मध्य प्रदेश के उज्जैन के मैक्स अस्पताल में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां ऑपरेशन थियेटर में औजारों को साफ करने वाली ऑटो क्लेव मशीन का ढक्कन अचानक खुल गया। इसके बाद वहां मौजूद दो कर्मचारी झुलस गए।
By Prashant Pandey
Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 12:15:28 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 12:22:49 PM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन(Max Hospital Ujjain)। उज्जैन शहर के नानाखेड़ा स्थित मैक्स अस्पताल में गुरुवार को गंभीर हादसा हो गया। ऑपरेशन थियेटर के औजारों को ऑटो क्लेव मशीन से किटाणु रहित किया जा रहा था। उसी दौरान मशीन का ढक्कन खुल गया। इससे वहां काम कर रही युवती व युवक बुरी तरह झुलस गए।
दोनों को इलाज के लिए इंदौर रैफर किया गया है। अस्पताल की लापरवाही के कारण सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने दस दिन के लिए लाइसेंस निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। वहीं मामले की जांच की जा रही है।
औजारों को किटाणु रहित कर रहे थे
नानाखेड़ा पुलिस ने बताया कि मैक्स केयर अस्पताल में गुरुवार दोपहर मीनाक्षी पुत्री करणसिंह परमार उम्र 25 वर्ष निवासी मक्सी, हालमुकाम नागझिरी दूसरे कर्मचारी अखिलेश पुत्र कालूजी उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम पिपलोन हालमुकान रतन एक्सटेंशन कॉलोनी के साथ काम कर रही थी।
दोनों ऑपरेशन थियेटर में उपयोग में आने वाले उपकरण व औजारों को ऑटो क्लेव मशीन में किटाणु रहित कर रहे थे। मशीन में गर्म पानी की भाप से औजारों को किटाणु रहित किया जाता है। उसी दौरान एकाएक मशीन का ढक्कन खुल गया था। जिससे मीनाक्षी व अखिलेश बुरी तरह झुलस गए।
पहले बरगलाते रहे, हालत देखी तो इंदौर भेजने को कहा
हादसे की जानकारी मिलने पर सीएमएचओ डा. अशोक पटेल ने टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार को मौके पर भेजा था। जहां अस्पताल के कर्मचारी उन्हें छोटा हादसा होने व कर्मचारियों को मामूली झुलसना बताया था। मगर जब डॉ. परमार ने दोनों कर्मचारियों की हालत देखी तो इसकी जानकारी सीएमएचओ को दी। इसके बाद दोनों को बेहतर उपचार के लिए इंदौर भेजने के निर्देश दिए गए।
ऑटो क्लेव रजिस्टर नहीं दिया, लाइसेंस किया निरस्त
गंभीर हादसा होने की जानकारी के बाद सीएमएअचो डॉ. अशोक पटेल मौके पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने अस्पताल कर्मचारियों से आटो क्लेव रजिस्टर बुलवाया था। मगर कर्मचारियों ने उन्हें काफी देर तक बरगलाया कि रजिस्टर अलमारी में रखकर ताला लगाकर कर्मचारी कहीं चले गए हैं।
इस पर सीएमएचओ डॉ. पटेल ने कमरा सील करने को कहा, वहीं अस्पताल का लाइसेंस दस दिन के लिए निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
चार माह से काम कर रही थी युवती
अस्पताल संचालक सदीपसिंह बैस ने कहा कि अस्पताल में काम करने वाली मीनाक्षी परमार चार माह से अस्पताल में ऑटो क्लेव का काम कर रही थी। वहीं अखिलेश को भी ट्रेनिंग के लिए रखा गया था। ऑटो क्लेव मशीन एक तरह से औजारों व उपकरणों को किटाणु रहित करने का कुकर है। मशीन का ढक्कन जल्दी खोलने से भाप निकलने के कारण दोनों कर्मचारी झुलसे है। इनके उपचार की व्यवस्था की गई है।
धमाके की आवाज के बाद झुलसी हालत में नीचे पहुंचे थे कर्मचारी
अस्पताल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि दोपहर करीब एक बजे अस्पताल में जोरदार धमका होने की आवाज सुनाई दी थी। इससे एक खिड़की का कांच भी फूट गया था। इसके बाद युवती व युवक झुलसी अवस्था में अस्पताल के नीचे आ गए थे। दोनों जलने के कारण काफी तड़प रहे थे। इसके बाद दोनों को अस्पताल कर्मचारी ऊपर ले गए थे।
250 डिग्री फारनेहाइट रहता है तापमान
ऑटो क्लेव स्टीम स्टेरलाइजर में 250 डिग्री फारनेहाइट का तापमान रहता है। इसमें गर्म पानी के साथ भाप रहती है। इससे ऑपरेशन करने वाले औजारों व उपकरणों में सूक्ष्म किटाणु मर जाते हैं। इसके बाद उपकरणों का उपयोग ऑपरेशन के लिए होता है।