MP Information: खंडवा जिला अस्पताल की चौखट पर अंधविश्‍वास का खुला खेल, तांत्रिक बाबा ने की झाड़-फूंक, मरीज की जान गई

MP News: खंडवा जिला अस्पताल की चौखट पर अंधविश्‍वास का खुला खेल, तांत्रिक बाबा ने की झाड़-फूंक, मरीज की जान गई

मामला मध्‍य प्रदेश के खंडवा शहर के जिला अस्‍पताल का है। पेट दर्द से परेशान एक मरीज को जिला अस्‍पताल उपचार के लिए लाया गया था। मरीज को डॉक्‍टर के पास ले जाने की बजाए अस्‍पताल के गेट पर ही एक तांत्रिक ने झाड़-फूंक की। इलाज में देरी के कारण मरीज की मौत हो गई।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Thu, 04 Jul 2024 07:28:15 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 04 Jul 2024 07:28:15 AM (IST)

खंडवा जिला अस्पताल परिसर में मरीज को झांड़-फूंक के लिए जमीन पर बैठा दिया। 

HighLights

  1. मरीज को एंबुलेंस से उतारने के बाद इलाज के लिए चिकित्सक के पास नहीं ले गए।
  2. खंडवा जिला अस्पताल के गेट पर ही तांत्रिक बाबा ने झाड़-फूंक आरंभ कर दी।
  3. लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो गई, इस बीच मूकदर्शक बना रहा सिस्टम।

नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। जिला अस्पताल के गेट पर हरसूद से रेफर मरीज को एंबुलेंस से उतारने के बाद चिकित्सक के पास ले जाने के बजाय अस्पताल के गेट पर ही तांत्रिक बाबा ने झाड़-फूंक शुरू कर दी।

मौजूद लोग व कर्मचारी मूकदर्शक बने

तांत्रिक का ड्रामा वहां मौजूद लोग व कर्मचारी मूकदर्शक बनकर देखते रहे। बाद में इलाज के लिए ले जाने के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी वायरल होने के बावजूद स्वास्थ्य महकमा अनजान बना हुआ है।

यह है मामला

मंगलवार रात करीब 10 बजे खालवा क्षेत्र के मातापुर निवासी अमर सिंह उर्फ कल्लू को पेट फूलने और दर्द होने पर इलाज के लिए एंबुलेंस जिला अस्पताल लेकर पहुंची थी।

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अस्‍पताल के गेट के पास ही मरीज को बिठा दिया

यहां मरीज को एंबुलेंस से उतारने के बाद एक कथित बाबा आया और उसे गेट के पास नीचे ही बिठा दिया और झाड़-फूंक करता रहा।

कुछ समय बाद हो गई मरीज की मौत

कुछ समय बाद मरीज को स्ट्रेचर पर डाल कर ड्यूटी डाॅक्टर के पास ले गए। यहां कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। लोगों का कहना है कि अस्पताल की दहलीज पर भी अंधविश्वास हावी है। बताया जाता है कि इस कथित बाबा की झाड़-फूंक के चलते मरीज को उपचार मिलने में विलंब हुआ।

इनका कहना है

मरीज के साथ अस्पताल में झाड़-फूंक होने की कोई जानकारी नहीं है। शव गांव ले जाने में परिवार सक्षम नहीं था, इसलिए स्वजन को वाहन उपलब्ध करवाया गया है।

-डाॅ. संजीव दीक्षित, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, खंडवा

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