MP Excessive Courtroom: हाई कोर्ट ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी व विधायक भूरिया की याचिका पर मांगा जवाब

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एमपी के अलिराजपुर में हुई 12 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर एक मैसेज पोस्ट कर सरकार से अपेक्षा की थी। लिहाजा, जल्द से जल्द एक्शन लिया जाना चाहिए। जो भी इस केस में दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

By Surendra Dubey

Publish Date: Thu, 04 Jul 2024 07:54:18 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 04 Jul 2024 07:54:18 AM (IST)

सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की पहचान उजागर करने के आरोप में दर्ज एफआइआर को चुनौती का मामला।

HighLights

  1. आगामी सुनवाई को तिथि 12 अगस्त तक का समय दिया है।
  2. इंटरनेट मीडिया के जरिए उजागर किया गया की गई थी।
  3. सभी कांग्रेसी बोले- जो आरोप लगाए गए हैं, वह भ्रामक हैं।

नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी व कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया की याचिका पर अनावेदक शिकायतकर्ता संगीता बघेल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए आगामी सुनवाई तिथि 12 अगस्त तक का समय दिया है। मामला सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की पहचान उजागर करने के आरोप को लेकर दोनों के विरुद्ध दर्ज कराई गई एफआइआर को चुनौती से संबंधित है।

जल्द से जल्द एक्शन लिया जाना चाहिए

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता वरुण तन्खा व शिवेंद्र पांडे ने रखा। दलील दी गई कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर एक मैसेज पोस्ट कर सरकार से अपेक्षा की थी कि 12 साल की बच्ची के साथ बड़ी घटना हुई है। लिहाजा, जल्द से जल्द एक्शन लिया जाना चाहिए।

दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर की गई

अधिवक्ता वरुण तन्खा ने कहा जो भी इस केस में दोषी है, उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए कड़ी सजा दी जानी चाहिए। एक्स पर किए गए उस पोस्ट को लेकर जोबट निवासी संगीता बघेल ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाते हुए यह कहा कि नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की पहचान को इंटरनेट मीडिया के जरिए उजागर की गई है।

कांग्रेसी बोले- जो आरोप लगाए गए, वह भ्रामक हैं

कांग्रेसी बोले- दरअसल, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। इसलिए जो आरोप लगाया गया है, वह भ्रामक हैं। राजनीतिक दबाव व द्वेष के चलते एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे कि हाई कोर्ट को निरस्त कर देना चाहिए। जब जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया पीड़िता से मिलने गए थे, तो कानून की सभी हिदायतों का ध्यान रखा था। पीड़िता के परिवार वालों ने ही दोनों याचिकाकर्ता को मिलने बुलाया था, और तभी वो लोग गए थे, उनके साथ ज्यादा भीड़ नहीं थी। विक्रांत भूरिया वहां के स्थानीय विधायक है, और उनका वहां जाना उनका हक भी बनता है।

क्या है मामला

अलीराजपुर जिले के जोबट तहसील में रहने वाली 12 साल की बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस घटना के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे।

घटना के बाद पीड़िता से मिलने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और स्थानीय विधायक विक्रांत भूरिया मिलने उसके घर गए थे। दोनों ही कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगा था कि पीड़िता से मुलाकात के दौरान इंटरनेट मीडिया हैंडल से उसकी तस्वीर को वायरल किया गया, जिससे कि पीड़िता की पहचान उजागर हुई थी।

मामले में जोबट की निवासी संगीता बघेल की शिकायत पर जोबट थाना पुलिस ने जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी। नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में फंसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने अपने विरुद्ध दर्ज एफआइआर को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

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