मध्य प्रदेश के जबलपुर में यह संग्रहालय परिसर ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यहीं पर राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को उनके बलिदान से चार दिन पहले कैद करके रखा गया था। इस ऐतिहासिक महत्व की इमारत को पारम्परिक संरक्षण विधि से उसके मूल स्वरूप में पुनर्निमित किया गया है।
By Dheeraj kumar Bajpai
Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 02:18:24 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 02:18:24 PM (IST)
HighLights
- 14.26 करोड़ से भवन के जीर्णोद्वार एवं क्यूरेशन का कार्य।
- पुनर्निमित करने का लक्ष्य आने वाली पीढियां प्रेरणा ले सके।
- गोंड जनजातीय संस्कृति को पास से जानने का मौका मिलेगा।
नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur Information)। जबलपुर में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह स्वंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया। अद्वितीय वीरता और अदम्य साहस के प्रतीक राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के सम्मान में मध्य प्रदेश सरकार और जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के महयोग से वर्ष 2021 में जबलपुर में संग्रहालय का निर्माण किया गया।
14.26 करोड़ से जीर्णोद्वार एवं क्यूरेशन का कार्य किया गया
इस संग्रहालय की एक एकड़ भूमि पर राशि रु. 14.26 करोड़ की लागत से भारतीय सांस्कृतिक निधि (Indian Nationwide belief for Artwork and Tradition) नई दिल्ली के द्वारा भवन के जीर्णोद्वार एवं क्यूरेशन का कार्य किया गया।
पुनर्निमित करने का लक्ष्य आने वाली पीढियां प्रेरणा ले सके
पुनर्निमित करने का लक्ष्य है राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान का प्रतीक यह स्थल आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणा और गर्व का एक स्थायी स्रोत बना रहे। परिसर का जेल भवन जहां राजा एवं कुंवर को कैद करके रखा गया था, में उनकी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जनजातीय समुदाय के लोग इस स्थल को पवित्र मानते हैं और यहां श्रृद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।
संग्रहालय में गोंड जनजातीय संस्कृति को पास से जानने का मौका
- संग्रहालय की प्रथम दीर्घा में गोंड जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है।
- द्वितीय दीर्घा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सेनानियों को समर्पित है।
- तृतीय दीर्घा को राजा शंकरशाह के दरवार हाल के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
- राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान को फिल्म के माध्यम से देखें।
- रानियों के एवं 52 वीं रेजीमेंट के विद्रोह को अगली गैलरी में प्रदर्शित किया गया है।
- अंतिम में श्री डी होलोग्राम के माध्यम से राजा एवं कुंवर को श्रृद्धांजलि देते दिखेंगे।
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आज का दिन यह वाकई हमारे लिए अद्भुत दिन है
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