अगर, आप शेयर बाजार में सुरक्षित निवेश के विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो टैक्स-फ्री बॉड्स एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इनमें निवेश करने पर आपको मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स नहीं देना होगा और ये सुरक्षित निवेश विकल्प हैं। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ भी एक आकर्षक विकल्प है।
By Anurag Mishra
Publish Date: Sat, 02 Nov 2024 02:11:49 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 02 Nov 2024 02:11:49 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, इंदौर। आजकल निवेश को लेकर लोग बहुत परेशान रहते हैं, लेकिन कई विकल्प मौजूद हैं। इनका उपोयग कर शानदार रिटर्न का लाभ मिल सकता है। अभी टैक्स-फ्री बॉड्स खासकर आकर्षक बन गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से ब्याज दरें घटाने की उम्मीदों के चलते बॉड्स की लोकप्रियता बढ़ गई है।
निवेशक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इन टैक्स-फ्री बॉड्स में निवेश कर सकते हैं। वर्तमान में कुछ टैक्स-फ्री बॉड्स अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इनका यील्ड भी आकर्षक है। ये बॉड्स सुरक्षित हैं और नियमित आय का शानदार सोर्स हैं। यह बॉन्ड उन निवेशकों को फायदा पहुंचायेगा, जो ज्यादा टैक्स स्लैब (Tax Slab) का हिस्सा हैं।
ये कंपनियां बॉन्ड्स में निवेश के लिए बेहतर
बाजार में कुल 14 सरकारी कंपनियों, जैसे NHAI, IRFC, और PFC, ने टैक्स-फ्री बॉड्स जारी किए हैं। ये बॉड्स 2012 से 2016 के बीच आए हैं। इन्हें 10, 15, और 20 साल के लिए जारी किया है। इन बॉड्स की ट्रेडिंग मुख्य स्टॉक एक्सचेंज पर होती है। खास बात यह है कि इन पर मिलने वाला ब्याज हर साल मिलता है और लगभग सभी को ‘AAA’ रेटिंग प्राप्त है।
बॉन्ड एक सिक्योर निवेश
टैक्स-फ्री बॉन्ड निवेशकों के लिए अच्छा है, क्यों कि इससे होने वाली इनकम पर सरकार की तरफ से कोई टैक्स नहीं लगाया जाता है। इनको सरकारी कंपनियां जा करती हैं, इसलिए इसमें किसी भी तरह का रिस्क नहीं होता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। यह आपकी सेविंग को सिक्योर करता है। उसके साथ आप एक रेगुलर इनकम को जनरेट कर पाते हैं।
सरकारी कंपनी के टैक्स-फ्री बॉड्स में निवेश करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए…
- क्रेडिट रेटिंग: बॉड्स की रेटिंग चेक करें, ‘AAA’ रेटिंग बेहतर होती है।
- ब्याज दर: विभिन्न बॉड्स की ब्याज दरों की तुलना करें।
- निवेश की अवधि: 10, 15, या 20 साल की अवधि के अनुसार योजना बनाएं।
- तरलता: बाजार में बॉड्स की ट्रेडिंग की स्थिति जानें।
- कंपनी की प्रतिष्ठा: सरकारी कंपनी की वित्तीय स्थिति और प्रतिष्ठा पर गौर करें।
- निवेश का लक्ष्य: अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार बॉड्स का चयन करें।