Gold Silver Price: सोना 80 पार, चांदी शतक लगाने को बेकरार… देवउठनी ग्यारस से शुरू होगा शादियों का सीजन

Gold Silver Price: सोना 80 पार, चांदी शतक लगाने को बेकरार… देवउठनी ग्यारस से शुरू होगा शादियों का सीजन

देवउठनी एकादशी से शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। इससे पहले सोना और चांदी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। जो लोग अब आभूषण बनवा रहे हैं, उन्हें ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। वहीं, जिन लोगों ने पहले बुकिंग कर दी थी, वो फायदे में हैं।

By Arvind Dubey

Publish Date: Mon, 04 Nov 2024 07:44:54 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 04 Nov 2024 01:01:24 PM (IST)

Gold Silver Price: एक नवंबर को चांदी का दाम 98 हजार रुपये किलो पहुंच गया।

HighLights

  1. दो महीने से लगातार बढ़ रहे चांदी के दाम
  2. शादी के सीजन में 15% बढ़ेगा कारोबार
  3. जानकार बोले- अभी राहत की उम्मीद नहीं

नई दुनिया, भोपाल। सोने व चांदी के दाम बीते दो महीने से तेजी से बढ़ रहे हैं। दो सितंबर को 24 कैरेट सोने के दाम प्रति 10 ग्राम 73 हजार 95 रुपये थे, जो एक नवंबर को आठ हजार रुपये से अधिक बढ़कर 81 हजार रुपये हो गए। वहीं 85 हजार 500 रुपये प्रति किलो बिकने वाली चांदी 11 हजार रुपये बढ़कर एक नवंबर को 98 हजार रुपये पहुंच गई है।

सोने-चांदी के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। सोने-चांदी के ऊंचे भाव पर वायदा बाजार मुनाफा वसूली के चलते सोने-चांदी के दाम बढ़ रहे रहे। वायदा बाजार में अक्टूबर माह सौदों के निपटारे की वजह से नवंबर में मामूली कमी भी देखने को मिल रही है।

भोपाल सराफा एसोसिएशन के महामंत्री नवनीत कुमार अग्रवाल ने बताया कि सोने-चांदी के दाम बढ़ने से 12 नवंबर देवउठनी ग्यारस से शुरू होने वाले विवाह के मुहूर्त में सराफा का कारोबार 15 प्रतिशत तक प्रभावित रहेगा।

दीपावली के बाद अब विवाह के मुहूर्तों की तैयारी

धनतेरस व दीपावली पर शहर के चौक, न्यू मार्केट, संत हिरदाराम नगर सहित सभी छोटे-बड़े सराफा बाजारों में धन की वर्षा हुई। अब व्यवसायियों ने 12 नवंबर देव उठनी ग्यारस से शुरू हो रहे विवाह के मुहूर्तों की तैयारी शुरू कर दी है। सोने-चांदी के दाम अधिक होने से सराफा कारोबारी दुल्हन के लिए हल्के आभूषण बनवाने के लिए कारीगरों को ऑर्डर दे रहे हैं।

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भाईदूज के साथ हुआ दीपावली पर्व का समापन

इस बीच, रविवार को देशभर में भाई दूज मनाई गई और इसके साथ ही पांच दिनी दीपोत्सव का समापन हो गया। भाई दूज का त्योहार परंपरा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बहिनों ने भाईयों के माथे पर तिलक लगाया और उनकी आरती उतारी। भाईयों ने भी बहिनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए उन्हें उपहार भेंट किए।

उल्लेखनीय है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे थे। बहिनों को इस त्योहार का विशेष रूप से इंतजार रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र, खुशी और कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं और उनका तिलक करती हैं।

अब 13 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। इसके साथ ही कार्तिक मास का समापन हो जाएगा।

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