Ujjain Information: टेबल की दराज में रखवाए रिश्‍वत के 60 हजार रुपये, लोकायुक्त टीम ने सहायक यंत्री को पकड़ा

Ujjain News: टेबल की दराज में रखवाए रिश्‍वत के 60 हजार रुपये, लोकायुक्त टीम ने सहायक यंत्री को पकड़ा

लोकायुक्‍त टीम ने असिस्‍टेंट इंजीनियर को रिश्‍वत लेते पकड़ा है। सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने अधीक्षण यंत्री के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की थी। खुद के लिए भी दस हजार रुपये मांगे थे। बुधवार को पाटीदार रुपये लेकर जंतर-मंतर के सामने स्थित पीएचई के कार्यालय पहुंचा था। जहां सहायक यंत्री ने अपने कक्ष में ही टेबल की दराज खोल दी और रुपये उसमें रखवा लिए थे।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Wed, 03 Jul 2024 02:52:41 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 03 Jul 2024 03:08:55 PM (IST)

लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में कुर्सी पर बैठी महिला अधिकारी।

HighLights

  1. ठेकेदार ने निर्धारित समय से 4 महीने देरी से किया था काम।
  2. अधिकारियों ने रोक दिया था 10 लाख रुपए का भुगतान।
  3. इस राशि के एवज में इंजीनियर ने की थी रिश्‍वत की मांग।

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। लोकायुक्त ने बुधवार को पीएचई की सहायक यंत्री को सरकारी कार्यालय में 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

ठेकेदार की शिकायत पर कार्रवाई की गई। ठेकेदार ने वर्ष 2020 में जल जीवन योजना के तहत घट्टिया ब्लाक के झीतरखेड़ी व कालूखेड़ी में पानी की टंकियां बनाई थी, नल लगाए थे।

कुल 80 लाख रुपये का काम किया था। काम छह माह की बजाय चार माह विलंब से दस माह में पूरा किया था। मगर अधिकारियों ने उसका अंतिम भुगतान दस लाख रुपये रोक दिया था। इसे देने के एवज में सहायक यंत्री ने अधीक्षण यंत्री के नाम पर घूस की मांग की थी।

लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि अक्षय पाटीदार निवासी क्षीरसागर पेशे से सिविल इंजीनियर है। पाटीदार मानश्री के नाम से फर्म संचालित करता है।

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फर्म ने पीएचई से वर्ष 2020 में जल जीवन योजना के तहत घट्टिया ब्लाक के ग्राम झीतरखेड़ी व कालूखेड़ी में घर-घर नल लगाने व गांव में पानी की टंकी बनाने का ठेका 80 लाख रुपये में लिया था।

पाटीदार को छह माह में काम पूरा करना था। मगर वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लाॅकडाउन व विभागीय विलंब के कारण काम छह माह के बजाए दस माह में पूरा किया था।

इस कारण अधिकारियों ने उसका अंतिम भुगतान दस लाख रुपये रोक दिया था। तीन साल से भुगतान के लिए पाटीदार परेशान हो रहा था। उसने सीएम हेल्प लाइन पर भी शिकायत कर दी थी।

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लेवल चार पर शिकायत पहुंचने पर अधिकारी ठेकेदार का भुगतान करने को तैयार हुए थे। मगर पीएचई की सहायक यंत्री ने भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की थी। पाटीदार ने एक जुलाई को एसपी लोकायुक्त को शिकायत की थी। शिकायत का सत्यापन डीएसपी लोकायुक्त राजेश पाठक ने किया था। शिकायत सही पाए जाने पर बुधवार को लोकायुक्त ने सहायक यंत्री को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

कार्रवाई से कर्मचारी खुश

लोकायुक्त की कार्रवाई को लेकर पीएचई कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी खुश नजर आए। एक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि वह तीस साल से नौकरी कर रहा है। मेडम ने सभी कर्मचारियों को भी परेशान कर दिया था।

जांच के बाद अधीक्षण यंत्री पर होगी कार्रवाई

डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार महिला अधिकारी ने अधीक्षण यंत्री के नाम पर रुपये की मांग की थी। हालांकि अधीक्षण यंत्री पर जांच के बाद ही काेई कार्रवाई होगी।

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