आखिर क्यों है ‘नॉर्मलाइजेशन’ को लेकर छात्रों में गुस्सा, समझें कैसे तय होते हैं नंबर, किन परीक्षाओं में लागू?

आखिर क्यों है ‘नॉर्मलाइजेशन’ को लेकर छात्रों में गुस्सा, समझें कैसे तय होते हैं नंबर, किन परीक्षाओं में लागू?

यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के दबाव में दो शिफ्टों में होने वाली परीक्षा का निर्णय वापस ले लिया। अब पीसीएस और RO/ARO परीक्षा एक दिन में आयोजित होगी। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षा के अंकों को समान स्तर पर लाया जाता है, जिससे आसान और कठिन प्रश्नपत्रों के बीच असमानता दूर की जा सके।

By Anurag Mishra

Publish Date: Thu, 14 Nov 2024 05:29:47 PM (IST)

Up to date Date: Thu, 14 Nov 2024 10:10:33 PM (IST)

नॉर्मलाइजेशन की पूरी प्रक्रिया को समझें।

डिजिटल डेस्क, इंदौर। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के दबाव में दो शिफ्टों में होने वाली परीक्षा का निर्णय वापस ले लिया। प्रयागराज में 20 हजार छात्रों के विरोध के बाद आयोग ने घोषणा की कि एक दिन में प्रारंभिक परीक्षा होगी। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा- 2023 के लिए एक नई कमेटी बनाई जाएगी। पीसीएस परीक्षा अब दिसंबर में 7-8 के बजाय नई तिथियों पर आयोजित होगी, जबकि RO/ARO परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है।

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन

नॉर्मलाइजेशन एक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षा के परिणामों को समान स्तर पर लाना होता है। इसका कारण यह है कि जब एक से अधिक शिफ्टों में परीक्षा होती है, तो हर शिफ्ट का प्रश्न पत्र थोड़ा अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को अधिक आसान या कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़ता है।

उदाहरण के साथ समझते हैं…

मान लीजिए, अगर एक परीक्षा दो पालियों में हो रही है। अगर पहली पाली में प्रश्न पत्र आसान है, तो उस पाली के छात्र ज्यादा प्रश्न हल कर सकते हैं। दूसरी पाली में अगर प्रश्न पत्र कठिन होता है, तो वहां के छात्र उतने प्रश्न नहीं हल कर पाते। इस असमानता को दूर करने के लिए नॉर्मलाइजेशन किया जाता है।

नॉर्मलाइजेशन का तरीका

मान लीजिए पहली पाली में किसी छात्र ने 80 अंक प्राप्त किए और दूसरी पाली में 70 अंक पाने वाले छात्र को उसी अंक के स्तर पर लाने के लिए, नॉर्मलाइजेशन के जरिए उनके अंक समायोजित किए जाते हैं, जिससे दोनों के प्रदर्शन को समान रूप से माना जा सके। इस प्रक्रिया से दोनों पालियों के छात्रों के बीच किसी प्रकार की भेदभाव की स्थिति समाप्त हो जाती है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के कारण उनकी मेहनत और प्रदर्शन पर फर्क पड़ता है, इसलिए वे इसे समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।

इन परीक्षाओं में भी नॉर्मलाइजेशन लागू है…

यूपी लोक सेवा आयोग की तरह कर्मचारी चयन आयोग (SSC), पुलिस भर्ती परीक्षा, रेलवे भर्ती बोर्ड, एनटीए सहित कई परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन लागू है। इनमें भी एक से ज्यादा पालियों में परीक्षाएं कराई जाती हैं। उसके बाद अंकों को नॉर्मलाइजेशन कर देते हैं।

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