्ट्रीब्यूटर से नहीं लिए 25 लाख, साउथ में प्रोड्यूसर एक्टर को बैन कर देते हैं

5 घंटे पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र

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फिल्म मेकिंग के हर डिपार्टमेंट में प्रोड्यूसर की भागीदारी होती है। प्रोड्यूसर के लिए सबसे मुश्किल काम लोगों को हैंडल करना और फंड इकट्ठा करना होता है। किस तरह से कहानी का चयन करके प्रोड्यूसर फिल्म का निर्माण करता है; फिल्म की शूटिंग से रिलीज तक किस तरह की चुनौतियां आती हैं, इस हफ्ते के रील टु रियल के इस एपिसोड में जानेंगे।

फिल्म मेकिंग के पूरी प्रोसेस को समझने के लिए हमने फिल्ममेकर विवेक शर्मा और सुनील दर्शन से बात की।

फिल्म के मुखिया होते हैं प्रोड्यूसर किसी भी फिल्म की पूरी जिम्मेदारी प्रोड्यूसर के ऊपर ही होती है। प्रोड्यूसर का काम सिर्फ फंडिंग तक ही नहीं होता है, बल्कि फिल्म मेकिंग के हर डिपार्टमेंट में प्रोड्यूसर की भागीदारी होती है।

फिल्म के लिए एक्टर को कास्ट करने की जिम्मेदारी डायरेक्टर और प्रोड्यूसर दोनों पर फिल्म के लिए एक्टर की कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोड्यूसर दोनों करते हैं। हालांकि, आमतौर पर एक्टर और प्रोड्यूसर के बीच कॉन्ट्रैक्ट होता है। कॉन्ट्रैक्ट में यह मेंशन होता है कि डबिंग से पहले उनकी लगभग पेमेंट कर दी जाएगी, लेकिन 20 परसेंट रोक दी जाती है, ताकि वे प्रमोशनल इवेंट में जरूर शामिल हों। बाकी क्रू वगरैह का भी पेमेंट प्रोड्यूसर ही मैनेज करते हैं।

फिल्म की अधिक कमाई का हिस्सा प्रोड्यूसर को मिलता है जब फिल्में एग्रीमेंट में तय कीमत से ज्यादा की कमाई कर लेती हैं, तो उस कमाई को ओवर फ्लो कहते हैं। जैसे कि फिल्म RRR ने रिलीज के पहले ही करीब 500 करोड़ की कमाई की थी और फिल्म का कुल कलेक्शन करीब 1100 करोड़ का था। इस ओवर फ्लो की कमाई का कुछ हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर के अलावा फिल्म प्रोड्यूसर को भी जाता है। कितने प्रतिशत की हिस्सेदारी प्रोड्यूसर की होगी, ये एग्रीमेंट में पहले से ही लिखा होता है।

फिल्मों की कमाई में प्रोड्यूसर की हिस्सेदारी कैसे होती है? प्रोड्यूसर जब डिस्ट्रीब्यूटर को फिल्म बेचता है तो उसका 50% का मालिकाना हक होता है। अगर इन्वेस्टर ने फिल्म में 20 करोड़ लगाए हैं तो पहले उनको 20 करोड़ वापस करेंगे। उसके बाद नेट प्रॉफिट में से 50% अपने इन्वेस्टर को देता है।

फिल्मों के अलग-अलग राइट्स से भी प्रोड्यूसर कमाते हैं पैसे आजकल फिल्मों के बहुत सारे राइट्स होते हैं। फिल्में रीजनल भाषाओं में डब की जाती हैं। फिल्मों के रीमेक राइट्स, कॉपी राइट्स, डिजिटल राइट्स भी होते हैं। आम तौर पर प्रोड्यूसर को थिएटर, OTT ( डिजिटल राइट्स ) और सेटेलाइट राइट्स से कमाई होती है। प्रोड्यूसर डबिंग राइट्स भेजता है। 7-8 घंटे चलने वाली फ्लाइट्स में जो फिल्में दिखाई जाती हैं, उसके अलग से राइट्स होते हैं। इस तरह से 30-35 राइट्स होते हैं, जिससे प्रोड्यूसर पूरी जिंदगी प्रॉफिट कमाता है।

हालांकि, बहुत सारी बातें आपसी सहमति पर निर्भर करती हैं। मान लीजिए कोई फिल्म बड़ी हिट हो गई तो प्रोड्यूसर तय करता है कि उसे कितना प्रॉफिट मिलना चाहिए। डिस्ट्रीब्यूटर और थिएटर मालिक के बीच इतनी स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग होती है कि वो लोग प्रोड्यूसर से प्रॉफिट में कम हिस्सा कराने की कोशिश करते हैं।

प्रोड्यूसर के साथ डिस्ट्रीब्यूटर को भी नुकसान होता है अगर फिल्म फ्लॉप हो गई तो प्रोड्यूसर को बहुत नुकसान होता है। इन्वेस्टर के पैसे वापस करने में घर ऑफिस भी बिक जाते हैं। कई बार डिस्ट्रीब्यूटर का भी बहुत नुकसान होता है। डिस्ट्रीब्यूटर कभी ज्यादा प्राइज में फिल्म खरीद लेता है, जिसकी रिकवरी नहीं होती है। थिएटर मालिक को भी नुकसान होता है। कई बार ऐसा होता है कि फिल्म नहीं चली तो थिएटर के AC का भी भाड़ा नहीं निकलता है।

एग्रीमेंट पर कभी भी फिक्स अमाउंट नहीं होता है परसेंटेज के हिसाब से एग्रीमेंट होता है। उसी हिसाब से डिस्ट्रीब्यूटर, प्रोड्यूसर को प्रॉफिट देता है। फिल्म के प्रॉफिट में इन्वेस्टर, प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर का कॉम्बिनेशन होता है। मान लीजिए किसी इन्वेस्टर ने फिल्म में 100 करोड़ रुपए लगाए हैं तो प्रोड्यूसर पहले इन्वेस्टर को कैपिटल अमाउंट वापस करेगा। डिस्ट्रीब्यूटर अपने प्रॉफिट से जो परसेंटेज प्रोड्यूसर को भेजेगा उसी में से प्रोड्यूसर इन्वेस्टर को प्रॉफिट शेयर करेगा।

आज के दौर में प्रोड्यूसर की हालत सबसे ज्यादा खराब विवेक शर्मा ने बताया कि आज के दौर में प्रोड्यूसर बनना बहुत मुश्किल काम है। पहले प्रोड्यूसर के लिए फंडिंग इक्ट्ठा करना आसान होता था। एक्टर्स की फीस भी बहुत ज्यादा नहीं होती। लेकिन आज के दौर में एक्टर्स की फीस ही बहुत ज्यादा होती है। दूसरा, एक्टर्स अपनी डिमांड भी प्रोड्यूसर्स पर थोपते हैं। पहले प्रोडक्शन के काम में एक्टर्स या किसी दूसरे की दखलअंदाजी नहीं होती थी। हालांकि, अब सब कुछ इसके विपरीत है।

साउथ में प्रोड्यूसर एक्टर को बैन कर देते हैं हालांकि, हैदराबाद में प्रोड्यूसर आपस में मिलते हैं और एक दूसरे से अपने अनुभव शेयर करते हैं। उनकी प्रोड्यूसर लॉबी बहुत ही स्ट्रॉन्ग है। अगर कोई एक्टर या एक्ट्रेस किसी प्रोड्यूसर को परेशान करते हैं तो उन्हें बैन कर दिया जाता है। इसलिए वहां के एक्टर प्रोड्यूसर के कंट्रोल में हैं।

स्टार्स का अब फिल्मों की प्रॉफिट मांगना गलत विवेक कहते हैं कि आज कल स्टार्स फिल्मों की प्रॉफिट में हिस्सा मांगने लगे हैं। यह बहुत ही गलत चलन है। अगर स्टार्स प्रॉफिट में शेयर मांग रहे हैं तो उन्हें नुकसान भी सहना चाहिए। फिल्म का मालिक प्रोड्यूसर होता है, स्टार नहीं। स्टार कहानी का एक प्रवक्ता होता है।

शाहरुख ने डिस्ट्रीब्यूटर से नहीं लिए 25 लाख शाहरुख खान की फिल्म ‘फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी’ नहीं चली थी। मुंबई में इस फिल्म को यशराज ने डिस्ट्रीब्यूट किया था। यहां फिल्म को सिर्फ 3 लाख प्रॉफिट हुआ था, लेकिन बाकी सेंटर पर फिल्म नहीं चली थी। राजस्थान के डिस्ट्रीब्यूटर राज बंसल ने फिल्म को 25 लाख में लिया था, लेकिन उनको नुकसान हुआ।

शाहरुख खान को जब यह बात पता चली तो उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर से 25 लाख नहीं लिए। राज बंसल को लगा कि शाहरुख नाराज हो गए। इसलिए पैसे नहीं लिए। शाहरुख ने उन्हें समझाया कि आप हमारी फैमिली मेंबर की तरह हैं। आप का नुकसान नहीं होना चाहिए, मैं अगली फिल्म में मैनेज कर लूंगा। उसके बाद शाहरुख खान ने फिल्म ‘मैं हूं ना’ में 25 लाख बढ़ाकर लिए थे। उस फिल्म से डिस्ट्रीब्यूटर ने अच्छा कमाया था।

पहले प्रोड्यूसर का बहुत सम्मान होता था फिल्ममेकर सुनील दर्शन ने कहा- पहले प्रोड्यूसर का बहुत सम्मान होता था। प्रोड्यूसर का मतलब सिर्फ यह नहीं होता था कि वो फिल्मों के लिए फंड इकट्ठा कर रहा है। प्रोड्यूसर फिल्ममेकिंग की हर विधा में इनवाल्व होता था। अब कॉरपोरेट कंपनियों के आने से काफी बदलाव हो गया है। अब तो सब कुछ स्टार्स तय करने लगे हैं।

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पिता के निधन के बाद तंगी छाई:कभी 35 रुपए थी कमाई, एक्ट्रेस के कपड़े प्रेस किए; आज रोहित शेट्टी ने दी कई हिट फिल्में

‘छोटा ही था कि तभी पिता का साया सिर से उठ गया। घर की हालत से वाकिफ था। इस वजह से परिवार की जिम्मेदारियां खुद के कंधों पर ले लीं। दिन-रात मेहनत की। एक दिन में 3-3 शिफ्ट की, ताकि काम की कमी न रहे। लोगों को लगता है कि मैंने स्ट्रगल नहीं किया है। पूरी खबर पढ़ें..

खबरें और भी हैं…
Startups Ideas: हर्बल और आर्गेनिक उत्पादों की बढ़ी डिमांड, इसमें स्टार्टअप का बढ़ा अवसर

स्वास्थ्य, पर्यावरण और रसायनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बाजार में आर्गेनिक उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग ने शहर में कई स्टार्टअप्स को जन्म दिया है, जो हर्बल उत्पादों से जुड़े हुए हैं, जैसे कि दवाइयां, भोजन और कास्मेटिक्स।

By Girish Verma

Publish Date: Fri, 08 Nov 2024 12:00:38 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 08 Nov 2024 02:16:28 PM (IST)

HighLights

  1. शहरभर में 10 से अधिक स्टार्टअप जो जैविक खेती पर निर्भर, प्राकृतिक फल-सब्जियों से बना रहा उत्पाद

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। स्वास्थ्य, पर्यावरण और रसायनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बाजार में आर्गेनिक उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग ने शहर में कई स्टार्टअप्स को जन्म दिया है, जो हर्बल उत्पादों से जुड़े हुए हैं, जैसे कि दवाइयां, भोजन और कास्मेटिक्स। शहर में अब 10 से अधिक स्टार्टअप आर्गेनिक उत्पादों पर आधारित हैं।

माय फार्म नैचुलरल के संस्थापक प्राशु गुप्ता ने बताया कि वे 265 एकड़ में जैविक खेती कर रहे हैं, जिसमें सरसों, चीया बीज, धान की छह किस्में और फल शामिल हैं। वे पांच अलग-अलग फार्मों में प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पाद तैयार कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है।

गुप्ता का कहना है कि आजकल लोग स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं, जिससे हर्बल और आर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है। कृषि प्रधान राज्य होने के कारण अब युवा उद्यमी खेती से संबंधित स्टार्टअप्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे किसानों को भी लाभ मिल रहा है।

स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता

मिलेट (मोटे अनाज) से बने खाद्य उत्पादों की स्टार्टअप कंपनी इम्यूनो मिलेट की संस्थापिका कविता देव बताती हैं कि पिछले तीन-चार वर्षों में लोगों के खानपान में काफी बदलाव आया है, खासकर कोरोनाकाल के बाद। अब लोग ऐसे खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हों।

रागी, ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाजों की डिमांड बढ़ी है। बिस्किट, लड्डू, इटली, दोसा, खीर, उपमा और कटलेट जैसी चीजों में इन अनाजों का इस्तेमाल हो रहा है। मिलेट्स शरीर को कई रोगों से बचाते हैं और फिट रखने में मदद करते हैं।

जीवनचर्या में बदलाव से बढ़ रहे स्टार्टअप

स्टार्टअप विशेषज्ञ और उद्यमी तुषार वढ़ेरा का कहना है कि रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में आर्गेनिक उत्पादों का बाजार करोड़ों रुपये का है। आफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों में इन उत्पादों की भारी मांग है। इस बाजार में अनाज, सब्जियां और फल मुख्य रूप से मांग में रहते हैं।

इसके अलावा, जैविक दालें, मसाले और डेयरी उत्पाद भी लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं। बदलती जीवनशैली ही इन स्टार्टअप्स के जन्म का मुख्य कारण है। अब लोग प्रकृति की ओर लौट रहे हैं।

किसानों को मिल रहा फायदा

कृषि से जुड़े स्टार्टअप के विशेषज्ञों का कहना है कि हर्बल और आर्गेनिक उत्पादों की बढ़ती मांग से किसानों को लाभ हो रहा है। स्टार्टअप कंपनियां सीधे किसानों से उनके उत्पाद खरीद रही हैं, जिससे किसानों को बाजार में अपनी फसल बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ता। इस प्रक्रिया से किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं, और वे अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। यही कारण है कि अब किसान खेती की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं।

भोपाल में युवक ने शादी करने का झांसा देकर दलित युवती से किया दुष्कर्म, मामला दर्ज

बरखेड़ा पठानी की रहने वाली एक दलित युवती ने एक युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है, उसने महिला थाने ने शिकायत दर्ज की साथ ही जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप भी लगाया है। महिला आरोपित के संपर्क में पिछले दो सालों से है।

By Brijendra Rishishwar

Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 02:49:50 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 02:49:50 PM (IST)

दुष्कर्म पीडित की प्रतीकात्मक तस्वीर।

HighLights

  1. 20 वर्षीय युवती बरखेड़ा पठानी में रहती है।
  2. दो साल से युवक उसे शादी का झांसा दे रहा है।
  3. शादी से इंकार करने पर थाने में दर्ज कराया मामला।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में एक युवती से शादी करने का झांसा देकर एक युवक करीब दो साल से उसकी दुष्कर्म कर रहा था। बाद में उसने शादी करने से इंकार कर दिया। इससे परेशान होकर पीड़िता थाने पहुंची और आरोपित युवक पर मामला दर्ज कराया। अभी तक पुलिस ने आरोपित युवक को गिरफ्तार नहीं किया है।

महिला थाना पुलिस के मुताबिक 20 वर्षीय युवती बरखेड़ा पठानी में रहती है। करीब दो साल पहले उसकी मुलाकात मुकेश विश्वकर्मा से हुई थी। इस दौरान आरोपित ने शादी करने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। उसके बाद से वह लगातार उसका शोषण कर रहा था।

अभी कुछ दिन पहले उसने पीड़िता से शादी करने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं उसकी जाति को लेकर भी अपमानित किया। इसके बाद पीड़िता थाने पहुंची और एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

Tiger in Indore Zoo: सेहतमंद रहे बाघ का कुनबा, इसलिए अब करेंगे वंशावली में बदलाव

इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के बाघ के जोड़े को एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गोरेगांव चिड़‍ियाघर भेजा जाएगा। इनके बदले में वहां से बाघ का जोड़ा इंदौर लाया जाएगा। वेटरनरी डॉक्टरों के मुताबिक अलग ब्लड लाइन के बाघों की ब्रीडिंग से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

By ramkrashna Mule

Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 02:45:41 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 02:55:54 PM (IST)

Tiger in Indore Zoo: सेहतमंद रहे बाघ का कुनबा, इसलिए अब करेंगे वंशावली में बदलाव
कमला नेहरू संग्रहालय में हल्की ठंड में धूप का आनंद लेते बाघ। फोटो- राजू पवार

HighLights

  1. इंदौर का चिड़‍ियाघर 55 एकड़ में फैला हुआ है।
  2. 165 प्रजाति के वन्य प्राणी और पक्षी हैं यहां।
  3. चिड़‍ियाघर में 10 बाघ, 9 शेर और 4 तेंदुए हैं।

रामकृष्ण मुले, नईदुनिया इंदौर(Indore Zoo)। इंदौर शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के बाघ का कुनबा सेहतमंद रहे इसलिए अब चिड़ियाघर प्रबंधन उनकी वंशावली में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए गोरेगांव चिड़ियाघर (महाराष्ट्र) से विशेष एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बाघ के जोड़े के बदले बाघ का ही एक जोड़ा लिया जाएगा।

अलग-अलग ब्लड लाइन के बाघों की ब्रीडिंग से जन्म लेने वाले शावकों में प्रतिरोधी क्षमता अधिक होने के साथ ही अनुवांशिक बीमारियों से भी निजात मिलेगी। इससे बाघ अपनी 15-16 वर्ष की औसत आयु को अधिक बेहतर तरीके से व्यतीत कर पाएंगे।

जिन प्राणियों की संख्या ज्यादा होती है, उन्हें भेजा जाता है

हर बार यहां से उस प्रजाति के वन्य प्राणियों को अन्य स्थानों पर भेजा जाता है, जिनकी संख्या अधिक होती है। बदले में दूसरी प्रजाति के जानवर लाए जाते हैं, जिनकी संख्या यहां कम या नहीं होती है। इस बार बाघ के बदले बाघ लाने के पीछे वजह यह है कि एक ही वंशावली में ब्रीडिंग पर अंकुश लगना है। इसके लिए सेंट्रल जू ऑफ अथारिटी को चिट्टी भी लिखी गई है।

इस कड़ी में 2025 में जू प्रबंधन पांच-छह प्रजातियों के अन्य वन्य प्राणियों को लाने का प्रयास करेगा। उल्लेखनीय है इंदौर के चिड़ियाघर से दूसरे राज्यों के चिड़ियाघर में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कई जानवर भेजे जाते हैं। बीते दिनों में शेर और बाघों के बच्चों ने जन्म लिया था, जिससे इन प्रजातियों का कुनबा बढ़ा। इसके बाद यहां पहुंचने वाले दर्शकों की संख्या भी बढ़ गई।

अच्छी देखरेख से बढ़ रहा शेर-बाघों का कुनबा

शेरों और बाघों की अच्छी देखरेख से चिड़ियाघरों में इनका कुनबा बढ़ा है। इनकी बेहतरी के लिए समय-समय पर कदम उठाए जाते हैं। अब इनकी वंशावली में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई है। रक्त रेखा (ब्लड लाइन) में बदलाव की कड़ी में पहले हम चीतल, सांभर लाए थे। साथ ही चंडीगढ़ से भी एक शेर लाया गया था। – डॉ. उत्तम यादव, प्रभारी, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय

रक्त रेखा में बदलाव आवश्यक

वन्य प्राणियों की अच्छी सेहत के लिए रक्त रेखा में बदलाव आवश्यक है। इससे जन्म लेने वाले वन्य प्राणियों की शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है। ऐसे में इनमें जैनेटिक बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम होता है। इनकी अपनी औसत आयु से अधिक जीवन जीने की संभावना बढ़ती है। – डॉ. हेमंत मेहता, वेटरनरी हॉस्पिटल महू

IND vs AUS Take a look at: राहुल द्रविड़ ने अपने बल्ले के दम पर ऑस्ट्रेलिया के चटाई थी धूल, दादा की कप्तानी में 2003 में हुआ था मुकाबला

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2003-04 में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। सीरीज 1-1 से ड्रा रही थी। पहला और चौथे टेस्ट ड्रा रहा था, जबकि दूसरे टेस्ट टीम इंडिया ने तो तीसरा मेजबान टीम ने जीता था। तब रिकी पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे।

By Arvind Dubey

Publish Date: Thu, 07 Nov 2024 05:00:00 PM (IST)

Up to date Date: Thu, 07 Nov 2024 05:00:00 PM (IST)

IND vs AUS Test: राहुल द्रविड़ ने अपने बल्ले के दम पर ऑस्ट्रेलिया के चटाई थी धूल, दादा की कप्तानी में 2003 में हुआ था मुकाबला

HighLights

  1. भारतीय टीम एक बार फिर जा रही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर
  2. 22 नवंबर से शुरू होगी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज
  3. न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद टीम की अग्नि परीक्षा

स्पोर्ट्स डेस्क, इंदौर (IND vs AUS Take a look at)। भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारी कर रही है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे धुरंधर बल्लेबाजों के लिए यह दौरा बहुत अहम होने जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के शानदार प्रदर्शन का जिक्र होता है, तो 2003-04 सीरीज का एक टेस्ट मैच जरूर याद आता है, जहां राहुल द्रविड़ ने अपने बल्ले के दम पर कंगारुओं को हरा दिया था। यहां जानिए उसी मैच की डिटेल।

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एडिलेड में हुआ था मुकाबला, 4 विकेट से जीती थी टीम इंडिया

  • यह मुकाबला 12 से 16 दिसंबर के बीच एडिलेड में खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। रिकी पोंटिंग के दोहरे शतक (242 रन) की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 556 रन बनाए।
  • भारत की ओर से अनिल कुंबले ने 5 विकेट लिए। वहीं अजित अगरकर और आशीष नेहरा ने दो-दो विकेट बांटे। जवाब में टीम इंडिया ने द्रविड़ और लक्ष्मण की बैटिंग के बदौलत 523 रन बनाए।
  • द्रविड़ ने 233 रन की पारी खेली, जबकि वीवीएस लक्ष्मण ने 148 रन जोड़े। इस तरह 33 रन की लीड के साथ ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी शुरू की। आगरकर की शानदार गेंदबाजी के सामने पूरी टीम 196 रन पर आउट हो गई।
  • आगरकर ने 16.2 ओवर में 41 रन देकर 6 विकेट लिए। इस तरह टीम इंडिया को 230 रन का टारगेट मिला, जिसे टीम ने छह विकेट खोकर हासिल कर लिया। द्रविड़ ने दूसरी पारी में भी नाबाद 72 रन बनाए।

द्रविड़ को चुना गया मैन ऑफ द मैच

राहुल द्रविड़ को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था। इतना ही नहीं, द्रविड़ को मैन ऑफ से सीरीज भी चुना गया था। उन्होंने चार टेस्ट मैचों में कुल 619 रन बनाए थे।

राहुल द्रविड़ ने टेस्ट करियर की शुरुआत 1996 से की थी और आखिरी टेस्ट 2012 में खेला था। कुल 164 टेस्ट मैचों में द्रविड़ ने 36 शतक और 63 अर्धशतक की बदौलत 13288 रन बनाए थे। द्रविड़ अपनी बल्लेबाजी तकनीक के लिए जाने जाते थे।

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भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज 2024, देखिए शेड्युल

  • ऑस्ट्रेलिया vs भारत पहला टेस्ट: 22-26 नवंबर (पर्थ स्टेडियम) डे
  • ऑस्ट्रेलिया vs भारत दूसरा टेस्ट: 6-10 दिसंबर (एडिलेड ओवल) डे/नाइट
  • ऑस्ट्रेलिया vs भारत तीसरा टेस्ट: 14-18 दिसंबर (गाबा, ब्रिस्बेन) डे
  • ऑस्ट्रेलिया vs भारत चौथा टेस्ट: 26-30 दिसंबर (एमसीजी, मेलबर्न) डे
  • ऑस्ट्रेलिया vs भारत पांचवा टेस्ट: 3-7 जनवरी (एससीजी), सिडनी डे
Champions Trophy 2025: भारत को उकसाने की हर तरकीब अपना रहा पाकिस्तान, PoK घुमाई जाएगी चैंपियंस ट्रॉफी

नई दिल्ली. भारत ने जब से चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार किया है तब से पीसीबी खिसियाया हुआ है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) कुछ ना कुछ ऐसा कर रहा है कि वह खबरों में बना रहे. इसी कड़ी में पहले तो पाकिस्तान के क्रिकेटरों ने भारत विरोधी बयान दिए. कहा कि पाकिस्तान को भारत के साथ खेलने से इनकार कर देना चाहिए. अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने चैंपियंस ट्रॉफी को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से जोड़ने की कोशिश की है. पाकिस्तान ने कहा है कि वह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की ट्रॉफी पीआके (PoK) में घुमाएगा.

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को मिली हुई है. यह टूर्नामेंट अगले साल फरवरी-मार्च में खेला जाना है. भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान टीम भेजने से इनकार कर दिया है. इससे चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी ही खटाई में पड़ गई है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास अब एक ही विकल्प है कि वह हाइब्रिड मॉडल में मेजबानी करे. यानी भारत के मैच न्यूट्रल देश में हों और बाकी मैच पाकिस्तान में हों. एक साल पहले एशिया कप इसी मॉडल में हो चुका है, जिसमें भारत के मैच श्रीलंका में खेले गए थे.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने चैंपियंस ट्रॉफी को देशभर में घुमाने संबंधी ऐलान गुरुवार को किया. पीसीबी ने एक बयान जारी किया. उसने कहा, ‘पाकिस्तान, तैयार हो जाओ. आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की ट्रॉफी देशभर में घुमाई जाएगी. इसकी शुरुआत 16 नवंबर को इस्लामाबाद से होगी. बाद में यह ट्रॉफी स्कार्दु, हुंजा और मुजफ्फराबाद भी ले जाई जाएगी.’ बता दें कि मुजफ्फराबाद पीओके का हिस्सा है. भारत के इन इलाकों पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर रखा है.

Donald Trump की जीत पर आंध्र प्रदेश के गांव में मनी दीवाली, भारतीय मूल की सेकंड लेडी Usha Chilukuri Vance से है कनेक्शन

डोनाल्ड ट्रंप की जीत का असर भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रंप से अच्छे संबंध हैं। भारत को इसका फायदा मिलेगा। वहीं, ट्रंप के डिप्टी यानी उपराष्ट्रपति (निर्वाचित) जेडी वेंस की पत्नी दक्षिण भारत से है। इस तरह व्हाइट हाउस में भारत का दबदबा रहेगा।

By Arvind Dubey

Publish Date: Thu, 07 Nov 2024 08:30:51 AM (IST)

Up to date Date: Fri, 08 Nov 2024 02:15:36 PM (IST)

Donald Trump की जीत पर आंध्र प्रदेश के गांव में मनी दीवाली, भारतीय मूल की सेकंड लेडी Usha Chilukuri Vance से है कनेक्शन
डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन के दौरान पति जेडी वेंस के साथ उषा।

HighLights

  1. बुधवार देर रात प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से टेलीफोन पर बात की
  2. ऐतिहासिक जीत के बाद ट्रंप को दुनियाभर से मिल रही बधाइयां
  3. जनवरी में शपथ लेंगे ट्रंप, भारत के साथ रिश्तों पर रहेगा फोकस

एजेंसी, वडलुरू (आंध्र प्रदेश)। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इतिहास रचते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने धमाकेदार जीत दर्ज की और अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए। ट्रंप ने बुधवार को समाप्त हुई मतगणना में 538 में से 295 इलेक्टोरल वोट हासिल किए, जबकि विपक्षी कमला हैरिस का सफर 226 इलेक्टोरल वोट पर रुक गया।

अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट की दरकार होती है। स्थिति स्पष्ट होते ही अमेरिका समेत दुनियाभर में ट्रंप समर्थकों में जश्न का माहौल बन गया। भारत में आंध्र प्रदेश के वडलुरू गांव में भी जश्न मनाया गया।

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कौन हैं उषा चिलुकुरी वेंस और क्या हैं भारत से नाता

  • आंध्र प्रदेश के वडलुरू गांव का संबंध उषा चिलुकुरी वेंस से है। उषा मूल रूप से इसी गांव की रहने वाली हैं, जो अभी अमेरिका के उप राष्ट्रपति चुने गए जेडी वेंस की पत्नी हैं।
  • उषा चिलुकुरी अमेरिका में उपराष्ट्रपति की पत्नी बनने वाली भारतीय मूल की पहली महिला है। अमेरिका में इसे सेकंड लेडी कहा जाता है, जबकि राष्ट्रपति की पत्नी फर्स्ट लेडी होती हैं।
  • उषा के माता-पिता काफी पहले अमेरिका में जाकर बस गए थे। उषा का जन्म सैन डिएगो में हुआ। उनके माता-पिता का पैतृक गांव आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में वडलुरू है।

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डोनाल्ड ट्रंप ने की भारत की बेटी की तारीफ

ट्रंप ने जेडी वेंस को अपना उपराष्ट्रपति चुना है। वहीं जेडी की पत्नी उषा भी कम नहीं हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ट्रंप ने अपने भाषण में उषा की खूब तारीफ की।

ट्रंप ने कहा था, जब कभी मैं थोड़ा बहुत अहंकारी या थोड़ा बहुत घमंडी हो जाता हूं, तो मैं खुद को याद दिलाता हूं कि उषा मुझसे कहीं ज्यादा टैलेंटेड हैं। लोग यह नहीं जानते कि वह कितनी प्रतिभाशाली हैं।

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UP PCS Examination 2024: उत्तर प्रदेश में पीसीएस परीक्षा की नई तारीख का एलान, अब एक ही दिन 2 पाली में होगी

यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, परीक्षा दो पालियों में होगी।

By Arvind Dubey

Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 02:45:47 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 02:47:23 PM (IST)

UP PCS Exam 2024: उत्तर प्रदेश में पीसीएस परीक्षा की नई तारीख का एलान, अब एक ही दिन 2 पाली में होगी

ब्यूरो/एजेंसी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस प्री परीक्षा की नई तारीख का एलान किया गया है। यूपी पीसीएस प्री परीक्षा (Uppsc) अब 22 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। पहले यह परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को निर्धारित थी, लेकिन यूपी लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को नई तारीख की घोषणा कर दी।

Mahesh Thakur recollects Hum Saath-Saath Hain shoot neelam irritated with me after I fell on her Salman Khan began ragging her | ‘मैं नीलम के ऊपर गिरा, तो वह चिढ़ गईं’: महेश ठाकुर बोले- चलती बस में गाना शूट हो रहा था, सलमान ने एक्ट्रेस को खूब चिढ़ाया था

3 घंटे पहले

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‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म 1999 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के हर किरदार और उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया था। महेश ठाकुर, जिन्होंने फिल्म में विवेक बाबू का रोल निभाया था, उन्होंने नीलम कोठारी से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। एक्टर ने कहा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान एक हादसा हो गया था, जिससे नीलम उनसे नाराज हो गई थीं। उस हादसे के बाद से ही सलमान खान लगातार नीलम को चिढ़ाते रहे।

महेश ठाकुर ने रेडियो नशा से बातचीत में बताया, ‘हम ‘ABCD’ गाने की शूटिंग कर रहे थे। गाने के दौरान मुझे डांस स्टेप्स में थोड़ी दिक्कत हो रही थी। हमें शरीर हिलाने थे और बस भी सड़क के हिसाब से हिल रही थी, तो मैं अपना स्टेप मिस कर गया और नीलम जी पर गिर गया। इस कारण वह मुझसे थोड़ी नाराज हो गईं और बोलीं, ‘क्या कर रहे हो?’ इसके बाद सलमान, सैफ और तब्बू ने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया।’

महेश ने कहा, ‘इसके बाद सेट पर लगातार मजाक चलता रहा, जिससे सबका मूड भी काफी हल्का और अच्छा हो गया था। नीलम जी ने भी इस बात को फिर नजर अंदाज कर दिया। फिर हम सभी अच्छे दोस्त बन गए। हम सभी के बीच काफी अच्छा तालमेल था।’

डांस रियलिटी शो इंडिया बेस्ट डांसर-3 में करिश्मा कपूर ने भी हम साथ-साथ हैं फिल्म की यादें शेयर की थीं। एक्ट्रेस ने बताया था कि कैसे वह और तब्बू अक्सर सोनाली बेंद्रे को अपनी किताब छोड़कर बातचीत में शामिल होने के लिए मनातीं थीं, क्योंकि सोनाली शूटिंग के दौरान अक्सर चुपचाप अपनी किताब पढ़ती रहती थीं।

करिश्मा कपूर ने कहा, ‘हम सभी फिल्म हम साथ-साथ हैं के दिनों को बहुत याद करते हैं। इस फिल्म से जुड़ी बहुत सारी अच्छी यादें हैं। सोनाली बहुत शांत थीं, और मैं सेट पर ज्यादा बात करने वाली थी। सोनाली अपनी किताब में खोई रहती थीं, जबकि तब्बू और मैं अक्सर सोचते थे, ‘वो क्या पढ़ रही हैं? वो हमसे बात क्यों नहीं करतीं? तब्बू और मैं फिल्मों और गाने की शूटिंग के बारे में बातें करते थे, जबकि सोनाली चुपचाप अपनी किताब पढ़ती रहती थीं। हम दोनों उन्हें लंच के लिए बुलाने जाते, तो वो कहती थीं मैं वेजिटेरियन हूं, इसलिए सिर्फ सलाद खाती हूं,’ और मैं कहती थीं ठीक है, पर आ जाओ सलाद लेकर!’

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