48 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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कार्तिक आर्यन स्टारर फिल्म चंदू चैंपियन ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की है। फिल्म में कार्तिक ने भारत के पहले पैरालिंपिक तैराक मुरलीकांत पेटकर का किरदार निभाया है। वहीं, इस फिल्म का डायरेक्शन कबीर खान ने किया है।
फिल्म की सफलता के बाद कार्तिक और कबीर खान ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है।
पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल- कार्तिक, जब आप मुरलीकांत पेटकर से मिले, तब उन्होंने आपको क्या फीडबैक दिया?
जवाब- जब हम लोग फिल्म की पहली स्क्रीनिंग पर मुरलीकांत जी से मिले थे, तब उन्होंने बहुत ज्यादा बात नहीं की थी। वे खुद की कहानी देख बहुत इमोशनल हो गए थे। पर्दे पर अपने सारे अचीवमेंट्स और स्ट्रगल को देख कर वे रोने लगे थे। उनके साथ हम सब भी इमोशनल हो गए थे। मुरलीकांत जी ने वैश्विक स्तर पर भारत को पहचान दिलाई थी, लेकिन यहां के ही अधिकतर लोग उन्हें और उनके अचीवमेंट्स के बारे में नहीं जानते थे।
फिर जब अगली स्क्रीनिंग पर हम दोबारा मिले तो उन्होंने बहुत खुशी जाहिर की। उन्होंने मेरी तारीफ में कहा था- तुम बिल्कुल मेरे जैसे स्विमिंग करते हो।
उनका ये मात्र कहना ही मेरे लिए सबसे बड़ी जीत थी। मुझे पहले बिल्कुल स्विमिंग नहीं आती थी। लेकिन उनके किरदार में ढलने के लिए जी तोड़ मेहनत की।
सवाल- कार्तिक, फिल्म में मुरलीकांत पेटेकर के रियल इमोशंस को पर्दे पर ढालने के लिए खुद को कैसे तैयार किया था।
जवाब- पर्दे पर मुरलीकांत जी के इमोशंस को फिर से जीवंत करना मेरे लिए मुश्किल था। मैं स्क्रिप्ट सेशन के दौरान सोचता रहता था कि कहां पर क्या और कैसे करना है। मैं हर एक शॉट में मुरलीकांत जी के जैसे बिहेव करना चाहता था।
इन प्रोसेस के दौरान कबीर सर ने बहुत सपोर्ट किया। वे मुझे शॉट देते वक्त फ्री छोड़ दिया करते थे और कहते थे- जो करना है करो।
जहां कहीं उन्हें कोई कमी लगती थी, उसे समझा कर ठीक करवाते थे। उनकी मदद से मैं परफेक्ट तरीके से इमोशंस के साथ एक्ट कर पाया।
आगे डायरेक्टर कबीर ने कार्तिक का साथ देते हुए कहा- इस फिल्म के लिए कार्तिक ने गजब का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन किया है। कार्तिक ने स्विमिंग, बॉक्सिंग जैसी चीजों पर एक-डेढ़ साल मेहनत की है। जब आप किसी किरदार के लिए इतने लंबे समय तक फिजिकल वर्कआउट करते हैं, तो आप ऑटोमैटिक उस किरदार के इमोशंस को भी एडाप्ट कर लेते हैं।
सवाल- कबीर, एक शख्स की पूरी लाइफ जर्नी को 3 घंटे की बायोपिक फिल्म में समेटना कितना मुश्किल होता है?
जवाब- किसी शख्स की पूरी लाइफ को 3 घंटे की फिल्म में समेटना बहुत मुश्किल होता है। जैसे, मुरलीकांत जी के लाइफ में ऐसे अनगिनत किस्से हैं, जिसे एक फिल्म में दिखा पाना मुश्किल है। रिसर्च के दौरान हमें इनके एक से एक प्रेरणादायक किस्से मिले।
हमारे पास चुनौती थी कि उनकी लाइफ के किस पार्ट को फिल्म में दिखाया जाए। फिर हमने डिसाइड किया कि मुरलीकांत जी के बचपन से लेकर भारत के पहले पैरालिंपिक तैराक बनने तक के सफर को फिल्म में दिखाया जाएगा।
सवाल- कार्तिक, फिजिकल ट्रेनिंग लेते वक्त आपके कंधे में चोट लग गई थी। उस समय आपने खुद पर कैसे काम किया?
जवाब- स्विमिंग और बॉक्सिंग में कंधों का मेजर रोल होता है। लेकिन एक वक्त ऐसा आया था कि चंदू चैंपियन की शूटिंग के वक्त मेरे दोनों कंधों में चोट लग गई थी। फिर भी उस कंडीशन में ट्रेनिंग जारी रखी।
मेरी किस्मत अच्छी रही कि इस दौरान मुझे अच्छे ट्रेनर मिले, जिन्होंने मुझे बॉक्सिंग, स्विमिंग समेत हर फिजिकल वर्कआउट में मदद की।
इस दौरान मैं खुद भी फोकस रहता था। खुद के डाइट पर ध्यान देता था कि एक दिन में कितनी कैलोरीज लेनी और कितना वर्कआउट करना है। हर दिन 8 घंटे की नींद जरूर लेता था। इस दौरान मैं एक स्पोर्ट्स पर्सन के जैसे रहने लगा था।
सवाल- कबीर, क्या आप फिर से कार्तिक के साथ काम करने वाले हैं?
जवाब- हां, बिल्कुल करेंगे। क्या पता अगला ही प्रोजेक्ट हमारा साथ में हो। जब भी कहानी अच्छी मिलेगी, हम साथ में जुड़ेगे। लेकिन ऐसा भी नहीं कि मैं कार्तिक को उस रोल का ऑफर दे दूंगा, जिसमें वे फिट ना हों। बाकी ये तो कन्फर्म है कि हम आगे भी साथ काम करेंगे।
इस सवाल पर कार्तिक ने भी कहा- कबीर सर मुझे आगे जो भी रोल ऑफर करेंगे, मैं उसमें जरूर काम करूंगा।