मध्य प्रदेश के हरदा जिले में टिमरनी थाना क्षेत्र के डगावानीमा गांव में एक दुखद घटना घटी। 74 वर्षीय बाबूलाल जाट ने रास्ते के विवाद के बाद आत्महत्या कर ली। परिजन ने कलेक्टर बंगले के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया।
By Anurag Mishra
Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 05:58:02 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 05:58:02 PM (IST)
HighLights
- रास्ते के विवाद से परेशान था बुजुर्ग किसान
- परिजनों का तहसीलदार पर भेदभाव का आरोप
- लिखित आश्वासन के बाद किया अंतिम संस्कार
नईदुनिया प्रतिनिधि, हरदा। जिले के टिमरनी थाना क्षेत्र के डगावानीमा गांव में रास्ते के विवाद के बाद बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। गुस्साए परिजन ने शुक्रवार को कलेक्टर बंगले के सामने बुजुर्ग का शव रखकर करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया।
डगावानीमा निवासी 74 वर्षीय बाबूलाल जाट ने एक दिन पहले गुरुवार को विवाद के बाद जहर खा लिया। परिजन शाम को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई। सुबह करीब 11 बजे परिजन बुजुर्ग का शव लेकर हरदा पहुंचे। उसके बाद विरोध प्रदर्शन कर शव को कलेक्टर आदित्य सिंह के बंगले के सामने रखकर इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे प्रदर्शन करने लगे।
थाना प्रभारी प्रहलाद सिंह मर्सकोले सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने परिजन को समझाइश देने पहुंचे, लेकिन वह नहीं माने। मौके पर संयुक्त कलेक्टर रजनी वर्मा, एएसपी आरडी प्रजापति ने परिजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। शव को कलेक्टर निवास के सामने से हटाने के लिए कहा, जिस पर परिजन और अधिकारियों के बीच बहस भी हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त कलेक्टर वर्मा ने परिजन को लिखित में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद वह शव लेकर हंडिया पहुंचे, जहां नर्मदा किनारे दाेपहर में अंतिम संस्कार किया।
ये है मामला
परिजन का आरोप है कि रास्ते को लेकर गांव के ही एक किसान से विवाद हुआ था, जिसके बाद बुजुर्ग को धमकियां मिल रही थी। इसी से परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक के पुत्र सुनील जाट ने कहा कि उनके पिता का गांव के ही रामेश्वर जाट के साथ रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। प्रकरण तहसीलदार न्यायालय में भी चल रहा था। जमीन पर दोनों किसान अपना-अपना दावा जता रहे थे। सुनील ने तहसीलदार पर भी आरोप लगाए। तहसीलदार ने गलत आदेश दिया, जिससे पिता परेशान रहते थे।