जिला मुख्यालय और कई ब्लाकों के अधिकारी कर्मचारी बाहर से अपडाउन करते हैं। उन लोगों ने समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने के लिए निरीक्षण का बहाना ढूंढ लिया है। जिला विपणन विभाग, उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं सहित अन्य कई विभाग के अधिकारी कर्मचारी तो अब धान खरीदी शुरू होते ही केंद्रों के निरीक्षण का बहाना बनाएंगे और इसी के चलते विलंब होने का बहाना मिल जाएगा।
By komal Shukla
Publish Date: Sat, 16 Nov 2024 01:00:48 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 16 Nov 2024 01:00:48 AM (IST)
HighLights
- अधिकारी कर्मचारी पहुंचते हैं 11 बजे तक कार्यालय
- कर्मचारियों की मनमानी के आगे बेबस प्रशासन
- सुबह दस बजे है पहुंचने का समय, नियम भी बेअसर
नईदुनिया न्यूज, जांजगीर चांपा : प्रदेशभर में सरकारी कार्यालयों में कामकाज आधा घंटा पहले शुरू करने का आदेश दो साल पहले जारी हुआ था मगर अब तक अधिकारी कर्मचारियों की आदत में नया समय शुमार नहीं हो सका है। बिलासपुर कोरबा व अन्य शहरों से अपडाउन करने वाले कई विभाग के अधिकारी कर्मचारी सुबह 10:45 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचते हैं। अधिकारी कर्मचारियों की कुर्सियां खाली रहती है।
जबकि सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंचकर कामकाज शुरू करने का समय है।सरकार ने कर्मचारियों की सुविधा के लिए दो दिन अवकाश और बाकी पांच दिन काम के घंटे में बढ़ोतरी की है। मगर इसका लाभ जिलेवासियों को कम और अधिकारी कर्मचारियों को अधिक मिल रहा है। दो साल बाद भी अधिकारी कर्मचारियों की आदत नहीं सुधरी है। कई अधिकारी कर्मचारी अभी भी सुबह 10 बजे कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।
ऐसे में दूर दराज से पहुंचने वाले लोगों को घंटे भर इंतजार करना पड़ता है। नईदुनिया ने जिला मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों की पड़ताल की तो जिला विपणन विभाग के अधिकारी कर्मचारी सुबह दस बजे से लेकर 11 बजे तक एक -एक कर कार्यालय पहुंचते रहे। इसी तरह जल संसाधन संभाग क्रमांक 2, अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे थे। जबकि एसडीओ जल संसाधन जांजगीर के कार्यालय का तो ताला ही नहीं खुला था।
इसी तरह कलेक्टोरेट के भू अभिलेख शाखा, खनिज, सांख्यिकी, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य शाखाओं में सुबह 10ः30 बजे तक अधिकारी नहीं पहुंचे थे। कुछ जगह कर्मचारी जरूर दिखे। रोज की तरह अधिकारी कर्मचारी पुराने समय में ही कार्यालय पहुंचते हैं। इस तरह अधिकारी कर्मचारी सप्ताह में दो दिन छुट्टी के अलावा रोज एक घंटे विलंब से पहुंचेंगे तो आम जनता की परेशानी और बढ़ जाएगी।
ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय के कार्यालय में ही नहीं मैदानी स्तर के कार्यालयों में भी यही हाल है। ज्यादातर ब्लाक मुख्यालय तथा नगरीय निकाय के अधिकारी कर्मचारी भी मुख्यालय में नहीं रहते और अलग – अलग जगहों से अपडाउन करते हैं। इसके चलते वे भी विलंब से पहुंचते हैं। काम लेकर पहुंचे लोगों को अधिकारी कर्मचारियों के कार्यालय आने तक इंतजार करना पड़ता है।
निरीक्षण हो रहा और न कार्रवाई
निर्धारित समय में पर कार्यालय नहीं पहुंचने वाले अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति जानने के लिए अब न औचक निरीक्षण हो रहा है और न अनुपस्थित अधिकारी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई हो रही है। पूर्व में कलेक्टर ने सभी डिप्टी कलेक्टर और सभी अनुविभागीय अधिकारियों को कार्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों ने निरीक्षण कर रिपोर्ट दिया था जिसके आधार पर अनुपस्थित अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस दिया गया था। मगर अब निरीक्षण करने वाले अधिकारियों का ही पता नहीं है।
समय पर नहीं पहुंचने निरीक्षण का बहाना
कई ब्लाक के बीईओ, एबीईओ भी स्कूलों का निरीक्षण का बहाना बनाते हैं। जबकि नियमानुसार किसी भी अधिकारी को मुख्यालय में उपस्थिति देने के बाद ही काम काज शुरू करना है।
जनगणमन को भी भूल गए अधिकारी कर्मचारी
कलेक्टर आकाश छिकारा ने पदभार ग्रहण करने के बाद यह निर्देश जारी किया था कि जिला कार्यालय सहित सभी कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारी सुबह दस बजे पहुंचेंगे और जनगणमन गायन के बाद कामकाज शुरू करेंगे। शुरूआत में कलेक्टर को दिखाने के लिए कुछ जिला कार्यालयों में जनगणमन की शुरूआत हुई थी। मगर अब समय पर कार्यालय पहुंचना तो दूर अधिकारी कर्मचारी जनगणमन का गायन करना ही भूल गए हैं।
मूल वेतन का सात फीसदी मिलता है मुख्यालय भत्ता
शासकीय विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के लिए मुख्यालय भत्ता भी मिलता है। इसके लिए शहरों को अलग अलग श्रेणी में बांटा गया है। जिला मुख्यालय के अधिकारी कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का सात फीसदी गृहभाड़ा भत्ता के रूप में मिलता है।
मगर दूसरे शहर में अपने घर में रहने वाले ज्यादातर कर्मचारी गलत जानकारी देकर इस भत्ते का लाभ ले रहे हैं। कई अधिकारी कर्मचारियों ने सरकारी आवास भी आवंटित कराया है। मगर वे यहां रहते नहीं हैं। वहीं कुछ अधिकारी कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदार या मित्रों का पता देकर अपना अस्थाई निवास बताया है। अगर इसकी जांच की जाए तो कई अधिकारी कर्मचारी ऐसे मिलेंगे।
सभी विभागों का निरीक्षण कराएंगे और जिला अधिकारियों को निर्देशित करेंगे कि वे और कर्मचारी निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचकर कामकाज शुरू करें। निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिलने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
एसपी वैद्य
अपर कलेक्टर, जांजगीर चांपा
समय पर कार्यालय नहीं आने वाले अधिकारी कर्मचारियों को