महिला के पति ने कपड़ों के आधार पर पहचान कर ली है लेकिन पुलिस ने अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है। डीएनए जांच के बाद ही मृतकों को लेकर स्पष्ट जानकारी दे पाने की जानकारी पुलिस दे रही है। जबकि घटनास्थल पर मिली सामग्रियां लापता लोगों की ओर ही इशारा भी कर रही है। पुलिस ने मानव कंकाल को जब्त कर लिया है।
By Asim Sen Gupta
Publish Date: Sat, 16 Nov 2024 01:19:27 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 16 Nov 2024 01:19:27 AM (IST)
HighLights
- कुसमी से 27 सितंबर को लापता हुए थे तीनों, संदेही हिरासत में
- पुलिस ने कहा- डीएनए जांच से होगी पहचान
- हत्या कर शव फेंक देने का संदेह
नईदुनिया न्यूज,बलरामपुर : जिला मुख्यालय बलरामपुर से लगे ग्राम दहेजवार में तीन मानव कंकाल मिला है। ये तीनों मानव कंकाल कुसमी से लापता महिला व उसके दो बच्चों का होने का दावा स्वजन ने किया है। महिला के पति ने कपड़ों के आधार पर पहचान कर ली है लेकिन पुलिस ने अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है। डीएनए जांच के बाद ही मृतकों को लेकर स्पष्ट जानकारी दे पाने की जानकारी पुलिस दे रही है। जबकि घटनास्थल पर मिली सामग्रियां लापता लोगों की ओर ही इशारा भी कर रही है। पुलिस ने मानव कंकाल को जब्त कर लिया है। पूरे मामले में झारखंड के बरगढ़ निवासी एक व्यक्ति का नाम संदेही के रूप में सामने आया है। पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है।
बलरामपुर से लगे ग्राम दहेजवार में एक फ्लाई एश ब्रिक्स प्लांट वर्षों से बंद पड़ा है। उसी प्लांट परिसर से लगा हुआ रामनाथ नामक ग्रामीण का खेत है। रामनाथ के खेत में धान की फसल पक चुकी है। कटाई से पहले शुक्रवार सुबह वह खेत में गया था। उसी दौरान उसे तीनों मानव कंकाल नजर आया। सूचना मिलते ही बलरामपुर पुलिस की टीम ने समूचे क्षेत्र को सील कर दिया। अंबिकापुर से विधि विज्ञान विशेषज्ञ कुलदीप कुजूर के पहुंचने के बाद खेत की जांच की गई। एक ही स्थान पर तीन मानव कंकाल मिला।तीन खोपड़ी भी उसी स्थान पर थी। कुछ हड्डियां इधर-उधर बिखरी पड़ी हुई थी। 70 से 80 फीट के दायरे में पुलिस ने फारेंसिक टीम की उपस्थिति में मानव कंकाल और हड्डियों को एकत्रित किया। इसे जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। मानव कंकाल का पोस्टमार्टम भी कराया गया है।
इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज का कहना है कि नर कंकाल की पहचान डीएनए जांच से ही स्पष्ट होती है। डीएनए जांच के लिए सैंपल ले लिए गए हैं। घरवालों ने प्रारंभिक पहचान की है लेकिन इसकी पुष्टि डीएनए जांच से होगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा। मामला हत्या का है या नहीं इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द दोनों रिपोर्ट प्राप्त हो और सारी स्थिति स्पष्ट हो सके।
घटनास्थल पर मिले कपड़ों से स्वजन ने की पहचान
घटनास्थल पर पुलिस को साड़ी, पेटीकोट , लेगीज और एक छोटा हाफ पैंट मिला था। इसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। मानव कंकाल मिलने के बाद लापता लोगों की पड़ताल में पता चला कि कुसमी की महिला बेटी और बेटे के साथ 27 सितंबर से लापता है। इन तीनों की आयु के हिसाब से घटनास्थल पर मिले मानव कंकाल मेल खा रहे थे। इसी आधार पर महिला के पति व स्वजन को बुलाया गया था। महिला के स्वजन ने कपड़ों के आधार पर उनकी पहचान भी कर ली है लेकिन पुलिस ने अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है।
27 सितंबर से बेटा- बेटी के साथ लापता है महिला
कुसमी बाजार पारा निवासी सूरजदेव ठाकुर की पत्नी कौशल्या ठाकुर (35) अपनी पुत्री मुक्तावती (17) और पांच वर्षीय बेटे मिंटू ठाकुर के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई है। कुसमी पुलिस ने इस मामले में गुम इंसान क़ायम किया है। महिला के लापता होने के बाद ही स्वजन ने कुसमी थाने में लिखित शिकायत कर झारखंड के गढ़वा जिले के बरगढ़ निवासी एक व्यक्ति द्वारा झांसा देकर तीनों को ले जाने का आरोप लगाया था। शव मिलने के बाद पुलिस इस मामले में झारखंड और बलरामपुर में कुछ जगहों पर दबिश दे चुकी है। खबर है कि संदेही पकड़ में आ चुका है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। शव नहीं मिलने से पहले तक पुलिस द्वारा प्रकरण को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लग रहा है।
धान के खेत में फेंक दिया था तीनों शव
घटनास्थल की परिस्थितियों को देखकर प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है। तीनों मृतकों के शव को धान के खेत के किनारे उस स्थल पर फेंक दिया गया था जहां से एक नाला बहता है। तीनों शव ऊपर ही थे। उन्हें खोदकर दफनाया भी नहीं गया था। खेत के आसपास किसी का घर भी नहीं है। लोगों का आना – जाना भी नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि जब धान के पौधे बड़े हो गए होंगे उसी दौरान तीनों शव को लाकर वहां फेंक दिया गया होगा। अभी धान कटाई की तैयारी के दौरान यह मामला सामने आया।
स्वजन ने लगाया आरोप : अच्छे से नहीं हुई छानबीन
महिला के परिवार के सदस्यों ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। महिला के रिश्तेदार रिंकू श्रीवास ने बताया कि महिला और उसके दोनों बच्चों के लापता होने के बाद लगातार उनकी खोजबीन की जा रही थी, जिस व्यक्ति पर संदेह था उसके संबंध में भी पुलिस को जानकारी दी गई थी। छानबीन के दौरान चार अक्टूबर को पुलिस के साथ वे लोग दहेजवार गांव तक पहुंचे थे। यहां धान के खेत के आसपास दुर्गंध आ रही थी। पुलिसकर्मियों से आग्रह किया गया था कि आसपास खोजबीन कर लेते हैं लेकिन यह कहते हुए खोजबीन करने से इंकार कर दिया गया था कि धान के खेतों में कीटनाशक का छिड़काव किया गया होगा। धान के खेतों के आसपास ऐसी दुर्गंध आती है।
कुसमी में रहकर ठेकेदारी करता था संदेही
महिला और उसकी बेटी तथा बेटे के लापता होने के पीछे जिस संदेही का नाम स्वजन ने पुलिस को बताया है, वह कुसमी में रहकर ठेकेदारी का काम करता था। महिला के घर उसका आना-जाना था। महिला के पति सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी समय-समय पर महिला और उसके दोनों बच्चों को खोजने की गुहार लगाई थी। लिखित आवेदन सौंप कर संदेह जताया था कि कुसमी में रहकर ठेकेदारी का काम करने वाले झारखंड के व्यक्ति द्वारा तीनों को कहीं बेच दिया गया होगा।बहला-फुसलाकर तीनों को ले जाने का आरोप लगाया गया था। इस गंभीर आरोप के बाद भी पुलिस की ओर से कथित रूप से जांच में तत्परता नहीं बरती गई थी।