Ajay Devgn Interview; Singham Once more Field Workplace | Police Officers | ‘सिंघम ने पर्दे पर पुलिस की छवि बदली’: अजय देवगन बोले- जिसे देखो, क्रिटिक बना घूम रहा है; अवॉर्ड शोज पर कहा- अब दिलचस्पी नहीं

Ajay Devgn Interview; Singham Once more Field Workplace | Police Officers | ‘सिंघम ने पर्दे पर पुलिस की छवि बदली’: अजय देवगन बोले- जिसे देखो, क्रिटिक बना घूम रहा है; अवॉर्ड शोज पर कहा- अब दिलचस्पी नहीं

2 दिन पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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सिंघम अगेन इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। फिल्म को ऑडियंस से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। सिंघम अगेन का सक्सेस एन्जॉय कर रहे अजय देवगन ने दैनिक भास्कर को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है।

अजय देवगन ने कहा कि पहले की फिल्मों में पुलिस ऑफिसर्स के किरदार को ज्यादातर निगेटिव दिखाया जाता था। सिंघम के जरिए लोगों को एक अलग किरदार देखने को मिला। शायद इसी वजह से दर्शक इस रोल को काफी ज्यादा पसंद करते हैं।

अजय देवगन से बातचीत के प्रमुख अंश पढ़िए..

सवाल- दर्शक सिंघम के किरदार को इतना पसंद क्यों करते हैं? जवाब- पहले की ज्यादातर फिल्मों में पुलिस को निगेटिव और करप्ट दिखाया जाता था। सिंघम के जरिए लोगों को एक ईमानदार और उसूलों पर चलने वाला पुलिस ऑफिसर देखने को मिला। मुझे लगता है कि इसी वजह से लोगों को सिंघम का किरदार बहुत पसंद आता है।

सवाल- फिल्म की कहानी रामायण से प्रेरित है, करते वक्त डर और चुनौती दोनों रही होगी? जवाब- डर इसलिए नहीं था, क्योंकि पूरी तरह रामायण की कहानी नहीं दिखा रहे थे। हमने बस उससे मिलती-जुलती स्टोरी दिखाई। मैंने यह कभी नहीं कहा कि सिंघम, राम या रणवीर सिंह हनुमान बने हैं। हालांकि, मुझसे कई लोगों ने कहा कि उन्हें रामायण से जुड़ी बहुत सारी जानकारी इस फिल्म को देखने के बाद मिली है।

सवाल- अर्जुन कपूर के रोल के बारे में क्या कहना चाहेंगे? जवाब- जब हमने अर्जुन को कास्ट किया तो लोग थोड़े कन्फ्यूज जरूर हुए। हालांकि, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया। अपने किरदार में उन्होंने जान फूंक दी है। जब कोई व्यक्ति लगातार मेहनत करता है, तो कभी न कभी उसे फल जरूर मिलता है।

सवाल- जब आपने 2011 में सिंघम की पहली फिल्म की, उस वक्त सोचा था कि आगे चलकर पूरा कॉप यूनिवर्स बन जाएगा? जवाब- बिल्कुल नहीं सोचा था। खैर फिल्म की शूटिंग के वक्त बिल्कुल पता नहीं होता कि आगे क्या होने वाला है। धीरे-धीरे जब दर्शक इसे पसंद करना शुरू करते हैं, तब कड़ियां जुड़नी स्टार्ट होती हैं। कोई भी एक्टर या डायरेक्टर यह सोच कर फिल्में नहीं बनाता कि उसे आगे चलकर फ्रेंचाइजी क्रिएट करनी है। यह बस समय के साथ हो जाता है।

सवाल- आपको किस जॉनर की फिल्में करना सबसे ज्यादा पसंद है? जवाब- एक एक्टर को जॉनर नहीं बल्कि अपने काम से प्यार होना चाहिए। मैं एक ही जॉनर की फिल्में लगातार नहीं करना चाहता। बीच-बीच में बदलाव करना चाहता हूं। अगर कॉमेडी फिल्म कर ली, तो कोशिश करूंगा कि अगली फिल्म कॉमेडी जॉनर की न हो।

सवाल- आपने करियर की शुरुआत बतौर एक्शन हीरो की थी, तब और आज के एक्शन में कितना अंतर है? जवाब- बहुत अंतर आ गया है। पहले की तुलना में आज एक्शन करना आसान हो गया है। जाहिर है कि टेक्नोलॉजी बहुत बेहतर हो गई है। पहले एक्टर्स को खुद से काफी चीजें करनी पड़ती थीं। रिस्क फैक्टर भी बहुत होता था। अब ऐसा बहुत कम हो गया है।

सवाल- फिल्म क्रिटिक्स को लेकर आपका क्या कहना है, इन्हें कैसे देखते हैं? जवाब- पहले के समय में फिल्म क्रिटिक्स की संख्या कम होती थी। आज जिसके पास फोन है, वो फिल्म क्रिटिक बना घूम रहा है। इनका कुछ एजेंडा भी हो सकता है। खैर, अगर इन पर ज्यादा ध्यान दिया तो खुद का ही दिमाग खराब होगा। वैसे भी, मेरा मानना यही है कि इस दुनिया में हम सभी को खुश नहीं रख सकते।

सवाल- आपको चार नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं, पद्म श्री से भी सम्मानित हैं। हालांकि, आप फिल्मी अवॉर्ड्स शो में क्यों नहीं दिखते? जवाब- इतने सारे अवॉर्ड शो हो गए हैं, समझ नहीं आता कि जेन्यून कौन सा है। ये टीवी शो ज्यादा लगते हैं। जो एक्टर मौजूद रहता है, उसे अवॉर्ड दे देते हैं, जो नहीं होता उसे नहीं देते हैं। इसलिए मैं इन अवॉर्ड शोज को सीरियसली नहीं लेता।

सवाल- संजय दत्त, सलमान खान और अक्षय कुमार में से आपके फेवरेट को-एक्टर कौन हैं? जवाब– मैंने इन सभी के साथ काम किया है। इन लोगों के साथ काम करने में मजा आया था। इनके साथ बहुत अच्छा बॉन्ड शेयर करता हूं। यह तीनों मेरे दोस्त हैं।

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