आरोप है कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। जब मंदिर में मारपीट और हंगामे की सबूत के साथ शिकायत की गई, तो पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने कहा कि घटना में बच्चों और महिलाओं पर भी हमला किया गया।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 04 Nov 2024 08:10:18 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 04 Nov 2024 02:10:30 PM (IST)
HighLights
- ब्रैम्पटन के मंदिर में हुआ हमला
- हमले की वीडियो भी वायरल
- जस्टिन ट्रूडो ने की आलोचना
एजेंसी. बैम्पटन (Hindu Temple in Canada)। कनाडा के बैम्पटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। खालिस्तानी हाथों में पीले झंडे लेकर पहुंचे और मंदिर में मौजूद लोगों के साथ मारपीट की।
हिंदू फोरम कनाडा ने इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। फोरम का कहना है कि सोची-समझी साजिश के तहत कनाडा में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। यहां तक कि मंदिर में मौजूद महिलाओं और बच्चों से अभी अभद्रता की गई। भारत सरकार ने हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस ने लगाया आरोप, भड़का विहिप
पूरे मामले पर भारत में राजनीति शुरू हो गई है। पटियाला से कांग्रेस सांसद धरमवीर गांधी ने कहा कि कनाडा के हिंदू मंदिर में हमला भारत की एजेंसियों की साजिश है, ताकि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जा सके।
धरमवीर गांधी के इस बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने विरोध किया है। विहिप के मुताबिक, धरमवीर गांधी जैसे लोग भारत को तोड़ना चाहते हैं।
ब्रैम्पटन में मंदिर के बाहर लगे ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे
इस बीच, हमले की सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में हिंदू अनुयायी मंदिर के बाहर जमा हो गए। यहां ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे लगाए गए। हिंदुओं को बताया गया कि यह हमला सिर्फ कनाडा के हिंदुओं पर नहीं, दुनिया में रह रहे सभी हिंदुओं पर है। यह हिंदू एक नहीं हुए, तो इसी तरह हमलों का शिकार होते रहेंगे। अब चिंता आने वाली पीढ़ी की होना चााहिए।
हमले पर जस्टिन ट्रूडो की प्रतिक्रिया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रैम्पटन के मंदिर में हिंदू भक्तों पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि देश में हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं।
ट्रूडो ने एक्स पर लिखा, ‘ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है।’ उन्होंने इस घटना पर तत्काल एक्शन लेने के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया।
#Breaking | Warning ⚠️ violent imagery & foul language:
Professional-#Khalistan activists assault worshipers after breaching the gates of the Hindu Sabha Mandir in Brampton, Canada.
The assault transpired after Khalistanis gathered exterior the temple partitions to protest India.
Khalistanis… pic.twitter.com/csWn1mCC1l
— Hindu American Basis (@HinduAmerican) November 3, 2024
हिंदुओं में गुस्सा, सांसद भी कर रहे आलोचना
- ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों के हमले के बाद पूरे कनाडा के हिंदुओं में गुस्सा है। हिंदुओं का कहना है कि क्या कनाडा में उन्हें अपने धर्म का पालन करने की आजादी नहीं है।
- वहीं, चुनाव से ऐन पहले हुई इस घटना के बाद राजनीति भी गर्म है। विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे, टोरंटो के सांसद केविन वुओंग और एमपी चंद्रा आर्य सहित कनाडाई राजनेताओं ने व्यापक निंदा की।
- टोरंटो सांसद ने कहा कि हमारे देश के नेता हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहे हैं। उन्होंने इसके लिए ट्रूडो सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसका असर आने वाले चुनावों पर पड़ेगा।
one other of @JustinTrudeau act, #canada goes to be an enormous headache for @america because it shelters and fosters radical parts and #terrorists on its yard @realDonaldTrump @elonmusk
— DrRascal (@DrBharatiya007) November 4, 2024
हाल के दिनों में बिगड़े भारत-कनाडा
संबंध बता दें, अभी भारत और कनाडा के कूटनीतिक संबंध सबसे निचले स्तर पर बताए जा रहे हैं। कनाडा का आरोप है कि खालिस्तान समर्थकों को ठिकाने लगाने के लिए भारत उसकी जमीं का उपयोग कर रहा है। इस बीच, खबर है कि भारत- कनाडा के बीच बिगड़ते रिश्तों के बीच विदेश सचिव विक्रम मिसरी विदेश मामलों की संसदीय समिति को भारत-कनाडा संबंधों के बारे में बुधवार को संभवत: जानकारी देंगे।
कनाडा द्वारा भारत सरकार के अधिकारियों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आदेश देने का आरोप लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया है।